करसोग: उपमंडल करसोग की एचआरटीसी डिपो की बस दोपहर बाद करीब 1.30 बजे भंथल के पास रुकी और अधिक भीड़ होने की वजह से सवारियों को छत पर बिठाया गया. इस दौरान समीप खड़ा एक व्यक्ति लोगों को बस की छत पर चढ़ने के लिए इशारा कर रहा था. छत पर छह से सात सवारियां चढ़ाए जाने के बाद बस आगे निकल गई, लेकिन इस बीच भंथल में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे में एचआरटीसी की बसों में सुरक्षित यात्रा का सच कैद हो गया.
बताया जा रहा है कि करसोग बस स्टैंड से (Karsog HRTC overloading) ही सवारियों से खचाखच भरी हुई थी. जिसके बाद रास्ते के बीच पड़ने वाले स्टॉप पर मिलने वाली सवारियों को बस की छत पर चढ़ाया जा रहा था. हैरानी की बात है कि सुबह ही कुल्लू में एक प्राइवेट बस के खाई में गिरने से कई लोगों की मौत हुई है, लेकिन एचआरटीसी के बस चालक ने इससे कोई सबक नहीं लिया और नियमों को ताक पर रखकर सवारियां को बस की छत पर चढ़ा दिया.
ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाए तो इसके (hrtc bus overloading) लिए कौन जिम्मेदार होगा? जो एक जांच का विषय है. उधर, लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रूटों पर बसें कम हैं. इसलिए जनता मजबूरी में छत पर सफर करने के लिए मजबूर है. लोगों ने सरकार से ग्रामीणों क्षेत्रों में बसों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है.
आरएम करसोग पीयूष शर्मा का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी. इस बारे में आदेश जारी किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मामला सामने आने के बाद चालक से संपर्क किया गया तो बताया गया कि सवारियां जबरदस्ती छत पर बैठ गई थी. जिन्हें अगले स्टेशन पर छत से उतार दिया गया था.
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