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हिमाचल की राजनीति में मंडी दूसरा सबसे बड़ा जिला, एक क्लिक पर पढ़ें 10 सीटों का समीकरण - Himachal political equation

प्रदेश की राजनीति में कांगड़ा जिला के बाद मंडी दूसरा सबसे बड़ा जिला है. यहां 10 विधानसभा क्षेत्र हैं. प्रदेश में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिले से ही संबंध रखते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने गृह जिले की 10 की 10 विधानसभा सीटों को एक बार फिर से भाजपा की झोली में डालना चाहेंगे. वहीं, कांग्रेस भी इन सीटों पर अपनी पैनी नजर गड़ाए सत्ता वापसी की राह देख रही है. (Assembly seats in Mandi district)

हिमाचल विधानसभा चुनाव
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Published : Oct 16, 2022, 8:30 PM IST

मंडी: सूबे में होने वाले विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है. 68 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रदेश में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. बात करें प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिले मंडी की तो यहां 8 लाख 58 हजार 646 मतदान करेंगे. जिनमें 4 लाख 22 हजार 215 पुरुष, 4 लाख 24 हजार 566 महिला मतदाता व 11 हजार 864 सर्विस वोटर हैं. सभी राजनीतिक दलों ने चुनावों को लेकर कदमताल शुरू कर दी है. प्रदेश की राजनीति में कांगड़ा जिला के बाद मंडी दूसरा सबसे बड़ा जिला है. यहां 10 विधानसभा क्षेत्र हैं. प्रदेश में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिले से ही संबंध रखते हैं. मंडी जिले में इस समय सभी विधायक भारतीय जनता पार्टी के ही हैं. (Assembly seats in Mandi district) (himachal election date)

पंडित सुखराम ने मंडी सदर से 13 बार लड़ा चुनाव: मंडी सदर विधानसभा सीट की (Mandi Sadar Assembly seat) बात की जाए तो यह सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट है. इस सीट पर पंडित सुखराम परिवार का एकछत्र राज रहा है. प्रदेश में राजनीति के चाणक्य व संचार क्रांति के मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सुखराम ने मंडी सदर से 13 बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने सदर से कभी भी हार का मुंह नहीं देखा. वर्ष 2003 में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेते हुए पंडित सुखराम ने यह विरासत अपने पुत्र अनिल शर्मा को सौंपी. अनिल शर्मा सदर से मौजूदा विधायक हैं, उन्होंने वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा ने ही भाजपा की झोली में यह सीट डाली.

सदर से टिकट के चाहवानों की फौज: प्रदेश में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मंडी जिले को प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका मिला है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिले से संबंध रखते हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों में मंडी सदर सीट से टिकट के चाहवानों की एक फौज खड़ी है. सदर विधायक अनिल शर्मा इस समय भाजपा के विधायक हैं. आने वाले चुनाव अनिल शर्मा भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ही लड़ने वाले हैं. कांग्रेस पार्टी से सदर से टिकट की दौड़ में पूर्व प्रत्याशी चंपा ठाकुर व अमित पाल सिंह टिकट की दौड़ में हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी में टिकट के जवानों की एक लंबी फौज है. जिसमें पूर्व विधायक दुर्गादत्त, पार्षद सुमन ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनीष कपूर, भुवनेश ठाकुर, नरेंद्र गुलेरिया, दीपक गुलेरिया, हेमराज पठानिया, श्याम लाल व पायल वैद्य का नाम चर्चा में है.

2017 में जोगिंदर नगर से स्वतंत्र उमीदवार ने जीता था चुनाव: वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायक जीते थे. जोगिंदर नगर इकलौता ऐसा विधानसभा क्षेत्र था जहां से स्वतंत्र उम्मीदवार ने अपनी जीत दर्ज की थी. जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रकाश राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को भारी मतों के माध्यम से हराया था. करीब 4 माह पूर्व जोगिंदर नगर हलके के विधायक प्रकाश विधिवत रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. इससे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में जहां भाजपा को ताकत मिलेगी वहीं, दूसरी ओर राणा की एंट्री से जोगिंदर नगर भाजपा में नए समीकरण उभर कर आए हैं. प्रकाश राणा ने वर्ष 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को 6635 मतों से हराकर, बड़ा सियासी उलटफेर किया था.

