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मंडी में उड़ रही स्वच्छता अभियान की धज्जियां, नाकामी छुपाने के लिए खड्ड में फेंका जा रहा कचरा - Sundernagar

डम्पिंग यार्ड की गंदगी खुलेआम खड्ड में फेंकने से यह बरसात में बह कर घांघल खड्ड, लिंड्डी खड्ड, सुकेती, कंसा व अन्य खड्डों का पानी व विभिन्न पेयजल योजनाओं को दूषित करते हुए ब्यास दरिया में मिलेगी.

Garbage thrown in ravine in Sundernagar
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Published : Jun 6, 2019, 3:52 AM IST

मंडी: जिला मंडी के सुंदरनगर में एनजीटी के निर्देशों व स्वच्छ्ता अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आलम यह है कि दशकों पुरानी चंदपुर डंपिंग साइट पिछले कई सालों से हजारों टन कुड़े के जमावड़े से भर चुकी है और अब कूड़े से निजात पाने के लिए उसे खड्ड में डाला जा रहा है.

यहां जमा टनों के हिसाब से मलबे के निष्पादन के लिए शहरी विकास विभाग तमाम दावों के बावजूद कुछ भी नहीं कर पाया है. अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए अब डंपिंग साइट से गले-सड़े कचरे को साथ लगती घांघल खड्ड में डंप किया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से यहां जमा हुए कूड़े को बीबीएमबी मशीनरी साथ लगती खड्ड में धकेलने में जुटी हुई है.

अभी तक बीबीएमबी मशीनरी द्वारा हजारों टन कचरा घांघल खड्ड में फैंका जा चुका है. गत रोज भी यह क्रम जारी था. गत माह बीबीएमबी ने सुंदरनगर, सलापड़ व पंडोह में स्वच्छ्ता अभियान चलाया था, लेकिन डम्पिंग साइट का कचरा खड्ड में धकेलने और पांच दशक में कोई भी अपनी कुड़ा निष्पादन की कोई योजना ना बनाने से प्रबंधन की कार्यप्रणाली सन्देह के घेरे में है. ऐसे में प्रबन्धन द्वारा किए जा रहे तमाम स्वच्छ्ता के दावे खोखले नजर आ रहे है.

मॉडल टाऊन बनाने की मुहिम हुई फेल
वर्ष 2014 में हिमाचल सरकार के शहरी विभाग द्वारा डच कंपनी नेक्सन नोवस कंपनी से हुए इकरार के तहत सुंदरनगर को नीदरलैंड की तर्ज पर विकसित करने की कवायद शुरु की गई थी. इसके तहत नीदरलैंड से तकनीकी सहयोग से शहर को कचरा मुक्त करने,ठोस कचरा प्रबन्धन, मल निकासी, ऊर्जा सरक्षण व क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयो पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने थे.

इस योजना के सर्वे के लिए ही 50 लाख रुपये का प्रावधान था. जिस पर उस समय जहां शहरी विभाग के निदेशक सहित जिला प्रशासन ने सुंदरनगर को मॉडल सिटी बनाने के लिए नीदरलैंड फिजिबिलिटी सर्वे टीम व स्वयं सेवकों संग सर्वेक्षण किए थे, लेकिन नीदरलैंड की तर्ज पर सुंदरनगर आज तक मॉडल टाऊन के रूप में विकसित ही न हो पाया है.

मंडी में उड़ रही स्वच्छता अभियान की धज्जियां.

डम्पिंग यार्ड की गंदगी खुलेआम खड्ड में फेंकने से यह बरसात में बह कर घांघल खड्ड, लिंड्डी खड्ड, सुकेती, कंसा व अन्य खड्डों का पानी व विभिन्न पेयजल योजनाओं को दूषित करते हुए ब्यास दरिया में मिलेगी. जहां से यह दूषित पानी आगे बहता हुआ दूसरे राज्यों में पहुंचेगा.

क्या कहती है सुंदरनगर नगर परिषद
सुंदरनगर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा का कहना है कि एनजीटी के दिशा-निर्देश व शहरी विकास विभाग के सहयोग से पॉलिवेस्ट मेनेजमेंट रूल 2016 के तहत शहर के हर घर से नप के वाहनों द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जा रहा है. सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है. इसके उपरांत एकत्रित किया गया कूड़ा वाहनों के माध्यम से डंपिंग साइट पर पहुंचाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि डंपिंग साइट पर कई सालों से पड़े हुए कूड़े को साफ करने के लिए सरकार की सहायता ली जा रही और सरकार की तरफ से ट्रॉमेल, कंपैक्टर सहित इंसिनेटर मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही है. इन्हें जल्द की डंपिंग साइट पर स्थापित किया जाएगा.

