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मंडी में पहली बार किसी क्लीनिक से बरामद हुई प्रतिबंधित दवाइयों की बड़ी खेप, पुलिस जांच में हुआ खुलासा - प्रतिबंधित दवाइयों की बड़ी खेप

डीएसपी गीताजंलि ठाकुर की अगुवाई में करसोग में झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक में छापेमारी की गई. तलाशी के दौरान करने पर पुलिस के हाथ प्रतिबंधित दवाइयों की बड़ी खेप लगी. ऐसे में लंबे समय से झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी डिग्री के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा था. पुलिस ने क्लीनिक को सील कर दिया है. पुलिस के मुताबिक मंडी जिले में पहली किसी क्लीनिक से प्रतिबंधित दवाइयों की इतनी बड़ी खेप बरामद हुई है.

Fake doctor in Karsog
डीएसपी गीताजंलि ठाकुर
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Published : Mar 22, 2022, 7:27 PM IST

करसोग: मंडी जिले के करसोग उपमंडल के भंथल में झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक (Fake doctor in Karsog) में हुई छापेमारी के बाद पुलिस जांच में बड़े खुलासे हुए हैं. भंथल में झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक में प्रतिबंधित दवाइयों की अब तक की सबसे बड़ी खेप पकड़ी गई है. इसका खुलासा पुलिस जांच में हुआ है. यहां बिना लाइसेंस और बिना किसी डिग्री के एक फर्जी डॉक्टर ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा था.

लोगों की शिकायत पर डीएसपी गीताजंलि ठाकुर ने सोमवार को क्लीनिक में दबिश दी. इस दौरान क्लीनिक से भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयां बरामद हुई. जिला में अब तक हुई छापेमारी में कभी भी पुलिस के हाथ इतनी बड़ी कामयाबी नहीं लगी थी. पुलिस ने प्रतिबंधित दवाइयों को कब्जे में लेकर क्लीनिक को पहले ही सील कर दिया है. इसके साथ आरोपी के खिलाफ नशीली दवाइयां बेचने के जुर्म में एनडीपीएस एक्ट व आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला भी दर्ज किया गया है.

पुलिस जांच में सामने आया है कि ट्रॉमाडॉल, प्रोलोंगेड, ट्रामानाम एसआर 100 एमजी की 7400 गोलियां, जिसमें नशे की मात्रा करीब 740 ग्राम पाई गई. इसी तरह एलप्राजोलम नेंडिया 0.50 एमजी की 480 गोलियां बरामद की गई, इसमें नशे की मात्रा 0.24 ग्राम पाई गई. प्रोक्सिमेड सपास पेरासिटामोल, ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड 50 एमजी के 168 कैप्सूल कब्जे में लिए गए. इसमें नशे की मात्रा 8.4 ग्राम आंकी गई है. इसके अतिरिक्त चेकिंग में कुछ अन्य कंट्रोल ड्रग भी मिली हैं.

करसोग में बढ़ते नशीली दवाइयों के कारोबार को लेकर मिल रही शिकायत पर ये कार्रवाई की गई. इससे पूर्व पुलिस ने उपमंडल के तहत सेरी बंगलों में भी झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक में दबिश दी थी. जहां एक फर्जी डॉक्टर इलाज के नाम पर ग्रामीणों को लूट रहा था. इस जुर्म में पुलिस पहले ही आरोपी को हिरासत में ले चुकी है. डीएसपी गीताजंलि ठाकुर ने बताया कि जांच दौरान पाया गया कि आरोपी के पास न कोई डिग्री है और न ही दवाइयां बेचने का लाइसेंस है. उन्होंने कहा कि क्लीनिक में चेकिंग के दौरान नशीली दवाइयों की खेप बरामद हुई है.

ये भी पढ़ें: बिना लाइसेंस बिना डिग्री इलाज कर रहा था झोलाछाप डॉक्टर, पुलिस ने सील किया क्लीनिक

करसोग: मंडी जिले के करसोग उपमंडल के भंथल में झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक (Fake doctor in Karsog) में हुई छापेमारी के बाद पुलिस जांच में बड़े खुलासे हुए हैं. भंथल में झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक में प्रतिबंधित दवाइयों की अब तक की सबसे बड़ी खेप पकड़ी गई है. इसका खुलासा पुलिस जांच में हुआ है. यहां बिना लाइसेंस और बिना किसी डिग्री के एक फर्जी डॉक्टर ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा था.

लोगों की शिकायत पर डीएसपी गीताजंलि ठाकुर ने सोमवार को क्लीनिक में दबिश दी. इस दौरान क्लीनिक से भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयां बरामद हुई. जिला में अब तक हुई छापेमारी में कभी भी पुलिस के हाथ इतनी बड़ी कामयाबी नहीं लगी थी. पुलिस ने प्रतिबंधित दवाइयों को कब्जे में लेकर क्लीनिक को पहले ही सील कर दिया है. इसके साथ आरोपी के खिलाफ नशीली दवाइयां बेचने के जुर्म में एनडीपीएस एक्ट व आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला भी दर्ज किया गया है.

पुलिस जांच में सामने आया है कि ट्रॉमाडॉल, प्रोलोंगेड, ट्रामानाम एसआर 100 एमजी की 7400 गोलियां, जिसमें नशे की मात्रा करीब 740 ग्राम पाई गई. इसी तरह एलप्राजोलम नेंडिया 0.50 एमजी की 480 गोलियां बरामद की गई, इसमें नशे की मात्रा 0.24 ग्राम पाई गई. प्रोक्सिमेड सपास पेरासिटामोल, ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड 50 एमजी के 168 कैप्सूल कब्जे में लिए गए. इसमें नशे की मात्रा 8.4 ग्राम आंकी गई है. इसके अतिरिक्त चेकिंग में कुछ अन्य कंट्रोल ड्रग भी मिली हैं.

करसोग में बढ़ते नशीली दवाइयों के कारोबार को लेकर मिल रही शिकायत पर ये कार्रवाई की गई. इससे पूर्व पुलिस ने उपमंडल के तहत सेरी बंगलों में भी झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक में दबिश दी थी. जहां एक फर्जी डॉक्टर इलाज के नाम पर ग्रामीणों को लूट रहा था. इस जुर्म में पुलिस पहले ही आरोपी को हिरासत में ले चुकी है. डीएसपी गीताजंलि ठाकुर ने बताया कि जांच दौरान पाया गया कि आरोपी के पास न कोई डिग्री है और न ही दवाइयां बेचने का लाइसेंस है. उन्होंने कहा कि क्लीनिक में चेकिंग के दौरान नशीली दवाइयों की खेप बरामद हुई है.

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