7 बार चुनाव जीते हैं गुलाब सिंह ठाकुर: जोगिंदर नगर से पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर ने यहां से 10 बार चुनाव लड़ा है. जनता ने उन्हें 7 बार विधायक चुनकर विधानसभा भेजा है. गुलाब सिंह ठाकुर 1977 में जनता पार्टी से पहली बार विधायक चुने गए थे. 1982 में गुलाब सिंह ठाकुर ने निर्दलीय चुनाव जीता था. वह कांग्रेस पार्टी में भी रहे और 1990, 1983 व 1998 में कांग्रेस से विधायक चुने गए. इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. वहीं, 2007 व 2012 के चुनावों में गुलाब सिंह ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था.

जोगिंदर नगर में टिकट दावेदारों की लंबी फौज: जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट दावेदारों की (Ticket candidates in Joginder Nagar) लंबी फेहरिस्त है. प्रकाश राणा ने वर्ष 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को 6635 मतों से हराकर, बड़ा सियासी उलटफेर किया था. भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद प्रकाश राणा आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा टिकट के तगड़े दावेदार हो गए हैं. पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के ससुर हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर अपने ससुर को जोगिंदर नगर से टिकट दिलाने में कामयाब होते हैं या नहीं. वहीं, जोगिंदर नगर से इस बार भाजपा मंडल अध्यक्ष पंकज जम्वाल भी टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. यदि कांग्रेस पार्टी की बात की जाए तो यहां से पूर्व विधायक सुरेंद्र पाल ठाकुर, पूर्व प्रत्याशी जीवन लाल ठाकुर, कांग्रेस कमेटी प्रदेश सचिव राकेश चौहान का नाम चर्चा में है.

द्रंग विधानसभा सीट पर रहा है कौल सिंह ठाकुर का दबदबा: मंडी जिले के 10 हलकों में से द्रंग विधानसभा क्षेत्र की (Drang Assembly seat) बात की जाए तो इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही राज रहा है. भारतीय जनता पार्टी को यहां से मात्र दो बार ही जनता का आशीर्वाद मिला है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री ने यहां से 8 बार चुनाव जीता है. वर्ष 2017 में यहां से बीजेपी उम्मीदवार जवाहर ठाकुर ने जीत दर्ज की थी. जवाहर ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर को 6541 मतों से हराया था. पिछले विधानसभा चुनावों में जवाहर ठाकुर को 31392 व कौल सिंह ठाकुर को 24851 मत मिले थे. द्रंग विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनावों में 6 उम्मीदवारों ने अपना भविष्य आजमाया था. सूबे में इस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार है और जयराम ठाकुर मंडी जिला से ही संबंध रखते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने गृह जिले की 10 की 10 विधानसभा सीट एक बार फिर से भाजपा की झोली में डालना चाहेंगे. वहीं, कांग्रेस भी इन सीटों पर अपनी पैनी नजर गड़ाए सत्ता वापसी की राह देख रही है. आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ठाकुर कौल सिंह का यहां से टिकट तय माना जा रहा है. वहीं, भाजपा के मौजूदा विधायक के टिकट पर अभी संशय बरकरार है.