जल्द एनजीटी से की जाएगी मामले की शिकायत
जुगाहन पंचायत उपप्रधान श्याम लाल ने कहा कि पिछले लंबे समय से डम्पिंग साइट के कूड़े के समाधान की मांग की जा रही है, लेकिन न तो बीबीएमबी न ही प्रसाशन इस सन्दर्भ में कोई ठोस योजना नहीं बना पाई है. इसके चलते दर्जनों गांवों के हजारों बाशिंदे दूषित वातावरण में जिंदगी जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा की मामले को सरकार और प्रसाशन के सामने कई बार उठा चुके हैं, लेकिन समस्या का हल नहीं निकल पाया है. अब जल्द ही मामले की शिकायत एनजीटी से की जाएगी.

वहीं, एसडीएम सुंदरनगर अमित कुमार शर्मा से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि बीबीएमबी द्वारा खड्ड में डम्पिंग साइट की गंदगी धकेलने की जानकारी मिली है. मामले की छानबीन कर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

मंडी: जिला मंडी के सुंदरनगर में एनजीटी के निर्देशों व स्वच्छ्ता अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आलम यह है कि दशकों पुरानी चंदपुर डंपिंग साइट पिछले कई सालों से हजारों टन कुड़े के जमावड़े से भर चुकी है और अब कूड़े से निजात पाने के लिए उसे खड्ड में डाला जा रहा है.

यहां जमा टनों के हिसाब से मलबे के निष्पादन के लिए शहरी विकास विभाग तमाम दावों के बावजूद कुछ भी नहीं कर पाया है. अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए अब डंपिंग साइट से गले-सड़े कचरे को साथ लगती घांघल खड्ड में डंप किया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से यहां जमा हुए कूड़े को बीबीएमबी मशीनरी साथ लगती खड्ड में धकेलने में जुटी हुई है.

अभी तक बीबीएमबी मशीनरी द्वारा हजारों टन कचरा घांघल खड्ड में फैंका जा चुका है. गत रोज भी यह क्रम जारी था. गत माह बीबीएमबी ने सुंदरनगर, सलापड़ व पंडोह में स्वच्छ्ता अभियान चलाया था, लेकिन डम्पिंग साइट का कचरा खड्ड में धकेलने और पांच दशक में कोई भी अपनी कुड़ा निष्पादन की कोई योजना ना बनाने से प्रबंधन की कार्यप्रणाली सन्देह के घेरे में है. ऐसे में प्रबन्धन द्वारा किए जा रहे तमाम स्वच्छ्ता के दावे खोखले नजर आ रहे है.

मॉडल टाऊन बनाने की मुहिम हुई फेल
वर्ष 2014 में हिमाचल सरकार के शहरी विभाग द्वारा डच कंपनी नेक्सन नोवस कंपनी से हुए इकरार के तहत सुंदरनगर को नीदरलैंड की तर्ज पर विकसित करने की कवायद शुरु की गई थी. इसके तहत नीदरलैंड से तकनीकी सहयोग से शहर को कचरा मुक्त करने,ठोस कचरा प्रबन्धन, मल निकासी, ऊर्जा सरक्षण व क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयो पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने थे.

इस योजना के सर्वे के लिए ही 50 लाख रुपये का प्रावधान था. जिस पर उस समय जहां शहरी विभाग के निदेशक सहित जिला प्रशासन ने सुंदरनगर को मॉडल सिटी बनाने के लिए नीदरलैंड फिजिबिलिटी सर्वे टीम व स्वयं सेवकों संग सर्वेक्षण किए थे, लेकिन नीदरलैंड की तर्ज पर सुंदरनगर आज तक मॉडल टाऊन के रूप में विकसित ही न हो पाया है.

मंडी में उड़ रही स्वच्छता अभियान की धज्जियां.

डम्पिंग यार्ड की गंदगी खुलेआम खड्ड में फेंकने से यह बरसात में बह कर घांघल खड्ड, लिंड्डी खड्ड, सुकेती, कंसा व अन्य खड्डों का पानी व विभिन्न पेयजल योजनाओं को दूषित करते हुए ब्यास दरिया में मिलेगी. जहां से यह दूषित पानी आगे बहता हुआ दूसरे राज्यों में पहुंचेगा.

