मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाले मंडी जिला के देवी देवताओं की अपनी अलग अलग पहचान और इतिहास है. देवता की अपनी एक अनूठी कहानी है. ऐसी ही एक कहानी है बाली चौकी इलाके के नारायण बान की देवी अंबिका माता की. यहां पर देव और मानस चंदन से नहीं बल्कि मिट्टी से तिलक करते हैं.
माता अंबिका के मूल स्थान पर खणी पंचायत के नारायण बान गांव में एक विशेष तरह की मिट्टी पाई जाती है. इस मिट्टी को देव तुल्य मानकर हर शुभ कार्य में इसका इस्तेमाल किया जाता है. शिवरात्रि महोत्सव में भी इस मिट्टी से ही शिव और पार्वती की मूर्तियां बनाई जाती हैं और हर कार्य में इस मिट्टी का इस्तेमाल होता है. यहां तक कि देवी देवताओं को भी चंदन से तिलक करने के बजाय इस मिट्टी से ही तिलक किया जाता है.
माता के पुजारी अतीर सिंह ने कहा कि उनके गांव में इस मिट्टी को देव तुल्य मानकर हर शुभ कार्य में इसका इस्तेमाल होता है. माता अंबिका के मूल स्थान निरमंड से निकलने वाली मिट्टी में लोगों की आस्था है. लोग दूर-दूर से माता के दर्शक को आते हैं. कहा जाता है कि इस मिट्टी से चर्म रोग से निजात मिलती है.