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IPH मंत्री के बेटे की कर्मचारियों से तल्खी से बातचीत का वीडियो वायरल, प्रदेश में गरमाई राजनीति - जत ठाकुर का एक कथित वीडियो

प्रदेश के आईपीएच मंत्री महेंद्र ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो के वायरल होने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. इसे लेकर कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा व जिला परिषद भूपेंद्र सिंह ने सवाल उठाए हैं.

rajat thakur treats employee video
rajat thakur treats employee video
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Published : Jan 9, 2020, 3:22 PM IST

मंडीः हिमाचल के आईपीएच मंत्री महेंद्र ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सवाल उठाए हैं. वीडियो मंडी के श्रम कार्यालय का बताया जा रहा है.

करीब 9 मिनट के वीडियो में रजत ठाकुर सत्ता की धौंस दिखाकर कर्मचारियों को धमकाता हुआ नजर आ रहा है. सत्ता का नशा क्या होता है वो इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है. अगर पिता सरकार में मंत्री हो और खुद भाजयुमो के पदाधिकारी हों तो ये जुबान और हरकतों पर सत्ता की खुमारी चढ़ ही जाती है. जनाब कुर्सी पर बैठे-बैठे कर्मचारियों को ट्रांसफर की धमकी दे रहे हैं.

वीडियो.

इस पूरी वीडियो में रजत ठाकुर श्रम कार्यालय के कर्मचारियों से किन्हीं कागजातों को लेकर पूछताछ करते हैं और ठीक जवाब ना मिलने पर पिता की कुर्सी की धौंस तक दिखाते हैं. रजत ठाकुर के इस तरह रसूख की नुमाइश करने के दौरान कर्मचारी हाथ बांधे खड़े रहते हैं, सफाईयां देते हैं और आखिर में एक महिला कर्मचारी की आंखों से आंसू तक बहने लगते हैं.

आश्रय शर्मा ने उठाए सवाल

वहीं, इस वीडियो को कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा ने फेसबुक पोस्ट से शेयर करते हुए सवाल उठाए हैं. आश्रय शर्मा ने अपनी केप्शन में लिखा है कि हिमाचल जंगलराज की ओर बढ़ रहा है और प्रदेश के कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. आगे उन्होंने लिखा है कि आईपीएच मंत्री के सुपुत्र जो प्रदेश भाजयुमो में पदाधिकारी हैं, सरकारी कार्यलय में महिला कर्मचारियों को धमका रहे हैं और महिला कर्मचारी अपनी बेबसी पर आंसू बहा रही है.

न्यायालय में मानहानि केस करेंगे दायर -भूपेंद्र सिंह

इसी मामले को लेकर जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने भी प्रेसनोट जारी कर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बताया कि वीडियो में मंत्री के बेटे ने उनका नाम लेकर जो टिपणियां की हैं, वे उसके खिलाफ न्यायालय में मानहानि केस दायर करेंगे. वहीं, सीटू से संबंधित मनरेगा मजदूर यूनियन ने मंत्री के बेटे की इस हरकत के खिलाफ तुरंत मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है.

उधर, रजत ठाकुर का कहना है कि कुछ चुनिंदा लोगों के कहने पर विभाग कुछ लोगों को ही मनरेगा की योजना का लाभ दे रहा है. इन शिकायतों पर एक प्रतिनिधिमंडल श्रम विभाग के मंडी कार्यालय गया था. जिसमें मनरेगा मजदूर और पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल रहे. उन्होंने आरोप लगाए गए थे के कुछ चुनिंदा लोग विभाग के कुछ कर्मचारियों की शह पर गलत उगाही कर रहे हैं.

रजत ठाकुर ने कहा कि मनरेगा मजदूरों की रजिस्ट्रेशन बुक के रिन्यू के लिए मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इसमें विजिलेंस की जांच होनी चाहिए, ताकि असलियत सामने आ सके. विपक्ष का काम सिर्फ षड्यंत्र रचना है.