पिछले विधानसभा के चुनाव परिणाम: विधानसभा क्षेत्र में पिछले 5 विधानसभा चुनावों के परिणाम की बात करें तो अधिकतर परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में गए हैं. जवाहर ठाकुर ने कौल सिंह को 2003 व 2007 के विधानसभा चुनावों में कड़ी टक्कर दी थी और मामूली अंतर से चुनाव हारे थे. इस सीट पर अधिकतर कौल सिंह का दबदबा कायम रहा है. 1977 के चुनाव में कौल सिंह ने अपना पहला चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1982, 1985, 1993, 1998, 2003, 2007, 2012 में इस सीट से चुनाव जीता. कौल सिंह ठाकुर ने यहां से 1990 व 2017 विधानसभा का चुनाव हारा है. कौल सिंह की गिनती राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है. वह दो बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं, कांग्रेस सरकार में आईपीएच व स्वास्थ्य मंत्री सहित कई पदभार संभाल चुके हैं. मौजूदा विधायक जवाहर ठाकुर की बात की जाए तो उन्होंने वर्ष 1998, 2007, 2012, 2017 का चुनाव द्रंग विधानसभा क्षेत्र से लड़ा है. उन्हें मात्र 2017 के चुनावों में ही जीत हासिल हो सकी है.

द्रंग विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार: पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार के साथ नजदीकियां होने के चलते यहां से कांग्रेस ने ठाकुर कौल सिंह पर ही भरोसा जताया है. पिछले विधानसभा चुनावों में बेशक कौल सिंह ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन द्रंग विधानसभा सीट पर अधिकतर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कौल सिंह ठाकुर का ही दबदबा रहा है. मौजूदा समय में यहां पर भाजपा टिकट के चाहवानों की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी से विधायक जवाहर ठाकुर, लोकसभा उपचुनाव प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, ज्योति कपूर टिकट की दौड़ में हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट के चाहवानों की लिस्ट में प्रेम ठाकुर व कौल सिंह ठाकुर का नाम शामिल है. वहीं, किसी समय कांग्रेस पार्टी के सिपाही रहे पूर्ण चंद ने यहां से पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर 7672 वोट हासिल किए थे.

करसोग में 1993 से 2017 तक का कांग्रेस का दबदबा: हिमाचल में करसोग 26 वां (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र है. चार जिला परिषद वार्ड वाले इस विधानसभा क्षेत्र का इतिहास देखें तो वर्ष 1993 से वर्ष 2017 तक विधानसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां छह विधानसभा चुनाव में 3 बार कांग्रेस, एक बार हिमाचल विकास कांग्रेस, एक बार निर्दलीय और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की है.

पिछले 6 चुनावों के नतीजे: करसोग विधानसभा के लिए 1993 में चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहा था. उस समय कुल चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में आमने सामने थे. लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच रहा. भाजपा ने जोगिंद्रपाल को अपना उम्मीदवार बनाया था, कांग्रेस पार्टी से मस्तराम चुनावी रण में किस्मत आजमा रहे थे. जिसमें मस्तराम ने 19,371 मत प्राप्त कर 10,227 मतों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की. जोगिंद्रपाल को 9,144 मत मिले. इसके बाद वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला तीन दलों के बीच था. कांग्रेस को छोड़ कर पूर्व केंद्रीय संचार मत्री सुखराम ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी के नाम से अपना नया दल बनाया. जिसमें पार्टी ने पूर्व मत्री मनसाराम को अपना प्रत्याशी बनाया.

भाजपा ने एक बार फिर से जोगिंद्रपाल पर अपना दाव खेला वहीं, कांग्रेस ने फिर से मस्तराम को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन हिमाचल विकास पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मनसाराम ने 13,009 मत लेकर 1,932 मतों के चुनाव जीत लिया. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार मस्तराम को 11,077 वोट पड़े. वहीं, तीसरे नंबर पर भाजपा के प्रत्याशी जोगिंद्रपाल के हिस्से 10,977 वोट आए. वहीं, 2003 के विधानसभा चुनाव में भी तीन दलों के बीच मुख्य मुकाबला रहा. तीनों ही दलों ने इस बार टिकट में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन जीत कांग्रेस प्रत्याशी मस्तराम के हिस्से आई. मस्तराम ने 19,124 मत प्राप्त कर चुनाव 5,911 मतों के अंतर से जीत लिया. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा उम्मीदवार को 13,213 वोट पड़े. तीसरे नंबर पर रहे हिमाचल विकास कांग्रेस के प्रत्याशी मनसाराम को 11,730 मत मिले.

