मंडी: जिला के उपमंडल करसोग में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तत्तापानी में मकर सक्रांति पर्व पर एक ही बर्तन में तैयार 1995 किलो खिचड़ी गिनीज बुक में दर्ज होने से विश्वभर में सुर्खियां बटोर रही है. जिससे वहां टूरिज्म गतिविधियों को विकसित करने के लिए तीन कंपनियों ने सरकार के पास प्रस्ताव रखा है, लेकिन जमीन की कमी आड़े आ रही है.
बता दें कि तत्तापानी में टूरिज्म विकसित करने को सरकार को तीन कंपनियों ने प्रोजेक्ट लगाने के ऑफर दिए हैं, लेकिन यहां जरूरत के मुताबिक जमीन उपलब्ध न होने से योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही हैं. जिससे टूरिज्म को प्रमोट करने की दिशा में कदम बढ़ा रही सरकार भी उलझन में फंस गई है.
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जाहिर है कि जब तक प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन नहीं मिलती, तब तक तत्तापानी में टूरिज्म को बुलंदियों को शिखर तक ले जाना नामुमकिन है. हालांकि तत्तापानी में सरकार जल स्पोर्ट्स की गतिविधियां शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ी है और अप्रैल व मई में प्रमोट करने की तैयारी कर रही है.
बता दें कि ये अनूठा प्रयास पर्यटन विभाग की ओर से तत्तापानी में पर्यटन उत्सव का आयोजन करते हुए किया गया था. हरियाणा की मशहूर मार्किट जगाधरी से लाए गए पतीले की ऊंचाई 4 फुट और चौड़ाई सवा सात फीट थी. पतीले के लिए ईट की विशेष भट्टी बनाई गई थी और 14 कारीगर लगे थे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि 'नई मंजिल नई राहों' के तहत तत्तापानी में कैफेटेरिया के साथ टॉयलेट को जोड़ा जाएगा. जिसमें 3.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने ये भी भरोसा दिलाया कि अगर तत्तापानी में उचित स्थान मिलता है तो टूरिज्म डिपार्टमेंट अपना प्रोजेक्ट लगाए.
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मुख्यमंत्री ने कहा है कि जगह केवल तत्तापानी में ही उपलब्ध होनी चाहिए. अगर जमीन तत्तापानी से दूर या फिर दूसरे इलाके में मिले तो टूरिज्म को इसका फायदा नहीं होगा. साथ ही कहा कि सरकार तत्तापानी में ही पहले टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए प्रयास कर रही है.