बता दें कि बीते 27 दिसंबर 2019 को मंडी के सेरी मंच पर आयोजित कार्यक्रम में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह, सांसद रामस्वरूप शर्मा ने आश्रय के पिता एवं सदर के भाजपा विधायक अनिल शर्मा को खूब खरी-खोटी सुनाई थी. क्योंकि अनिल शर्मा ने सीएम जयराम ठाकुर से दो साल का समय यह कहकर मांगा था कि वह मंडी की तस्वीर बदल देंगे और अब इस वीडियो के वायरल होने से राजनीति गरमा गई है.

ये भी पढ़ें- राजीव सैजल के मंदिर में न जाने वाले बयान पर राज्यपाल ने जताई चिंता, बोले: घटना से हुए आहत

ये भी पढ़ें- सीएम जयराम ने अधिकारियों को दिये निर्देश, विधायकों की मांगों को प्राथमिकता के साथ पूरा करें अधिकारी

मंडीः हिमाचल के आईपीएच मंत्री महेंद्र ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सवाल उठाए हैं. वीडियो मंडी के श्रम कार्यालय का बताया जा रहा है.

करीब 9 मिनट के वीडियो में रजत ठाकुर सत्ता की धौंस दिखाकर कर्मचारियों को धमकाता हुआ नजर आ रहा है. सत्ता का नशा क्या होता है वो इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है. अगर पिता सरकार में मंत्री हो और खुद भाजयुमो के पदाधिकारी हों तो ये जुबान और हरकतों पर सत्ता की खुमारी चढ़ ही जाती है. जनाब कुर्सी पर बैठे-बैठे कर्मचारियों को ट्रांसफर की धमकी दे रहे हैं.

वीडियो.

इस पूरी वीडियो में रजत ठाकुर श्रम कार्यालय के कर्मचारियों से किन्हीं कागजातों को लेकर पूछताछ करते हैं और ठीक जवाब ना मिलने पर पिता की कुर्सी की धौंस तक दिखाते हैं. रजत ठाकुर के इस तरह रसूख की नुमाइश करने के दौरान कर्मचारी हाथ बांधे खड़े रहते हैं, सफाईयां देते हैं और आखिर में एक महिला कर्मचारी की आंखों से आंसू तक बहने लगते हैं.

आश्रय शर्मा ने उठाए सवाल

वहीं, इस वीडियो को कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा ने फेसबुक पोस्ट से शेयर करते हुए सवाल उठाए हैं. आश्रय शर्मा ने अपनी केप्शन में लिखा है कि हिमाचल जंगलराज की ओर बढ़ रहा है और प्रदेश के कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. आगे उन्होंने लिखा है कि आईपीएच मंत्री के सुपुत्र जो प्रदेश भाजयुमो में पदाधिकारी हैं, सरकारी कार्यलय में महिला कर्मचारियों को धमका रहे हैं और महिला कर्मचारी अपनी बेबसी पर आंसू बहा रही है.

न्यायालय में मानहानि केस करेंगे दायर -भूपेंद्र सिंह

इसी मामले को लेकर जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने भी प्रेसनोट जारी कर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बताया कि वीडियो में मंत्री के बेटे ने उनका नाम लेकर जो टिपणियां की हैं, वे उसके खिलाफ न्यायालय में मानहानि केस दायर करेंगे. वहीं, सीटू से संबंधित मनरेगा मजदूर यूनियन ने मंत्री के बेटे की इस हरकत के खिलाफ तुरंत मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है.

उधर, रजत ठाकुर का कहना है कि कुछ चुनिंदा लोगों के कहने पर विभाग कुछ लोगों को ही मनरेगा की योजना का लाभ दे रहा है. इन शिकायतों पर एक प्रतिनिधिमंडल श्रम विभाग के मंडी कार्यालय गया था. जिसमें मनरेगा मजदूर और पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल रहे. उन्होंने आरोप लगाए गए थे के कुछ चुनिंदा लोग विभाग के कुछ कर्मचारियों की शह पर गलत उगाही कर रहे हैं.