वहीं, 2007 के चुनाव में मनसाराम हिमाचल विकास पार्टी को छोड़ भाजपा से चुनाव लड़ा और आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हीरालाल से 5,527 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए. हीरा लाल को 19,609 वोट पड़े. वहीं, दूसरे नंबर पर रहे भाजपा उम्मीदवार मनसाराम को 14, 082 मत प्राप्त हुए. इसके बाद साल 2012 में मनसाराम ने फिर से पार्टी बदल कर कांग्रेस से चुनाव लडा. वहीं, भाजपा ने हीरालाल को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा. लेकिन इस बार बाजी कांग्रेस के हाथ लगी. कांग्रेस उम्मीदवार मनसाराम को 18,978 वोट पड़े. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी हीरालाल को 14,646 मत हासिल हुए. वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने फिर से हीरालाल को टिकट देकर चुनावी रण में उतारा वहीं, कांग्रेस ने मनसाराम पर भरोसा जताया. इस चुनाव में रिकॉर्ड 22,102 मत हासिल कर कांग्रेस उम्मीदवार मनसाराम को 4,830 मतों के अंतर से पछाड़ दिया. मनसाराम को 17,272 मत पड़े.

इस बार दोनों ही दलों में टिकट के कई चाहवान: करसोग विधानसभा क्षेत्र में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों से टिकट के लिए कई दावेदार कतार में हैं. कांग्रेस की बात करें तो इस बार 28 जुलाई को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की विशेष बैठक में सात नेताओं ने अपनी दावेदारी जताई है. इसमें उप नियंत्रक वित्त एवं लेखा ऐच्छिक सेवानिवृत एवम वर्तमान में महासचिव हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन भगतराम व्यास, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगत राम जगत, पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य महेश राज, हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव उत्तम चंद चौहान, ब्लॉक सेवादल के अध्यक्ष हिरदाराम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हीरामणि भारद्वाज व पवन कुमार शामिल हैं. वहीं, भाजपा से वर्तमान विधायक हीरालाल के अतिरिक्त भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक जिला सुंदरनगर आईटी संयोजक दीप कपूर भंथल, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सुंदरनगर अमीचंद, भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य युवराज कपूर के नाम टिकट के दावेदार के तौर पर सामने आ रहे हैं.

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मंडी: सूबे में होने वाले विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है. 68 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रदेश में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. बात करें प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिले मंडी की तो यहां 8 लाख 58 हजार 646 मतदान करेंगे. जिनमें 4 लाख 22 हजार 215 पुरुष, 4 लाख 24 हजार 566 महिला मतदाता व 11 हजार 864 सर्विस वोटर हैं. सभी राजनीतिक दलों ने चुनावों को लेकर कदमताल शुरू कर दी है. प्रदेश की राजनीति में कांगड़ा जिला के बाद मंडी दूसरा सबसे बड़ा जिला है. यहां 10 विधानसभा क्षेत्र हैं. प्रदेश में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिले से ही संबंध रखते हैं. मंडी जिले में इस समय सभी विधायक भारतीय जनता पार्टी के ही हैं. (Assembly seats in Mandi district) (himachal election date)

पंडित सुखराम ने मंडी सदर से 13 बार लड़ा चुनाव: मंडी सदर विधानसभा सीट की (Mandi Sadar Assembly seat) बात की जाए तो यह सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट है. इस सीट पर पंडित सुखराम परिवार का एकछत्र राज रहा है. प्रदेश में राजनीति के चाणक्य व संचार क्रांति के मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सुखराम ने मंडी सदर से 13 बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने सदर से कभी भी हार का मुंह नहीं देखा. वर्ष 2003 में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेते हुए पंडित सुखराम ने यह विरासत अपने पुत्र अनिल शर्मा को सौंपी. अनिल शर्मा सदर से मौजूदा विधायक हैं, उन्होंने वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा ने ही भाजपा की झोली में यह सीट डाली.