क्या कहती है सुंदरनगर नगर परिषद
सुंदरनगर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा का कहना है कि एनजीटी के दिशा-निर्देश व शहरी विकास विभाग के सहयोग से पॉलिवेस्ट मेनेजमेंट रूल 2016 के तहत शहर के हर घर से नप के वाहनों द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जा रहा है. सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है. इसके उपरांत एकत्रित किया गया कूड़ा वाहनों के माध्यम से डंपिंग साइट पर पहुंचाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि डंपिंग साइट पर कई सालों से पड़े हुए कूड़े को साफ करने के लिए सरकार की सहायता ली जा रही और सरकार की तरफ से ट्रॉमेल, कंपैक्टर सहित इंसिनेटर मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही है. इन्हें जल्द की डंपिंग साइट पर स्थापित किया जाएगा.

जल्द एनजीटी से की जाएगी मामले की शिकायत
जुगाहन पंचायत उपप्रधान श्याम लाल ने कहा कि पिछले लंबे समय से डम्पिंग साइट के कूड़े के समाधान की मांग की जा रही है, लेकिन न तो बीबीएमबी न ही प्रसाशन इस सन्दर्भ में कोई ठोस योजना नहीं बना पाई है. इसके चलते दर्जनों गांवों के हजारों बाशिंदे दूषित वातावरण में जिंदगी जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा की मामले को सरकार और प्रसाशन के सामने कई बार उठा चुके हैं, लेकिन समस्या का हल नहीं निकल पाया है. अब जल्द ही मामले की शिकायत एनजीटी से की जाएगी.

वहीं, एसडीएम सुंदरनगर अमित कुमार शर्मा से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि बीबीएमबी द्वारा खड्ड में डम्पिंग साइट की गंदगी धकेलने की जानकारी मिली है. मामले की छानबीन कर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

लोकेशन सुंदरनगर :
स्लग :
गत रोज मीडिया ने उठाया था मामला, नाकामी छुपाने के लिए घांघल खड्ड में फेंका जा रहा डंपिंग 
साईट का कुड्डा,
सुंदरनगर में एनजीटी व पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ्ता अभियान की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जिया,
सुंदरनगर को मॉडल टाऊन बनाने की मुहिम फेल, करोड़ो हुए बर्बाद,
गंदगी खुलेआम खड्ड में फैकने से घांघल खड्ड, लिंड्डी खड्ड, सुकेती,कंसा व अन्य खडो का पानी होगा दूषित,
सभी खड्डों का पानी दुसरे राज्यों में पहुचेगा जिस की गन्दगी से किसानो के खेतो व जल जीवन होगा बर्बाद,
लोगो ने कहा जल्द ममाले की एनजीटी से होगी शिकायत।  
 
सुंदरनगर (नितेश सैनी)

एकर : जिला मंडी के सुंदरनगर में एनजीटी व नरेंद्र मोदी के स्वच्छ्ता अभियान की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है। आलम यह है कि दशकों पुरानी चंदपुर डंपिंग साईट पिछले कई वर्षो से.श हजारों टन कुड़े के जमावड़े से लबालब भर चुकी है। वहीं यहां जमा टनो के हिसाब से मलबे के निष्पादन के लिए शहरी विकास विभाग तमाम दावों के बावजूद कुछ भी नहीं कर पाया है। अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए अब डंपिंग साईट से गले सड़े कुड़े कचरे को साथ लगती घांघल खड्ड में डंप किया जा रहा है । पिछले कुछ दिनों से यहां जमे हुए कूड़े को बीबीएमबी मशीनरी साथ लगती खड्ड में धकेलने में जुटी हुई है। अभी तक बीबीएमबी मशीनरी द्वारा हजारों टन कचरा घांघल खड्ड में फैंका जा चुका है। गत रोज भी यह क्रम जारी था।

गत माह बीबीएमबी ने सुंदरनगर ,सलापड़ व पंडोह में स्वच्छ्ता अभियान चलाया था। लेकिन डम्पिंग साईट का कचरा खड्ड में धकेलने और पांच दशक में कोई भी अपनी कुड़ा निष्पादन की कोई योजना ना बनाने से प्रबंधन की कार्यप्रणाली सन्देह के घेरे में है। ऐसे में प्रबन्धन द्वारा किए जा रहे तमाम स्वच्छ्ता के दावे खोखले नजर आ रहे है।

