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तत्तापानी में टूरिज्म डेवलप करने के लिए आए तीन प्रोजेक्ट, जमीन उपलब्ध न होने से नहीं बनी बात - Development projects of Tattapani stucked

मंडी के उपमंडल करसोग में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तत्तापानी में मकर सक्रांति पर्व पर एक ही बर्तन में तैयार 1995 किलो खिचड़ी गिनीज बुक में दर्ज होने के बाद तत्तापानी में टूरिज्म विकसित करने के लिए सरकार को तीन कंपनियों ने प्रोजेक्ट लगाने के ऑफर दिए हैं, लेकिन जमीन न मिलने से ये काम पूरा नहीं हो पा रहा है.

Development projects of Tattapani stuck due to non-availability of land
तत्तापानी
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Published : Jan 18, 2020, 11:27 AM IST

मंडी: जिला के उपमंडल करसोग में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तत्तापानी में मकर सक्रांति पर्व पर एक ही बर्तन में तैयार 1995 किलो खिचड़ी गिनीज बुक में दर्ज होने से विश्वभर में सुर्खियां बटोर रही है. जिससे वहां टूरिज्म गतिविधियों को विकसित करने के लिए तीन कंपनियों ने सरकार के पास प्रस्ताव रखा है, लेकिन जमीन की कमी आड़े आ रही है.

बता दें कि तत्तापानी में टूरिज्म विकसित करने को सरकार को तीन कंपनियों ने प्रोजेक्ट लगाने के ऑफर दिए हैं, लेकिन यहां जरूरत के मुताबिक जमीन उपलब्ध न होने से योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही हैं. जिससे टूरिज्म को प्रमोट करने की दिशा में कदम बढ़ा रही सरकार भी उलझन में फंस गई है.

वीडियो

ये भी पढ़ें: मकर संक्रांति पर तत्तापानी में बना विश्व रिकॉर्ड, एक ही बर्तन में बनी 1995 किलो खिचड़ी

जाहिर है कि जब तक प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन नहीं मिलती, तब तक तत्तापानी में टूरिज्म को बुलंदियों को शिखर तक ले जाना नामुमकिन है. हालांकि तत्तापानी में सरकार जल स्पोर्ट्स की गतिविधियां शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ी है और अप्रैल व मई में प्रमोट करने की तैयारी कर रही है.

बता दें कि ये अनूठा प्रयास पर्यटन विभाग की ओर से तत्तापानी में पर्यटन उत्सव का आयोजन करते हुए किया गया था. हरियाणा की मशहूर मार्किट जगाधरी से लाए गए पतीले की ऊंचाई 4 फुट और चौड़ाई सवा सात फीट थी. पतीले के लिए ईट की विशेष भट्टी बनाई गई थी और 14 कारीगर लगे थे.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि 'नई मंजिल नई राहों' के तहत तत्तापानी में कैफेटेरिया के साथ टॉयलेट को जोड़ा जाएगा. जिसमें 3.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने ये भी भरोसा दिलाया कि अगर तत्तापानी में उचित स्थान मिलता है तो टूरिज्म डिपार्टमेंट अपना प्रोजेक्ट लगाए.

ये भी पढ़ें: 'खिचड़ी' के बिना अधूरी है हिमाचल की लोहड़ी, मकर संक्रांति पर माश की दाल की खिचड़ी खाने का है रिवाज

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जगह केवल तत्तापानी में ही उपलब्ध होनी चाहिए. अगर जमीन तत्तापानी से दूर या फिर दूसरे इलाके में मिले तो टूरिज्म को इसका फायदा नहीं होगा. साथ ही कहा कि सरकार तत्तापानी में ही पहले टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए प्रयास कर रही है.

मंडी: जिला के उपमंडल करसोग में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तत्तापानी में मकर सक्रांति पर्व पर एक ही बर्तन में तैयार 1995 किलो खिचड़ी गिनीज बुक में दर्ज होने से विश्वभर में सुर्खियां बटोर रही है. जिससे वहां टूरिज्म गतिविधियों को विकसित करने के लिए तीन कंपनियों ने सरकार के पास प्रस्ताव रखा है, लेकिन जमीन की कमी आड़े आ रही है.