सदर से टिकट के चाहवानों की फौज: प्रदेश में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मंडी जिले को प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका मिला है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिले से संबंध रखते हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों में मंडी सदर सीट से टिकट के चाहवानों की एक फौज खड़ी है. सदर विधायक अनिल शर्मा इस समय भाजपा के विधायक हैं. आने वाले चुनाव अनिल शर्मा भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ही लड़ने वाले हैं. कांग्रेस पार्टी से सदर से टिकट की दौड़ में पूर्व प्रत्याशी चंपा ठाकुर व अमित पाल सिंह टिकट की दौड़ में हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी में टिकट के जवानों की एक लंबी फौज है. जिसमें पूर्व विधायक दुर्गादत्त, पार्षद सुमन ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनीष कपूर, भुवनेश ठाकुर, नरेंद्र गुलेरिया, दीपक गुलेरिया, हेमराज पठानिया, श्याम लाल व पायल वैद्य का नाम चर्चा में है.

2017 में जोगिंदर नगर से स्वतंत्र उमीदवार ने जीता था चुनाव: वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायक जीते थे. जोगिंदर नगर इकलौता ऐसा विधानसभा क्षेत्र था जहां से स्वतंत्र उम्मीदवार ने अपनी जीत दर्ज की थी. जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रकाश राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को भारी मतों के माध्यम से हराया था. करीब 4 माह पूर्व जोगिंदर नगर हलके के विधायक प्रकाश विधिवत रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. इससे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में जहां भाजपा को ताकत मिलेगी वहीं, दूसरी ओर राणा की एंट्री से जोगिंदर नगर भाजपा में नए समीकरण उभर कर आए हैं. प्रकाश राणा ने वर्ष 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को 6635 मतों से हराकर, बड़ा सियासी उलटफेर किया था.

7 बार चुनाव जीते हैं गुलाब सिंह ठाकुर: जोगिंदर नगर से पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर ने यहां से 10 बार चुनाव लड़ा है. जनता ने उन्हें 7 बार विधायक चुनकर विधानसभा भेजा है. गुलाब सिंह ठाकुर 1977 में जनता पार्टी से पहली बार विधायक चुने गए थे. 1982 में गुलाब सिंह ठाकुर ने निर्दलीय चुनाव जीता था. वह कांग्रेस पार्टी में भी रहे और 1990, 1983 व 1998 में कांग्रेस से विधायक चुने गए. इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. वहीं, 2007 व 2012 के चुनावों में गुलाब सिंह ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था.

जोगिंदर नगर में टिकट दावेदारों की लंबी फौज: जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट दावेदारों की (Ticket candidates in Joginder Nagar) लंबी फेहरिस्त है. प्रकाश राणा ने वर्ष 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को 6635 मतों से हराकर, बड़ा सियासी उलटफेर किया था. भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद प्रकाश राणा आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा टिकट के तगड़े दावेदार हो गए हैं. पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के ससुर हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर अपने ससुर को जोगिंदर नगर से टिकट दिलाने में कामयाब होते हैं या नहीं. वहीं, जोगिंदर नगर से इस बार भाजपा मंडल अध्यक्ष पंकज जम्वाल भी टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. यदि कांग्रेस पार्टी की बात की जाए तो यहां से पूर्व विधायक सुरेंद्र पाल ठाकुर, पूर्व प्रत्याशी जीवन लाल ठाकुर, कांग्रेस कमेटी प्रदेश सचिव राकेश चौहान का नाम चर्चा में है.

