करसोग: करसोग में एक विकराल समस्या बन चुके जंगली जानवरों ने किसानों को खेती छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. पहले तो जंगली जानवर बंदर, सुअर व लंगूर आदि खेतों में उगाई गई पारम्परिक फसलों को ही नुकसान पहुंचाते थे, लेकिन अब सेब से लदे पौधों को ही चपेट में लेना शुरू कर दिया है. इन दिनों ऐसा ही आतंक भालू ने सरत्योला पंचायत में मचाया है. पिछले दिमों इसी गांव में एक व्यक्ति को घायल कर दिया था.
भालू देर रात खेतों में आकर सेब से लदे पौधों को तोड़ रहे हैं. शुक्रवार की रात भालू ने गांव के रहने वाले तिलकराज के सेब के 60 से 70 पौधों की टहनियों को नुकसान पहुंचाया था. इसी तरह से गांव के अन्य बागवानों की भी सेब की फसल को भालू ने बरबाद कर दिया है. यहीं नहीं पिछले कई दिनों से भालू के सरत्योला में घूमने के कारण लोगों का डर के कारण घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है.
पिछले दिनों इसी गांव में जंगल में चलारू इकट्ठा करने गए व्यक्ति पर भालू ने हमला कर दिया था. जिस कारण वो व्यक्ति कई दिनों तक करसोग के सिविल अस्पताल में उपचाराधीन रहा. उसके बाद क्षेत्र के लोगों दहशत का माहौल है. खासकर लोगों ने भालू के डर से रात को घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है.
स्थानीय निवासी तिलकराज का कहना है कि गांव में भालू ने बहुत आतंक मचाया है. हमारी सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. लोगों ने वन विभाग से भालू को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने का आग्रह किया है और सेब की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने की भी मांग की है. वहीं, इस बारे में डीएफओ करसोग आरके शर्मा का कहना है कि लोग वन विभाग को भालू के बारे में लिखित तौर पर भी सूचित करें. जिस पर वन विभाग भालू को पकड़ने के लिए पिंजरा लगायेगा.