बता दें कि तत्तापानी में टूरिज्म विकसित करने को सरकार को तीन कंपनियों ने प्रोजेक्ट लगाने के ऑफर दिए हैं, लेकिन यहां जरूरत के मुताबिक जमीन उपलब्ध न होने से योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही हैं. जिससे टूरिज्म को प्रमोट करने की दिशा में कदम बढ़ा रही सरकार भी उलझन में फंस गई है.

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जाहिर है कि जब तक प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन नहीं मिलती, तब तक तत्तापानी में टूरिज्म को बुलंदियों को शिखर तक ले जाना नामुमकिन है. हालांकि तत्तापानी में सरकार जल स्पोर्ट्स की गतिविधियां शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ी है और अप्रैल व मई में प्रमोट करने की तैयारी कर रही है.

बता दें कि ये अनूठा प्रयास पर्यटन विभाग की ओर से तत्तापानी में पर्यटन उत्सव का आयोजन करते हुए किया गया था. हरियाणा की मशहूर मार्किट जगाधरी से लाए गए पतीले की ऊंचाई 4 फुट और चौड़ाई सवा सात फीट थी. पतीले के लिए ईट की विशेष भट्टी बनाई गई थी और 14 कारीगर लगे थे.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि 'नई मंजिल नई राहों' के तहत तत्तापानी में कैफेटेरिया के साथ टॉयलेट को जोड़ा जाएगा. जिसमें 3.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने ये भी भरोसा दिलाया कि अगर तत्तापानी में उचित स्थान मिलता है तो टूरिज्म डिपार्टमेंट अपना प्रोजेक्ट लगाए.

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मुख्यमंत्री ने कहा है कि जगह केवल तत्तापानी में ही उपलब्ध होनी चाहिए. अगर जमीन तत्तापानी से दूर या फिर दूसरे इलाके में मिले तो टूरिज्म को इसका फायदा नहीं होगा. साथ ही कहा कि सरकार तत्तापानी में ही पहले टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए प्रयास कर रही है.

Intro:मकर सक्रांति पर एक ही बर्तन में तैयार 1995 किलो खिचड़ी गिनीज बुक में दर्ज होने से विश्व भर में सुर्खियों में छाए प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी में और अधिक टूरिज्म गतिविधियों को विकसित करने में अब जमीन की कमी आड़े आ रही हैBody:
। तत्तापानी में टूरिज्म विकसित करने को सरकार के पास दो तीन कंपनियों से प्रोजेक्ट लगाने के भी ऑफर आए है, लेकिन यहां जरूरत के मुताबिक जमीन उपलब्ध होने से योजना अभी सिरे नहीं चढ़ पा रही है। इससे टूरिज्म प्रमोट करने की दिशा में कदम बढ़ा रही सरकार भी उलझन में फंस गई है। जाहिर है कि जब तक प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन नही मिलती तत्तापानी में टूरिज्म को बुलंदियों के शिखर तक ले जाना मुमकिन नहीं दिखा रहा है। हालांकि तत्तापानी में सरकार वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां शुरू करने की दिशा में जरूर आगे बढ़ी है। इसे अप्रैल और मई में और अधिक प्रमोट करने की भी तैयारी चल रही है। जिला स्तरीय मकर सक्रांति उत्सव के दौरान खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तत्तापानी में इस बात को कह चुके हैं।

सरकार सपने स्तर पर भी करेगी प्रयास:
टूरिज्म विकसित करने को जब तक प्रॉपर तत्तापानी में पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं होती है, सरकार अपने स्तर पर भी प्रयास करने को तैयार है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि नई मंजिल नई राहें के तहत तत्तापानी में कैफेटेरिया के साथ के टॉयलेट को जोड़ा जाएगा। इसमें 3.50 करोड़ खर्च किए जाएंगे। ये टूरिज्म डिपार्टमेंट अपने स्तर पर तैयार करेगा। जयराम ठाकुर ने ये भी भरोसा दिलाया कि अगर तत्तापानी में उचित स्थान मिलता है तो टूरिज्म डिपार्टमेंट अपना प्रोजेक्ट लगाने को भी तैयार है। Conclusion:मुख्यमंत्री ने कहा है कि जगह केवल तत्तापानी में ही उपलब्ध होनी चाहिए। अगर जमीन तत्तापानी से दूर या फिर दूसरे इलाके में मिले तो टूरिज्म को कोई इसका फायदा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रॉपर तत्तापानी में ही पहले टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप करने के लिए प्रयास कर रही है।
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