मंडी/करसोगः जिला स्तरीय नलवाड़ मेला दूसरी बार कोरोना की भेंट चढ़ गया है. करसोग में 5 से 11 अप्रैल तक आयोजित होने वाला ये मेला कोरोना की दूसरी लहर की वजह से इस बार भी नहीं होगा. सरकार की गाइड लाइन के बाद प्रशासन ने मेला लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
कोरोना के कारण नहीं होगा नलवाड़ मेला
ऐसे में पिछली बार की तरह अबकी बार भी प्रसिद्ध जिला स्तरीय नलवाड़ मेले पर कोरोना भारी पड़ गया है. यही नहीं सरकार के आगामी दिशा निर्देश न आने तक उपमंडल में आयोजित होने वाले अन्य मेलों पर भी प्रतिबंध रहेगा. ऐसे में कोरोना महामारी ने इस बार भी कारोबारियों की कमर तोड़ दी है. सात दिवसीय नलवाड़ मेले में हर साल लाखों का कारोबार होता था.
स्थानीय व्यवसायी को भी रहता था मेले का इंतजार
यहां प्रदेश के कोने-कोने से कारोबारी मेला लगाने पहुंचते थे. यही नहीं स्थानीय व्यवसायी को भी मेले का इंतजार रहता था. ये मेला बैल पूजन, सहित ममलेश्वर महादेव व नाग कजौणी देव स्थल पर पहुंचने पर शुरू होता था, जिसमें प्रदेशभर से श्रद्धालु भी देवताओं का आशीर्वाद लेने पहुंचते थे. ऐसे में अबकी बार भी मेले में होने वाले लाखों के कारोबार पर कोरोना की काली छाया पड़ी है.
प्रशासन ने सरकार की एडवाइजरी की जारी
इसके अलावा जनवरी व फरवरी महीने में कोरोना के मामलों में आई कमी के बाद प्रशासन ने मेले को लेकर पहले ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी. इसके लिए पिछले महीने स्थानीय विधायक हीरालाल के नेतृत्व में प्रशासन ने मेला ग्राउंड चिन्हित करने के लिए कई जगहों का निरीक्षण कर लिया था. हालांकि, मार्च महीने से कोरोना पॉजिटिव के केसों में वृद्धि के बाद प्रशासन ने सरकार की एडवाइजरी के अनुसार ही मेले के आयोजन को लेकर अंतिम निर्णय लिए जाने की भी बात कह दी थी.
प्रदेश में होने वाले मेलों पर प्रतिबंध
एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बाद सरकार ने प्रदेश में आयोजित होने वाले मेलों पर प्रतिबंध लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना की जो दूसरी लहर है खाफी खतरनाक है. इससे बचाव के लिए सरकार ने कई तरह के दिशा निर्देश जारी किए है. इन आदशों को अनुपालना करते हुए जिला स्तरीय नलवाड़ मेला आयोजित नहीं किए जाने का निर्णय लिया गया है.
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