मंडी: हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती व हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (Himachal Pradesh University) यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा पेपर लीक मामले पर प्रदेश सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी हैं. इसी कड़ी में शनिवार को भारत की जनवादी नौजवान सभा द्वारा मंडी जिला मुख्यालय पर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच करवाने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया.
इस मौके पर भारत की जनवादी नौजवान सभा ने प्रदेश सरकार पर नौजवानों के साथ खिलवाड़ करने के भी गंभीर आरोप लगाए. नौजवान सभा का कहना है कि मौजूदा समय में भाजपा की जयराम सरकार के कार्यकाल में जितने भी परीक्षाएं हो रही हैं उन में अनियमितताएं पाई जा रही हैं. जिस कारण प्रदेश के लाखों युवाओं में असंतोष बढ़ रहा है. पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अभी तक हुई जांच से यही साबित होता है कि करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है और अपने चहेतों को नौकरियां देने की कोशिश की गई है. इस मौके पर भारत की जनवादी नौजवान सभा राज्य अध्यक्ष सुरेश सरवाल ने कहा कि सरकारी नौकरी के नाम पर युवाओं के साथ मजाक किया जा रहा है और आम लोगों को सरकारी नौकरी से महरूम रखने की कोशिश की जा रही है. दूसरी तरफ प्रदेश में यूजी कक्षाओं के प्रथम और द्वितीय वर्ष की वार्षिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक का भी मामला सामने आ रहा है जो भी चिंता का विषय है.
हिमाचल प्रदेश पढ़ाई के लिए जाना जाता है मगर पिछले कुछ समय से महाविद्यालयों में भी प्रश्न पत्र लीक हो रहे हैं. जिस कारण प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है. प्रदेश के 22 कॉलेजों में प्रश्नपत्र का लीक होना यह दर्शाता है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा की क्या व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन के माध्यम से नौजवान सभा पेपर लीक मामले की न्यायिक जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठा रही है. इसके साथ ही नौजवान सभा ने पुलिस पेपर लीक मामले की जांच उच्च न्यायालय की देखरेख में पीठासीन जज से करवाने व प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष रुप से करवाने के लिए सभी भर्तियों को लोक सेवा आयोग व चयन बोर्ड हमीरपुर के तहत करवाने की भी मांग रखी. वहीं, डीवाईएफआई का कहना है कि भविष्य में महाविद्यालयों में वार्षिक परीक्षाओं के पेपर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में करवाए जाएं. पेपर की सील भी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में खोली जाए, जिसकी वीडियोग्राफी हो और हर प्रश्न पत्र में पहले की तरह सील लगाई जाए ताकि इस प्रकार की धांधलियों पर विराम लगाया जा सके.