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जय किसान! प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं नेतराम शर्मा, मुफ्त में बांट रहे हजारों के खीरे

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Published : Oct 10, 2021, 7:13 PM IST

जिला मंडी के तहसील करसोग के तहत आर्मी से रिटायर्ड ऑफिसर नेतराम शर्मा ने पहले तो सीमाओं पर तैनात रहकर 34 साल तक देश की सेवा में अपना बहुमूल्य समर्पित कर दिया. अब रिटायर होने के बाद धरती मां को रासायनिक खेती से मुक्त करने का संकल्प लिया है. कैप्टन नेतराम शर्मा ने आर्मी से रिटायरमेंट के बाद सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक पर कार्य कर रहे हैं. वे इस खेती के मास्टर ट्रेनर भी है. वहीं, स्थानीय लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए नेतराम शर्मा अभी तक 10 क्विंटल से अधिक खीरे मुफ्त में बांट चुके हैं.

Retired army officer Netram Sharma promoting natural farming in Karsog
फोटो.

करसोग: देव भूमि हिमाचल के जिला मंडी के तहसील करसोग के तहत आर्मी से रिटायर्ड ऑफिसर पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान, जय किसान के नारे को चरितार्थ कर रहे हैं. यहां ग्राम पंचायत सवा माहूं के गांव भवनाडा के कैप्टन नेतराम शर्मा ने पहले तो सीमाओं पर तैनात रहकर 34 साल तक देश की सेवा में अपना बहुमूल्य समर्पित कर दिया. अब रिटायर होने के बाद धरती मां को रासायनिक खेती से मुक्त करने का संकल्प लिया है.

इसके लिए नेतराम शर्मा ने रिटायरमेंट के बाद सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाया है. इस तकनीक से वे कई क्विंटल खीरे पैदा कर लोगों को मुफ्त बांट रहे हैं. आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद लोग आराम पस्त जीवन जीने की चाह रखते हैं, लेकिन करसोग के इस लाल ने प्राकृतिक खेती को अपनाकर धरती पुत्र के नारे को भी साकार किया है.

कैप्टन नेतराम शर्मा ने आर्मी से रिटायरमेंट के बाद सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक पर कार्य कर रहे हैं. वे इस खेती के मास्टर ट्रेनर भी हैं. इस बार खरीफ सीजन में नेतराम शर्मा ने कई बीघा भूमि में खीरे की खेती तैयार की है. स्थानीय लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए नेतराम शर्मा अभी तक 10 क्विंटल से अधिक खीरे मुफ्त में बांट चुके हैं.

अगर इसी खीरे को थोक भाव में मंडियों में बेचा जाता तो इससे नेतराम शर्मा को करीब 20 हजार की आय होती, लेकिन रिटायर कैप्टन लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए मुफ्त में खीरे बांट रहे हैं, अभी भी खेतों में हजारों रुपये की खीरे की फसल तैयार है. इसे भी लोगों में मुफ्त में बांटा जा रहा है. आर्मी से रिटायर होने के बाद नेतराम शर्मा ने देखा कि ग्रामीण अधिक उत्पादन लेने के लिए फसलों में अत्यधिक कीटनाशकों को छिड़काव कर रहे हैं. जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है.

Retired army officer Netram Sharma promoting natural farming in Karsog
फोटो.

इसको देखते हुए नेतराम शर्मा ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली. अब वे न केवल खुद इस तकनीक को अपना रहे हैं बल्कि अपने गांव के कई किसानों प्राकृतिक खेती से जोड़ चुके हैं. कैप्टन नेतराम शर्मा ने बताया कि वे रिटायरमेंट के बाद से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार प्राकृतिक खेती से खीरे का उत्पादन किया है. लोगों को प्रेरित करने के लिए इस खीरे को मुफ्त में बांटा जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक लोग इस खेती से जुड़कर स्वस्थ जीवन जी सकें.

ये भी पढ़ें- मंडी संसदीय क्षेत्र उपचुनाव: उदयपुर में खुशाल ठाकुर बोले- लाहौल के लोगों के साथ मेरा जीने-मरने का रिश्ता

करसोग: देव भूमि हिमाचल के जिला मंडी के तहसील करसोग के तहत आर्मी से रिटायर्ड ऑफिसर पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान, जय किसान के नारे को चरितार्थ कर रहे हैं. यहां ग्राम पंचायत सवा माहूं के गांव भवनाडा के कैप्टन नेतराम शर्मा ने पहले तो सीमाओं पर तैनात रहकर 34 साल तक देश की सेवा में अपना बहुमूल्य समर्पित कर दिया. अब रिटायर होने के बाद धरती मां को रासायनिक खेती से मुक्त करने का संकल्प लिया है.

इसके लिए नेतराम शर्मा ने रिटायरमेंट के बाद सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाया है. इस तकनीक से वे कई क्विंटल खीरे पैदा कर लोगों को मुफ्त बांट रहे हैं. आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद लोग आराम पस्त जीवन जीने की चाह रखते हैं, लेकिन करसोग के इस लाल ने प्राकृतिक खेती को अपनाकर धरती पुत्र के नारे को भी साकार किया है.

कैप्टन नेतराम शर्मा ने आर्मी से रिटायरमेंट के बाद सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक पर कार्य कर रहे हैं. वे इस खेती के मास्टर ट्रेनर भी हैं. इस बार खरीफ सीजन में नेतराम शर्मा ने कई बीघा भूमि में खीरे की खेती तैयार की है. स्थानीय लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए नेतराम शर्मा अभी तक 10 क्विंटल से अधिक खीरे मुफ्त में बांट चुके हैं.

अगर इसी खीरे को थोक भाव में मंडियों में बेचा जाता तो इससे नेतराम शर्मा को करीब 20 हजार की आय होती, लेकिन रिटायर कैप्टन लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए मुफ्त में खीरे बांट रहे हैं, अभी भी खेतों में हजारों रुपये की खीरे की फसल तैयार है. इसे भी लोगों में मुफ्त में बांटा जा रहा है. आर्मी से रिटायर होने के बाद नेतराम शर्मा ने देखा कि ग्रामीण अधिक उत्पादन लेने के लिए फसलों में अत्यधिक कीटनाशकों को छिड़काव कर रहे हैं. जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है.

Retired army officer Netram Sharma promoting natural farming in Karsog
फोटो.

इसको देखते हुए नेतराम शर्मा ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली. अब वे न केवल खुद इस तकनीक को अपना रहे हैं बल्कि अपने गांव के कई किसानों प्राकृतिक खेती से जोड़ चुके हैं. कैप्टन नेतराम शर्मा ने बताया कि वे रिटायरमेंट के बाद से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार प्राकृतिक खेती से खीरे का उत्पादन किया है. लोगों को प्रेरित करने के लिए इस खीरे को मुफ्त में बांटा जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक लोग इस खेती से जुड़कर स्वस्थ जीवन जी सकें.

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