मॉडल टाऊन बनाने की मुहिम हुई फेल,करोड़ो हुए बर्बाद

वर्ष 2014 में हिमाचल सरकार के शहरी विभाग द्वारा डच कंपनी नेक्सन नोवस कंपनी से हुए इकरार के तहत सुंदरनगर को नीदरलैंड की तर्ज पर विकसित करने की कवायद शुरु की गई थी। इसके तहत नीदरलैंड से तकनीकी सहयोग से शहर को कचरा मुक्त करने,ठोस कचरा प्रबन्धन,मल निकासी,ऊर्जा सरक्षण व क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयो पर करोड़ो  रुपय खर्च किए जाने थे। इस योजना के सर्वे के लिए ही 50 लाख रुपए का प्रावधान था। जिस पर उस समय जहां शहरी विभाग के निदेशक सहित जिला प्रशासन ने सुंदरनगर को मॉडल सिटी बनाने के लिए नीदरलैंड फिजीविलिटी सर्वे टीम व स्वयं सेवकों संग सर्वेक्षण किए थे। लेकिन नीदरलैंड की तर्ज पर सुंदरनगर आज तक मॉडल टाऊन के रूप में विकसित ही ना हो पाया है।
  
खड्ड में डंप करने से लाखों की जान पर मंडराता खतरा 

डम्पिंग यार्ड की गंदगी खुलेआम खड्ड में फैकने से यह बरसात में बह कर घांघल खड्ड, लिंड्डी खड्ड,सुकेती,कंसा व अन्य खडो का पानी व विभिन्न पेयजल योजनाओ को दूषित करते हुए ब्यास दरिया में मिलेगी। जहा से यह दूषित पानी आगे बहता हुआ दूसरे राज्यों में पहुचेगा। वहीं गन्दगी किसानो के खेतो व जल जीवन को भी बर्बाद करेगी।

क्या कहती है सुंदरनगर नगरपरिषद 

सुंदरनगर नगरपरिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा का कहना है कि एनजीटी के दिशानिर्देश व  शहरी विकास विभाग के सहयोग से पॉलिवेस्ट मेनेजमेंट रूल 2016 के तहत शहर के हर घर से नप के वाहनों द्वारा डोर टू डोर कूड़ा उठाया जा रहा है। सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है। इसके उपरांत एकत्रित किया गया कूड़ा वाहनों के माध्यम से डंपिंग साईट पर पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डंपिंग साईट पर कई वर्षों से पड़े हुए कूड़े को साफ करने के लिए सरकार की सहायता ली जा रही और सरकार की तरफ से ट्रॉमेल,कंपैक्टर सहित इंसिनेटर मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही है। इन्हें जल्द की डंपिंग साईट पर स्थापित किया जाएगा। अभी मैनुअल तरीके से डंपिंग साईट पर काम किया जा रहा है लेकिन फिर भी डंपिंग साईट खाली नही हो रही है जिस के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।ना गलने व सडऩे वाला कूड़ा बिलासपुर जिला के बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री को उपयोग के लिए भेजा रहा है।


जल्द एनजीटी से की जाएगी मामले की शिकायत :

जुगाहन पंचायत उपप्रधान श्याम लाल ने कहा की पिछले लम्बे समय डम्पिंग साईट के कूड़े के समाधान की मांग की जा रही। लेकिन ना तो बीबीएमबी ना ही प्रसाशन इस सन्दर्भ में कोई ठोस योजना नही बना पाई है। इसके चलते दर्जनों गावो के हजारो वाशिंदे दूषित वातावरण में नर्क भरी जिंदगी जीने को मजबूर है। उन्होंने कहा की मामले को सरकार और प्रसाशन के सामने कई बार उठा चुके है लेकिन समस्या का हल नहीं निकल पाया है अब जल्द ही मामले की शिकायत एनजीटी से की जाएगी.

बाइट : जुगाहन पंचायत उपप्रधान श्याम लाल


बीबीएमबी द्वारा खड्ड में डम्पिंग साईट की गन्दगी धकेलने की जानकारी मिली है। मामले की छानबीन कर सख्त कार्रवाही अमल में लाई जाएगी।
-डॉ. अमित कुमार शर्मा,एसडीएम सुंदरनगर।

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