सुंदरनगर/मंडी: भारतीय जनता पार्टी के हिटलर शाही शासन में जिस प्रकार जनता व कर्मचरियों को प्रताड़ित किया जा रहा है, वो लोकतंत्र प्रणाली के तहत सरासर असंवैधानिक है और अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है. यह बात पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश चौधरी ने कही. पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार की (Prakash Choudhary on jairam goverment) दमनकारी नीतियों से कर्मचारी तबका खासा तंग है. जेसीसी में कांट्रेक्ट कर्मचरियों को तीन वर्ष से दो वर्ष कर दिया गया, लेकिन पुलिस बल के लिए कुछ नहीं किया गया.
वहीं, जब पुलिस वालों के परिजन द्वारा जब भारतीय जनता पार्टी के (Former Minister Prakash Choudhary on JP Nadda) राष्ट्रीय अध्यक्ष और अपने सांसद को ज्ञापन सौंपने के लिए पेश होते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली जाती है. उन्होंने सरकार से सवाल पूछा है कि क्या जनता का अपने सांसद से बात करना अपराध की श्रेणी में आता है, ऐसा तो ब्रिटिश शासन में भी नहीं होता था, जैसा इस दौर में भाजपा शासन में हो रहा है.
उन्होंने सरकार से पुलिस जवानों के परिजनों पर हुए केसों को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कर्मचारी वर्ग को आश्वस्त किया है कि जैसे ही कांग्रेस सरकार आएगी कर्मचारी वर्ग को पहले की तरह इज्जत और सम्मान के साथ-साथ उनके पूरे हक हकूक प्रदान किए जाएंगे तथा समूचे प्रदेश में रुके हुए विकास कार्य पुनः आरंभ हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ जनमत खड़ा होना शुरू हो गया है और इसकी शुरूआत उपचुनाव में प्रदेश कांग्रेस की जीत से शुरू हो गई है. भाजपा ने जो चुनावी वायदे किए थे, उन्हें पूरा करने में सरकार पूरी तरह विफल रही है. जिस कारण से आने वाले चुनावों में प्रदेश की जनता के साथ साथ कर्मचारी वर्ग सरकार को करारा जवाब देने का मूड बनाए हुए है.
प्रकाश चौधरी ने कहा कि देश में महंगाई व बेरोजगारी (Former Minister Prakash Choudhary on inflation and unemployment) बढ़ रही है, उससे देश प्रदेश का आम आदमी त्रस्त है, बल्कि सरकार के जन प्रतिनिधि भी सरकार की इन दमनकारी नीतियों से हताश व निराश हो गए हैं. इसी के चलते बीजेपी के अपने ही कार्यकर्ता आम आदमी के साथ खड़े होकर अब अपनी ही सरकार को सबक सिखाने के लिए बेताब खड़े हैं. अपने और बेगानों का यह आक्रोश बता रहा है कि बीजेपी सरकार जाने वाली है और कांग्रेस सरकार आने वाली है.
ये भी पढ़ें- पांवटा साहिब में देखरेख के अभाव में बदहाल हुए सार्वजनिक शौचालय, नगर परिषद के दावे फेल