करसोग: करसोग उपमंडल में इस बार रंगों का उत्सव फीका रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बाजारों में होली की रौनक गायब रही और लोगों ने परिवार के साथ ही होली मनाई. प्रदेश में कुछ समय तक कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद अब फिर से महामारी ने रफ्तार पकड़ी है. ऐसे में सरकार ने भी उत्सवों पर कुछ बंदिशें लगाई है, जिसको देखते हुए लोगों ने सरकार के निर्देशों का पूरा पालन किया है.
रंगों की बिक्री पर कोरोना का असर
कोरोना की काली छाया बाजार पर रंगों की बिक्री पर भी पड़ी है, क्योंकि इस बार लोगों ने होली के पवित्र पर्व पर कम ही रंग खरीदें हैं. ऐसे में करसोग बाजार सहित पांगणा, तत्तापानी व चुराग आदि बाजारों में बाजार सुनसान नजर आए. करसोग में हर साल होली पर्व बहुत की उत्साह से मनाया जाता था और घरों से लोग वाद्ययंत्रों के साथ टोलियां बनाकर बाजारों को निकलते थे, लेकिन कोरोनाकाल में इस बार हर उत्सव फीके पड़ गए हैं. अधिकतर लोगों ने परिवार के साथ होली पर्व मनाया और घरों पर कई तरह के पकवान तैयार करके एक दूसरे को बांटकर होली पर्व की खुशियां बांटी.
करसोगवासियों ने घर पर उड़ाए रंग और गुलाल
आचार्य जीवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि होली सदियों से मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से अब उत्सवों का आनंद फीका पड़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हम सभी लोगों ने घर पर परिवार के साथ होली का आनंद लिया है. साथ ही कहा कि करसोग में होली पर मीठी और नमकीन रोटियां (बांटे) को गांव वालों और रिश्तेदारों में बांटा है.
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