मंडी: गुरूवार को हिमाचल प्रदेश अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल सुंदरनगर लोक निर्माण विश्राम गृह में विधायक राकेश जम्वाल से मिला. इसी बीच उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष अनिल सेन के नेतृत्व में विधायक राकेश जम्वाल को मांग पत्र सौंपा.
प्रदेशाध्यक्ष अनिल सेन ने बताया कि सरकार ने विभिन्न विभागों में कमीशन व बैचवाइज भर्ती से चयनित और नियुक्त अनुबंध कर्मचारियों को नियमित किया जा चुका हैं, लेकिन उन्हें अनुबंध नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता लाभ नहीं मिल रहा है. जिससे इन कर्मचारियों को अनुबंध अवधि के दौरान आर्थिक नुकसान के साथ-साथ नियमित होने के बाद भी विसंगति का सामना करना पड़ रहा है.
अनिल सेन ने बताया कि पहले 57 सालों से अनुबंध पर कार्यरत क्लर्क के नियमितीकरण से पहले एक ही कार्यालय में काम कर रहा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पदोन्नत होकर नियुक्त क्लर्क से वरिष्ठ हो रहा है. इसी तरह शिक्षा विभाग में साल 2008 में बैच वाइज भर्ती हुए अनुबंध आईजीटी आज तक टीजीटी ही हैं, जबकि 2009 में रेगुलर भर्ती हुए जेबीटी 2014 में टीजीटी पद्दोन्नत हुए और उनमें से आज कुछ पीजीटी तक प्रमोट हुए हैं.
अनिल सेन ने बताया कि एक ही विभाग में एक ही पद पर सात साल तक कार्यरत अनुबंध नियमित कर्मचारी अपने ही कनिष्ठ कर्मचारी से जूनियर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में अनुबंध काल तीन साल का रह गया है, जिससे अधिक समय तक अनुबंध पर रहने वाले कर्मचारियों को बाद में नियमित होने के कारण आर्थिक नुक्सान के साथ सेवाकाल में भी कमी आएगी.
अनिल सेन ने कहा कि कनिष्ठ कर्मचारी अनुबंध कर्मचारियों से पहले पदोन्नति का लाभ ले रहे हैं, जिससे अनुबंध से नियमित कर्मचारी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं. ऐसे में कर्मचारियों ने मांग है कि अनुबंध काल को उनके सेवाकाल से जोड़ा जाए.