द्रंग विधानसभा सीट पर रहा है कौल सिंह ठाकुर का दबदबा: मंडी जिले के 10 हलकों में से द्रंग विधानसभा क्षेत्र की (Drang Assembly seat) बात की जाए तो इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही राज रहा है. भारतीय जनता पार्टी को यहां से मात्र दो बार ही जनता का आशीर्वाद मिला है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री ने यहां से 8 बार चुनाव जीता है. वर्ष 2017 में यहां से बीजेपी उम्मीदवार जवाहर ठाकुर ने जीत दर्ज की थी. जवाहर ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर को 6541 मतों से हराया था. पिछले विधानसभा चुनावों में जवाहर ठाकुर को 31392 व कौल सिंह ठाकुर को 24851 मत मिले थे. द्रंग विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनावों में 6 उम्मीदवारों ने अपना भविष्य आजमाया था. सूबे में इस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार है और जयराम ठाकुर मंडी जिला से ही संबंध रखते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने गृह जिले की 10 की 10 विधानसभा सीट एक बार फिर से भाजपा की झोली में डालना चाहेंगे. वहीं, कांग्रेस भी इन सीटों पर अपनी पैनी नजर गड़ाए सत्ता वापसी की राह देख रही है. आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ठाकुर कौल सिंह का यहां से टिकट तय माना जा रहा है. वहीं, भाजपा के मौजूदा विधायक के टिकट पर अभी संशय बरकरार है.

पिछले विधानसभा के चुनाव परिणाम: विधानसभा क्षेत्र में पिछले 5 विधानसभा चुनावों के परिणाम की बात करें तो अधिकतर परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में गए हैं. जवाहर ठाकुर ने कौल सिंह को 2003 व 2007 के विधानसभा चुनावों में कड़ी टक्कर दी थी और मामूली अंतर से चुनाव हारे थे. इस सीट पर अधिकतर कौल सिंह का दबदबा कायम रहा है. 1977 के चुनाव में कौल सिंह ने अपना पहला चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1982, 1985, 1993, 1998, 2003, 2007, 2012 में इस सीट से चुनाव जीता. कौल सिंह ठाकुर ने यहां से 1990 व 2017 विधानसभा का चुनाव हारा है. कौल सिंह की गिनती राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है. वह दो बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं, कांग्रेस सरकार में आईपीएच व स्वास्थ्य मंत्री सहित कई पदभार संभाल चुके हैं. मौजूदा विधायक जवाहर ठाकुर की बात की जाए तो उन्होंने वर्ष 1998, 2007, 2012, 2017 का चुनाव द्रंग विधानसभा क्षेत्र से लड़ा है. उन्हें मात्र 2017 के चुनावों में ही जीत हासिल हो सकी है.

द्रंग विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार: पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार के साथ नजदीकियां होने के चलते यहां से कांग्रेस ने ठाकुर कौल सिंह पर ही भरोसा जताया है. पिछले विधानसभा चुनावों में बेशक कौल सिंह ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन द्रंग विधानसभा सीट पर अधिकतर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कौल सिंह ठाकुर का ही दबदबा रहा है. मौजूदा समय में यहां पर भाजपा टिकट के चाहवानों की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी से विधायक जवाहर ठाकुर, लोकसभा उपचुनाव प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, ज्योति कपूर टिकट की दौड़ में हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट के चाहवानों की लिस्ट में प्रेम ठाकुर व कौल सिंह ठाकुर का नाम शामिल है. वहीं, किसी समय कांग्रेस पार्टी के सिपाही रहे पूर्ण चंद ने यहां से पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर 7672 वोट हासिल किए थे.

करसोग में 1993 से 2017 तक का कांग्रेस का दबदबा: हिमाचल में करसोग 26 वां (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र है. चार जिला परिषद वार्ड वाले इस विधानसभा क्षेत्र का इतिहास देखें तो वर्ष 1993 से वर्ष 2017 तक विधानसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां छह विधानसभा चुनाव में 3 बार कांग्रेस, एक बार हिमाचल विकास कांग्रेस, एक बार निर्दलीय और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की है.

