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23 साल पहले पंडित सुखराम ने मंडी से बनाया था जीत का रिकॉर्ड, पोते ने बनाया हार का रिकॉर्ड

हॉट सीट मंडी पर पोते आश्रय शर्मा की हार के साथ दादा पंडित सुखराम का सर्वाधिक मतों से जीत का रिकॉर्ड भी टूट गया है. 1952 से लेकर 2014 तक मंडी संसदीय सीट पर जीत का रिकार्ड पंडित सुखराम के नाम था. उन्होंने 1996 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर  पर भाजपा के अदन सिंह को हराया था.

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Published : May 27, 2019, 10:21 AM IST

Updated : May 27, 2019, 10:27 AM IST

मंडी: लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है. कई राज्यों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है. इस बार के लोकसभा चुनाव परिणाम कई मायनों में ऐतिहासिक रहे. इस बार जहां कई रिकॉर्ड टूटे. वहीं, कई नए रिकॉर्ड बने भी हैं. हिमाचल की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है.

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हॉट सीट मंडी पर पोते आश्रय शर्मा की हार के साथ दादा पंडित सुखराम का सर्वाधिक मतों से जीत का रिकॉर्ड भी टूट गया है. 1952 से लेकर 2019 तक मंडी संसदीय सीट पर जीत का रिकॉर्ड पंडित सुखराम के नाम था. उन्होंने 1996 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के अदन सिंह को हराया था. उस समय सुखराम की जीत का अंतर 1लाख 53 हजार 223 वोटों का था. इस बार माना जा रहा था कि मोदी व जयराम के फैक्टर से कोई नया रिकॉर्ड बनेगा. मगर इतना बड़ा रिकॉर्ड बन जाएगा, इसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी.

23 साल बाद पंडित सुखराम के रिकॉर्ड को बीजेपी प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा ने तोड़ दिया. रामस्वरूप शर्मा ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा को रिकॉर्ड मतों से हराया. रामपुर विधानसभा क्षेत्र में 2019 से पहले कभी भी भाजपा को बढ़त नहीं मिली है, लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी को रामपुर विधानसभा से भी 11 हजार से अधिक की लीड मिली है.

बीरबल शर्मा, राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषक बीरबल शर्मा का कहना है कि मंडी सीट पर सर्वाधिक मतों के साथ जीत का रिकॉर्ड पंडित सुखराम के नाम था, लेकिन अब यह टूट गया है. रोचक यह रहा कि पंडित सुखराम का सर्वाधिक मतों का रिकॉर्ड उनके ही पोते आश्रय शर्मा की हार व भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा की जीत के साथ टूटा.

मंडी: लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है. कई राज्यों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है. इस बार के लोकसभा चुनाव परिणाम कई मायनों में ऐतिहासिक रहे. इस बार जहां कई रिकॉर्ड टूटे. वहीं, कई नए रिकॉर्ड बने भी हैं. हिमाचल की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है.

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हॉट सीट मंडी पर पोते आश्रय शर्मा की हार के साथ दादा पंडित सुखराम का सर्वाधिक मतों से जीत का रिकॉर्ड भी टूट गया है. 1952 से लेकर 2019 तक मंडी संसदीय सीट पर जीत का रिकॉर्ड पंडित सुखराम के नाम था. उन्होंने 1996 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के अदन सिंह को हराया था. उस समय सुखराम की जीत का अंतर 1लाख 53 हजार 223 वोटों का था. इस बार माना जा रहा था कि मोदी व जयराम के फैक्टर से कोई नया रिकॉर्ड बनेगा. मगर इतना बड़ा रिकॉर्ड बन जाएगा, इसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी.

23 साल बाद पंडित सुखराम के रिकॉर्ड को बीजेपी प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा ने तोड़ दिया. रामस्वरूप शर्मा ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा को रिकॉर्ड मतों से हराया. रामपुर विधानसभा क्षेत्र में 2019 से पहले कभी भी भाजपा को बढ़त नहीं मिली है, लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी को रामपुर विधानसभा से भी 11 हजार से अधिक की लीड मिली है.

बीरबल शर्मा, राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषक बीरबल शर्मा का कहना है कि मंडी सीट पर सर्वाधिक मतों के साथ जीत का रिकॉर्ड पंडित सुखराम के नाम था, लेकिन अब यह टूट गया है. रोचक यह रहा कि पंडित सुखराम का सर्वाधिक मतों का रिकॉर्ड उनके ही पोते आश्रय शर्मा की हार व भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा की जीत के साथ टूटा.

Intro:मंडी। 17वीं लोकसभा चुनाव के नतीजों में कई रिकॉर्ड टूटे हैं और कई नए रिकॉर्ड बने भी हैं। हॉट सीट मंडी पर पौते आश्रय शर्मा की हार के साथ दादा पंडित सुखराम का सर्वाधिक मतों से जीत का रिकॉर्ड भी टूट गया है।



Body:1952 से लेकर 2014 तक मंडी संसदीय सीट पर जीत का रिकार्ड पंडित सुख राम के नाम था। उन्होंने 1996 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के उम्मीदवार अदन सिंह को हराया था। उस समय सुख राम की जीत का अंतर 153223 वोटों का था। इस बार माना जा रहा था कि मोदी व जय राम के फेक्टर
से कोई नया रिकार्ड बनेगा मगर इतना बड़ा रिकार्ड बन जाएगा कि शायद ही यह आने वाले दिनों में भी कभी टूट सकेगा इसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी। अब दादा सुख राम ने रिकार्ड 1996 में बनाया था, वह 23 साल बाद रामस्वरूप शर्मा ने तोड़ दिया। वह भी सुख राम के पोते आश्रय शर्मा को रिकार्ड
मतों से हरा कर तोड़ा। दो गुणा से भी अधिक वोटों के अंतर से हार कर आश्रय शर्मा ने हार के अंतर का सबसे बड़ा रिकार्ड कायम किया है। रामपुर विधानसभा क्षेत्र में कभी भी भाजपा
को बढ़त नहीं मिली। बढ़त तो दूर यहां से कांग्रेस रिकार्ड बढ़त लेती रही है मगर पहली बार इन चुनावों में रामपुर से भी 11 हजार से अधिक मतों की लीड भाजपा को मिली है। यह भी एक नया इतिहास कायम हुआ है।



Conclusion:राजनीतिक विश्लेषक बीरबल शर्मा का कहना है कि मंडी सीट पर सर्वाधिक मतों के साथ जीत का रिकॉर्ड पंडित सुखराम के नाम था, लेकिन अब यह टूट गया है। रोचक यह रहा कि पंडित सुखराम का सर्वाधिक मतों का रिकॉर्ड उनके ही पौते आश्रय शर्मा की हार व भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा की जीत के साथ टूटा।

बाइट : बीरबल शर्मा, राजनीतिक विश्लेषक।
Last Updated : May 27, 2019, 10:27 AM IST
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