करसोग: उपमंडल करसोग के सेब बाहुल क्षेत्रों में ओलावृष्टि से कृषि और बागवानी को भारी नुकसान हुआ है. यहां बुधवार को दोपहर बाद अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ा और ओलावृष्टि शुरू हो गई. इस दौरान करीब 20 मिनट हुई ओलावृष्टि से गेहूं सहित स्टोन फ्रूट और सेब को भारी नुकसान हुआ है. उपमंडल की मैहरन, कांडी सपनोट, खील, माहूंनाग, चुराग, बगशाड़ आदि पंचायतों के कई क्षेत्रों में लगातार हुई ओलावृष्टि से स्टोन फ्रूट खुरमानी, प्लम , आड़ू, बादाम, नाशपाती सहित सेब की फसल को 50 फ़ीसदी से अधिक का नुकसान हुआ है.
तेज हुई ओलावृष्टि से पेड़ों से फल सहित पत्तियां जमीन पर बिखर गईं. इतना ही नहीं पेड़ों पर लगे फल ओलावृष्टि से खराब हो गए हैं, जिसकी बागवानों को बाजार में आधी कीमत भी नहीं मिलेगी. इसके अलावा उपमंडल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गेहूं सहित जौ की फसल खेतों में पककर तैयार है. जौ ओलावृष्टि की भेंट चढ़ गई है. हालांकि रबी सीजन में सामान्य से कम हुई बारिश की वजह से पहले की गेहूं की 70 फीसदी फसल सूखे से नष्ट हो गई है, लेकिन अब जो 30 फीसदी गेहूं की फसल बची थी, वह भी ओलावृष्टि से अब समाप्त हो गई है.
बागवानों ने सरकार से की मुआवजे की मांग
इसके अलावा खरीफ के इस सीजन में बहुत से किसानों ने खेतों में शिमला मिर्च सहित टमाटर, बैगन, तेज मिर्च की पौध लगाई थी वह भी ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई है. ऐसे में किसानों और बागवानों की बची हुई उम्मीदों पर ओलावृष्टि ने कहर बरपा दिया है. किसानों और बागवानों ने सरकार से ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है.
13 मई के लिए ऑरेज अलर्ट जारी
उधर मौसम विभाग ने 13 मई को भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस दौरान प्रदेश ने निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी है. प्रदेश में अभी 16 मई तक मौसम खराब रहेगा. बागवानी विभाग ने ओलावृष्टि की सूचना के बाद फील्ड अधिकारियों को दो दिनों में रिपोर्ट भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं.
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क्या कहते हैं बागवानी विभाग के अधिकारी?
विकासखंड करसोग के बागवानी विभाग के विषय वार्ता विशेषज्ञ (एसएमएस) नरेश शर्मा ने बताया कि बहुत सी पंचायतों में ओलावृष्टि हुई है. इस बारे में फील्ड अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं. यहां से रिपोर्ट प्राप्त होते ही इसे सरकार को भेजा जाएगा.
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