करसोग: जिला मंडी के करसोग में शनिवार को तहसील कार्यालय में सेवाएं ठप रहीं. यहां सरकार के रवैये से नाराज राजस्व अधिकारियों के कैजुअल लीव पर जाने से तहसील कार्यालय सुनसान रहा. दूरदराज के क्षेत्रों से कुछ लोग (Revenue officer on casual leave in Karsog) जरूरी काम करवाने पहुंचे थे, उन्हें राजस्व अधिकारियों के कार्यालय में उपस्थित न रहने से खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. जिससे लोगों का कीमती समय और पैसे की बर्बादी हुई.
करसोग तहसील सहित सब तहसील पांगणा और बगशाड़ में लोगों के प्रमाण पत्र, रजिस्ट्री और इंतकाल जैसे जरूरी कार्य नहीं हुए. अभी 26 सितंबर को भी राजस्व अधिकारी कैजुअल लीव पर रहेंगे. इससे तहसील और सब तहसील में कार्य फिर से प्रभावित होंगे. ऐसे में अब आम जनता की मुश्किल बढ़ गई है. बता दें कि प्रदेश भर में राजस्व अधिकारी सरकार से काम के लिए सरकारी गाड़ी उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं. ताकि तहसीलदारों को आपदा के वक्त सरकारी कार्य से फील्ड में जाने के लिए सुविधा मिल सके.
इसके अतिरिक्त राजस्व अधिकारी एचएएस में पदोन्नति का कोटा बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं. प्रदेश में पहले राजस्व अधिकारी का एचएएस में पदोन्नति के लिए 30 फीसदी कोटा तय था, जिसे घटाकर अब 25 फीसदी कर दिया है. सरकार के इस निर्णय से भी राजस्व अधिकारियों में रोष है. करसोग तहसील कार्यालय में डॉक्यूमेंट राइटर चंद्र मोहन शर्मा कहना है कि तहसीलदार सहित नायब तहसीलदार के न आने से सामान्य दिनों के मुकाबले में बहुत कम लोग ही कार्यालय में काम के सिलसिले में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें बिना काम करवाए ही वापस लौटना पड़ा.
हिमाचल राजस्व अधिकारी महासंघ (Himachal Revenue Officers Federation) के अध्यक्ष जयगोपाल शर्मा का कहना है कि राजस्व अधिकारियों ने 24 और 26 सितंबर को कैजुअल लीव पर जाने का निर्णय लिया है. जिस कारण प्रदेश की 250 तहसीलों और सब तहसीलों में सेवाएं ठप रहेंगी. उन्होंने कहा कि अगर 28 सितंबर को कैबिनेट की बैठक में मांगों को लेकर उचित निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेश में राजस्व अधिकारी उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
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