पिछले 6 चुनावों के नतीजे: करसोग विधानसभा के लिए 1993 में चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहा था. उस समय कुल चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में आमने सामने थे. लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच रहा. भाजपा ने जोगिंद्रपाल को अपना उम्मीदवार बनाया था, कांग्रेस पार्टी से मस्तराम चुनावी रण में किस्मत आजमा रहे थे. जिसमें मस्तराम ने 19,371 मत प्राप्त कर 10,227 मतों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की. जोगिंद्रपाल को 9,144 मत मिले. इसके बाद वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला तीन दलों के बीच था. कांग्रेस को छोड़ कर पूर्व केंद्रीय संचार मत्री सुखराम ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी के नाम से अपना नया दल बनाया. जिसमें पार्टी ने पूर्व मत्री मनसाराम को अपना प्रत्याशी बनाया.

भाजपा ने एक बार फिर से जोगिंद्रपाल पर अपना दाव खेला वहीं, कांग्रेस ने फिर से मस्तराम को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन हिमाचल विकास पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मनसाराम ने 13,009 मत लेकर 1,932 मतों के चुनाव जीत लिया. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार मस्तराम को 11,077 वोट पड़े. वहीं, तीसरे नंबर पर भाजपा के प्रत्याशी जोगिंद्रपाल के हिस्से 10,977 वोट आए. वहीं, 2003 के विधानसभा चुनाव में भी तीन दलों के बीच मुख्य मुकाबला रहा. तीनों ही दलों ने इस बार टिकट में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन जीत कांग्रेस प्रत्याशी मस्तराम के हिस्से आई. मस्तराम ने 19,124 मत प्राप्त कर चुनाव 5,911 मतों के अंतर से जीत लिया. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा उम्मीदवार को 13,213 वोट पड़े. तीसरे नंबर पर रहे हिमाचल विकास कांग्रेस के प्रत्याशी मनसाराम को 11,730 मत मिले.

वहीं, 2007 के चुनाव में मनसाराम हिमाचल विकास पार्टी को छोड़ भाजपा से चुनाव लड़ा और आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हीरालाल से 5,527 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए. हीरा लाल को 19,609 वोट पड़े. वहीं, दूसरे नंबर पर रहे भाजपा उम्मीदवार मनसाराम को 14, 082 मत प्राप्त हुए. इसके बाद साल 2012 में मनसाराम ने फिर से पार्टी बदल कर कांग्रेस से चुनाव लडा. वहीं, भाजपा ने हीरालाल को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा. लेकिन इस बार बाजी कांग्रेस के हाथ लगी. कांग्रेस उम्मीदवार मनसाराम को 18,978 वोट पड़े. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी हीरालाल को 14,646 मत हासिल हुए. वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने फिर से हीरालाल को टिकट देकर चुनावी रण में उतारा वहीं, कांग्रेस ने मनसाराम पर भरोसा जताया. इस चुनाव में रिकॉर्ड 22,102 मत हासिल कर कांग्रेस उम्मीदवार मनसाराम को 4,830 मतों के अंतर से पछाड़ दिया. मनसाराम को 17,272 मत पड़े.

इस बार दोनों ही दलों में टिकट के कई चाहवान: करसोग विधानसभा क्षेत्र में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों से टिकट के लिए कई दावेदार कतार में हैं. कांग्रेस की बात करें तो इस बार 28 जुलाई को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की विशेष बैठक में सात नेताओं ने अपनी दावेदारी जताई है. इसमें उप नियंत्रक वित्त एवं लेखा ऐच्छिक सेवानिवृत एवम वर्तमान में महासचिव हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन भगतराम व्यास, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगत राम जगत, पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य महेश राज, हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव उत्तम चंद चौहान, ब्लॉक सेवादल के अध्यक्ष हिरदाराम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हीरामणि भारद्वाज व पवन कुमार शामिल हैं. वहीं, भाजपा से वर्तमान विधायक हीरालाल के अतिरिक्त भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक जिला सुंदरनगर आईटी संयोजक दीप कपूर भंथल, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सुंदरनगर अमीचंद, भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य युवराज कपूर के नाम टिकट के दावेदार के तौर पर सामने आ रहे हैं.

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