सरकाघाट: जान कर हैरानी होती है कि कोई गरीब अपनी गरीबी दूर नहीं करना चाहता हो लेकिन एक ऐसा ही परिवार सरकाघाट क्षेत्र के तहत सुलपुर जबोठ पंचायत में है. यह परिवार गरीबी से निकलना ही नहीं चाहता है.
दरअसल गरीब लोगों के लिए सरकार ने बहुत सी योजनाएं चलाई हैं, लेकिन इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी औपचारिकताएं भी पूरी करनी पड़ती है. इस परिवार के सदस्यों के पास न तो आधार कार्ड है ना राशन कार्ड और ना ही कोई अन्य अहम दस्तावेज हैं. यह परिवार सुलपुर के भौर में है.
इस परिवार के मुख्या का नाम देशराज है. यह अपनी पत्नी के साथ रहता है. इनका एक बेटा-बहू और दो पोतियां भी हैं, जो इनके साथ नहीं रहते हैं. देशराज शराबी है और पंचायत के द्वारा मांगे हुए किसी भी दस्तावेज को नहीं देता है. वहीं इसकी पत्नी निकी देवी भी पंचायत के द्वारा दी जाने वाली सुविधा के लिए अपने दस्तावेज बनाने में आगे नहीं आती.
ऐसे में पंचायत प्रतिनधि कई बार स्वयं भी इनके दस्तावेज बनाने को आगे आए हैं, लेकिन यह फिर भी दस्तावेज नहीं बनवाते है. इसके चलते इस गरीब परिवार का सुधार करना मुश्किल हो रहा है. इनके पास एक कच्चा मकान है जिसकी हालत जर्जर हो चुकी है और घर के अंदर जरूरत का गिना चुना ही सामान है.
इस बारे में पंचायत प्रधान रिंकू चंदेल ने बताया कि इनके पास यहां का आधार कार्ड और राशन र्काड तक नहीं है. फिर भी इनको राशन मुहैया करवाया जा रहा है. जब डिजिटल राशन कार्ड बनाने के लिए इनसे इनका आधार कार्ड मांगा तो वह भी इनके पास नहीं था. पंचायत प्रधान ने देशराज को 500 रूपये दिए कि वह अपना आधार कार्ड का प्रिंट निकाल ले पर उसने उन पैसो को भी शराब मे उड़ा दिया.
पंचायत प्रधान रिंकू चंदेल ने कहा कि पंचायत इनकी हर संभव मदद के लिए आगे आई है पर यह परिवार हमेशा ही अपने भविष्य को उजागर करने मे स्वयं ही विफल रहते है.
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