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Earthquake in Himachal: मंडी में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके, 3.9 मापी गई तीव्रता

हिमाचल प्रदेश के मंडी में तीन दिन के अंदर दूसरी बार भूकंप (Earthquake in himachal) के झटके महसूस किए गए हैं. मंगलवार रात करीब 10 बजे मंडी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई है. वहीं भूकंप का केंद्र जमीन के 10 निचे मापा गया है. हालांकि भूकंप की तीव्रता की कम होने की वजह से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) ने की है.

earthquake in mandi
मंडी में भूकंप के झटके
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Published : Nov 23, 2021, 10:48 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी में तीन दिन के अंदर दूसरी बार भूकंप (Earthquake in himachal) के झटके महसूस किए गए हैं. मंगलवार रात करीब 10 बजे मंडी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई है. वहीं, भूकंप का केंद्र जमीन के 10 नीचे मापा गया है. हालांकि भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) ने की है.

बता दें कि इससे पहले शनिवार, 20 नवंबर को भी मंडी और कांगड़ा जिले में भूकंप के झटके (earthquake in kangra) महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई थी. वहीं, मंडी जिले में आए भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई थी. हालांकि भूकंप की तीव्रता की कम होने की वजह से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ था.

प्रदेश में पिछले कई सालों से भूकंप के झटके (Earthquake tremors) महसूस किए जा रहे हैं. भूविज्ञानियों (Geologists) के मुताबिक हिमाचल प्रदेश भूकंप (earthquake in himachal pradesh) के लिहाज से अति संवेदनशील जोन (Very sensitive zone) 4 व जोन 5 में सम्मिलित है. वर्ष 1905 में आए प्रदेश के कांगड़ा-चंबा में आए विनाशकारी भूकंप में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए थे.

प्रदेश के चंबा, लाहौल स्पीति में भी भूकंप (Earthquake in lahaul spiti) आते रहे हैं. भूकंप की दृष्टि से किन्नौर, शिमला, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जिले संवेदनशील जोन (Sensitive zone) में आते हैं. लाहौल स्पीति (lahaul spiti) और जम्मू-कश्मीर (jammu and kashmir) से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. चंबा जिले में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.

हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप (Biggest earthquake in himachal) 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गवाई. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही तैर जाती है.

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मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी में तीन दिन के अंदर दूसरी बार भूकंप (Earthquake in himachal) के झटके महसूस किए गए हैं. मंगलवार रात करीब 10 बजे मंडी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई है. वहीं, भूकंप का केंद्र जमीन के 10 नीचे मापा गया है. हालांकि भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) ने की है.

बता दें कि इससे पहले शनिवार, 20 नवंबर को भी मंडी और कांगड़ा जिले में भूकंप के झटके (earthquake in kangra) महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई थी. वहीं, मंडी जिले में आए भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई थी. हालांकि भूकंप की तीव्रता की कम होने की वजह से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ था.

प्रदेश में पिछले कई सालों से भूकंप के झटके (Earthquake tremors) महसूस किए जा रहे हैं. भूविज्ञानियों (Geologists) के मुताबिक हिमाचल प्रदेश भूकंप (earthquake in himachal pradesh) के लिहाज से अति संवेदनशील जोन (Very sensitive zone) 4 व जोन 5 में सम्मिलित है. वर्ष 1905 में आए प्रदेश के कांगड़ा-चंबा में आए विनाशकारी भूकंप में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए थे.

प्रदेश के चंबा, लाहौल स्पीति में भी भूकंप (Earthquake in lahaul spiti) आते रहे हैं. भूकंप की दृष्टि से किन्नौर, शिमला, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जिले संवेदनशील जोन (Sensitive zone) में आते हैं. लाहौल स्पीति (lahaul spiti) और जम्मू-कश्मीर (jammu and kashmir) से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. चंबा जिले में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.

हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप (Biggest earthquake in himachal) 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गवाई. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही तैर जाती है.

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