मंडी: प्रदेश के सबसे पुराने नगर निकायों में शामिल मंडी नगर निगम ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के संचालन (PM Svanidhi Yojana) में बेहतर कार्य किया है. इस बेहतर कार्य के लिए नगर निगम मंडी को देश के टॉप 75 नगर निगमों में शामिल किया गया है. इस योजना के तहत कोविड काल में ठप हुए रेहड़ी-फहड़ी धारकों के कारोबार को पुनर्जीवित करने के लिए बहुत ही कम समय पर चरणबद्ध तरीके से दस हजार, बीस हजार व पचास हजार रूपये का बिना सेक्योरिटी ऋण प्रदान किया गया.
यूं तो यह योजना देशभर के समस्त नगरों व प्रदेश की समस्त नगर निकायों में चलाई गई थी लेकिन मंडी नगर निगम की टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रदेश भर में बाजी मारी है. मंडी नगर निगम द्वारा इस योजना के आरंभ से ही नगर के समस्त पंजीकृत रेहड़ी-फहड़ी धारकों के कोरोना काल के बाद ठप्प पड़े व्यवसाय को पुर्न स्थापित करने के लिए अनेकों गतिविधियां अमल में लाई गई. नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इन लोगों के पास जाकर इस स्कीम के लाभ बताए. साथ ही लोगों को उनके पास जा कर इस स्कीम के लिए अप्लाई करवाया. इसके बाद संबंधित बैंकों के ऋण अधिकारियों को इस योजना से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किए गए. इसके उपरांत संपर्क साधकर ऋण स्वीकृत करवाए गए.
नगर निगम मंडी महापौर दिपाली जसवाल ने (Municipal Corporation Mandi) बताया कि शहर भर के लगभग 225 पंजीकृत रेहड़ी-फहड़ी में से 195 को 10 हजार का ऋण प्रथम चरण में मुहैया करवाया गया. इसके बाद इस 10 हजार को वापस करने पर 90 लोगों को 20-20 हजार का ऋण प्रदान कर दिया गया है. साथ ही इस बीस हजार को चुकता करने वाले 6 रेहड़ी-फहड़ी धारकों को पचास-पचास हजार रूपये का ऋण प्रदान किया जा चुका है.
मात्र दस हजार के ऋण पर ही करीब 55 हजार की सब्सिडी भी इन लाभार्थियों को प्रदान की जा चुकी है. नगर निगम की महापौर ने बताया कि इस योजना से अधिकतम लाभ प्रदान करवाने हेतु नगर निगम निरंतर प्रयासरत है. रेहड़ी-फहड़ी धारकों को नगर में अपना व्यवसाय करने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है. साथ ही भविष्य में भी निगम स्तर पर इन सभी के लिए कौशल प्रशिक्षण, सामाजिक सुरक्षा योजना की योजना है.
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