करसोग/मंडीः जिला के पांच अति दुर्गम क्षेत्रों के लोगों का सड़क सुविधा से जुड़ने का सपना अब जल्द पूरा होने वाला है. नाबार्ड से जैसे ही मंजूरी मिलती है. सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. पीडब्ल्यूडी विभाग ने नाबार्ड के तहत बगशाड, शाउंगी, कुंड, गडारी व बेश्टा सड़क की डीपीआर तैयार करके पहले ही सीजीएम नाबार्ड को स्वीकृति के लिए भेज दी है.
करसोग के लोगों को नाबार्ड से पैसा मिलने का इंतजार है. पीडब्ल्यूडी विभाग ने उपमंडल के इन सबसे दुर्गम क्षेत्रों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए 18.11 करोड़ की डीपीआर तैयार की है. नाबार्ड के तहत इस साढ़े सोलह किलोमीटर सड़क निर्माण से पांच गांवों में सैकड़ों की आबादी को बड़ी सुविधा मिलेगी. कठिन हालातों का सामना कर रही इस क्षेत्र की जनता लंबे समय से सड़क की मांग कर रही थी.
बता दें कि अभी इन क्षेत्रों में मरीजों को कुर्सी में बांधकर खतरनाक रास्तों से होकर करीब 20 किलोमीटर का सफर तय कर मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है. यही नहीं लोगों को मुख्य मार्ग से सामान भी कंधों पर उठाकर या खच्चरों से घर तक ले जाना पड़ता है. ऐसे में सड़क सुविधा से जुड़ने के बाद लोगों को इन दिक्कतों से छुटकारा मिल जाएगा.
यही नहीं कृषि और बागवानी की दृष्टि से भी ये महत्वपूर्ण क्षेत्र है. यहां उपजाऊ जमीन होने के कारण सब्जियों सहित सेब की अच्छी पैदावार होती है, लेकिन सड़क सुविधा न होने के कारण यहां किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, पीडब्ल्यूडी चुराग सब डिवीजन के एसडीओ आरएल ठाकुर का कहना है कि सरकार के आदेशों पर नाबार्ड के तहत बगशाड से बेश्टा 18.11 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है. जिसे सीजीएम नाबार्ड शिमला को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि मंजूरी मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
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