मंडी: भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष नितिन कुमार ने मंडी में प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बताया की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच सालों में पांच करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति पीएमएपीएस-एससी की केंद्रीय प्रायोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है.
केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये खर्च करेगी
नितिन कुमार ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 59048 करोड़ रुपये के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है. जिसमें से केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये खर्च करेगी और शेष राशि राज्य सरकार द्वारा खर्च की जाएगी. केंद्र सरकार इन प्रयासों को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. जो गरीब छात्र वर्तमान में दसवीं के बाद अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख सकते हैं, उनको अगले 5 वर्षों में उच्चतर शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत लाया जाएगा.
बढ़ाकर 6000 करोड़ रुपये किया जाएगा
बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्कीम के अंतर्गत छात्रों को वित्तीय सहायता का आहरण डीबीटी मोड के माध्यम से और अधिमान्यता आधार सब्बल भुगतान प्रणाली का प्रयोग में लाकर किया जाएगा. केंद्रीय सहायता जो वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग लगभग 11000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष थी, उसे 2020-21 से 2025-26 के दौरान 5 गुना अधिक बढ़ाकर 6000 करोड़ रुपये किया जाएगा.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर संचालित की जाएगी
नितिन कुमार ने कहा कि मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति के माध्यम से राज्य सरकार एक बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए इस कार्य नीति को कार्य कार्यान्वित कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. उन्होंने कहा कि यह स्कीम सुदृढ़ सुरक्षा उपायों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर संचालित की जाएगी. जिसमें पारदर्शिता, जवाबदेही, कार्य दक्षता, व बिना किसी विलंब के समयबद्ध सहायता सुनिश्चित होगी. इस मौके पर बल्ह विधायक इंदर सिंह गांधी, जिला अध्यक्ष रणवीर सिंह, अनुसूचित जाति मोर्चा जिला अध्यक्ष किशोर कुमार और महामंत्री मोहनलाल कौंडल भी मौजूद रहे.