रजत ठाकुर ने कहा कि मनरेगा मजदूरों की रजिस्ट्रेशन बुक के रिन्यू के लिए मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इसमें विजिलेंस की जांच होनी चाहिए, ताकि असलियत सामने आ सके. विपक्ष का काम सिर्फ षड्यंत्र रचना है.

बता दें कि बीते 27 दिसंबर 2019 को मंडी के सेरी मंच पर आयोजित कार्यक्रम में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह, सांसद रामस्वरूप शर्मा ने आश्रय के पिता एवं सदर के भाजपा विधायक अनिल शर्मा को खूब खरी-खोटी सुनाई थी. क्योंकि अनिल शर्मा ने सीएम जयराम ठाकुर से दो साल का समय यह कहकर मांगा था कि वह मंडी की तस्वीर बदल देंगे और अब इस वीडियो के वायरल होने से राजनीति गरमा गई है.

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ये भी पढ़ें- सीएम जयराम ने अधिकारियों को दिये निर्देश, विधायकों की मांगों को प्राथमिकता के साथ पूरा करें अधिकारी

Intro:मंडी। आइपीएच मंत्री के बेटे द्वारा सरकारी कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों से तल्खी से बातचीत का वीडियो वायरल हो गया है। इस वीडियो पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने वीडियो को लेकर सवाल उठाए हैं। Body:करीब नौ मिनट का यह वीडियो किसी कार्यालय का है। जिसमें शुरूआत केवल ऑडियो है। जबकि बाद में वीडियो भी है। वीडियो में अधिकारियों कर्मचारियों से बात करते हुए रजत ठाकुर बीच बीच में तलख भी हो रहे हैं। एक महिला रोते हुए भी सुनी जा सकती है। वहीं, आश्रय शर्मा के फेसबुक पोस्ट के कैप्शन में सवाल उठाते हुए लिखा गया है कि जंगलराज की ओर हिमाचल- कर्मचारियों को किस प्रकार प्रताड़ित किया जाता है, इस वीडियो में साफ दिख रहा है। खुद को सर्वश्रेष्ठ मंत्री कहने वाले नंबर वन आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र सिंह का सुपुत्र जो प्रदेश भाजयुमो में पदाधिकारी हैं, किस तरह दफ्तर में आकर सरेआम महिला कर्मचारियों को धमका रहा है और महिला कर्मचारी अपनी बेबसी पर आंसू बहा रही है। इसी मामले को लेकर जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि वीडियो में मन्त्री के बेटे ने मेरा नाम लेकर जो टिपणियां की हैं वे उसके खिलाफ न्यायालय में उनके खिलाफ मानहानि केस दायर करेंगे। सीटू से संबंधित मनरेगा मजदूर यूनियन ने मंत्री के बेटे की इस हरकत के खिलाफ तुरंत मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। उधर, रजत का कहना है कि कुछ चुनिंदा लोगों के कहने पर विभाग चुनिंदा लोगों को ही मनरेगा की योजना का लाभ दे रहा है। इन शिकायतों पर एक प्रतिनिधिमंडल श्रम विभाग के मंडी कार्यालय गया था। जिसमें मनरेगा मजदूर और पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल रहे। उन्होंने आरोप लगाए गए थे के कुछ चुनिंदा लोग विभाग के कुछ कर्मचारियों की शह पर गलत उगाही कर रहे हैं। मनरेगा मजदूरों की रजिस्ट्रेशन बुक के रिन्यू के लिए मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसमें विजिलेंस की जांच होनी चाहिए। ताकि असलियत सामने आ सके। विपक्ष का काम सिर्फ षड्यंत्र रचना है। Conclusion:बता दें कि बीते 27 दिसंबर 2019 को मंडी के सेरी मंच पर आयोजित कार्यक्रम में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह, सांसद रामस्वरूप शर्मा ने आश्रय के पिता एवं सदर के भाजपा विधायक अनिल शर्मा को खूब खरी खोटी सुनाई थी। क्योंकि अनिल शर्मा में सीएम जयराम ठाकुर के दो साल का समय यह कहकर मांगा था कि वह मंडी की तस्वीर बदल देंगे।
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