करसोग: उपमंडल करसोग में उप तहसील बगशाड़ की अधिसूचना जारी होते ही इसमें शामिल की गई कुछ पंचायतों में जनता भड़क गई है. इसको लेकर वीरवार को दो ग्राम पंचायतों बखरौट और दछेहण से एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा.
जिसमें ग्राम पंचायत बखरौट के तहत पड़ने वाले सभी पटवार सर्कलों व दछेहण पंचायत के अंतर्गत पड़ने वाले एक मौहाल को उप तहसील बगशाड़ से बाहर किए जाने की मांग की गई है. जनता का कहना है कि हम बगशाड़ में उप तहसील खोले जाने के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन बखरौट पंचायत के लोगों के लिए करसोग तहसील मुख्यालय काफी नजदीक पड़ता है. यहां से लोग पैदल भी करसोग आ जा सकते हैं.
इसके अतिरिक्त बहुत से लोगों के करसोग में अपनी जमीनें भी हैं. इसलिए लोगों का करसोग रोजाना आना और जाना भी रहता है. ऐसे में बखरौट और दछेहण पंचायत के जो मौहाल उप तहसील बगशाड़ में मिलाए गए हैं, उन्हें बाहर किया जाए. वैसे भी लोगों के लिए बगशाड़ बहुत दूर पड़ता है. इसलिए दोनों पंचायतों के जो मौहाल बगशाड़ उप तहसील में शामिल किए गए हैं, इन मौहाल को फिर से करसोग तहसील में मिलाया जाए. ताकि जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पिछले महीने 27 और 28 जुलाई को करसोग के दो दिवसीय दौरे के दौरान बगशाड़ में उप तहसील की घोषणा की थी. जिसकी अधिसूचना दो दिन पूर्व ही जारी हुई है. बखरौट पंचायत के उप प्रधान गोपाल का कहना है कि मुख्यमंत्री ने बगशाड़ में उप तहसील की घोषणा की थी. जिसकी अधिसूचना जारी हो गई है.
इसमें हमारे बखरौट पटवार सर्कल को भी शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्र करसोग के नजदीक पड़ता है. इसलिए इस क्षेत्र को करसोग तहसील में ही रहने दिया जाए. इस बारे में एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है.
एसडीएम सन्नी शर्मा का कहना है कि ग्राम पंचायत बखरौट से सभी मौहाल सहित ग्राम पंचायत दछेहण के एक मौहाल की जनता ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें मांग की गई है कि उन्हें सब तहसील बगशाड़ में न मिलाकर करसोग में ही रहने दिया जाए. उन्होंने कहा कि इस ज्ञापन को सरकार को भेजा जा रहा है.
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