मंडीः जिला में अब सिर्फ वही लोग इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखे जाएंगे जो कोविड-19 इन्फेक्टेड एरिया से आ रहे हैं या फिर जिनमें किसी प्रकार के लक्ष्ण हैं. यह जानकारी डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने सोमवार को जिला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दी.
उन्होंने बताया कि सरकार के नए दिशा निर्देशों के तहत क्वारंटाइन में बदलाव किया गया है. जिला में सभी नाकों को हटा दिया गया है और सिर्फ प्रदेश की सीमाओं पर ही लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी. बाहर से जो व्यक्ति मंडी जिला में आ रहा हैं, उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में नहीं भेजा जाएगा.
कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड एरिया से आने वाले और जिन लोगों में कोरोना के लक्ष्ण होंगे उन्हें ही इस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा. बिना लक्ष्ण के सामान्य क्षेत्रों से आ रहे लोगों को होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जाएगा.
उपायुक्त ने बताया कि अब सिर्फ बाहर से आने वाले व्यक्ति को ही होम क्वारंटाइन में रखा जाएगा, जबकि उसके परिवार को क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा. इससे पहले अगर कोई व्यक्ति सीधा घर पहुंचता था तो उसके पूरे परिवार को 14 दिनों के होम क्वारंटाइन में रखने का आदेश था. डीसी मंडी ने बताया कि अभी तक जिला में बाहरी राज्यों से 12339 लोग आ चुके हैं, जिनमें से 745 इंस्टीट्यूशनल और 2700 होम क्वारंटाइन में हैं.
ऋग्वेद ठाकुर ने स्पष्ट किया कि दी जा रही छूट का लोग गलत फायदा न उठाएं, खतरा न तो अभी हटा है और न ही कम हुआ है. लोगों को खुद सावधानियां बरतनी पड़ेंगी. उन्होंने बताया कि मंडी जिला में संक्रमण अधिक बढ़ता है तो उस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है.
उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज नेरचौक को कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल घोषित किया गया है और यहां 130 मरीजों को रखने की व्यवस्था है. उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन के पास हर स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता बंदोबस्त हैं.