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करसोग में बारिश से स्टोन फ्रूट को नुकसान, मौसम ने अच्छी पैदावार की उम्मीदों पर फेरा पानी

प्रदेश भर में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया है. उधर मौसम विभाग के आंकड़े पर गौर करें तो प्रदेश भर में बीते 12 घण्टों में सामान्य से 389 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई हैं.

Damage to stone fruit in Karsog
करसोग में बारिश से स्टोन फ्रूट को नुकसान,
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Published : Mar 8, 2020, 12:03 AM IST

करसोग: करसोग में लोगों की आर्थिकी के एक मजबूत साधन स्टोन फ्रूट की अच्छी पैदावार पर मौसम ने पानी फेर दिया है. तीन दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश से तापमान में चल रहे उतार और चढ़ाव से बादाम, प्लम, आड़ू व खुरमानी में हुई फ्लावरिंग को नुकसान हुआ है.

यही नहीं बारिश के कारण पेड़ों से फूल झड़ गए हैं. शनिवार को तो सुबह से ही बारिश हो रही है. इससे तापमान काफी गिर गया है. ऐसे में इसका असर आने वाले समय में स्टोन फ्रूट के उत्पादन पर पड़ सकता है. बागवानी विभाग की माने तो स्टोन फ्रूट में प्लवरिंग के समय तापमान में एकदम से होने वाला उतार चढ़ाव सही नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

इस वक्त न तो अधिक ठंड और न ही अधिक गर्मी पड़नी चाहिए. ये दोनों ही तरह की स्थिति फ्लावरिंग को नुकसान पहुंचा सकती है. स्टोन फ्रूट में फ्लावरिंग से समय तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहना चाहिए. तभी स्टोन फ्रूट में अच्छी सेटिंग हो सकती है.

इस बार सर्दियों के मौसम में समय समय पर हुई बर्फबारी और बारिश से स्टोन फ्रूट का उत्पादन अच्छा रहने का अनुमान लगाया जा रहा था. सर्दियों का मौसम अनुकूल रहने से स्टोन फ्रूट में फ्लावरिंग भी जबरदस्त हुई थी, लेकिन तीन दिन से खराब चल रहे मौसम ने सारा खेल ही बिगाड़ दिया है.

फ्लावरिंग में साफ रहना चाहिए मौसम

करसोग में इन दिनों स्टोन फ्रूट में फ्लावरिंग हो रही है. ऐसे में अच्छी पैदावार के लिए मौसम साफ रहना जरूरी है, लेकिन करसोग में 4 मार्च से मौसम खराब चल रहा है. अधिकतर क्षेत्रों में रुक रुक कर बारिश हो रही है. जिससे ठंड में अधिक बढ़ गई है.

ये दोनों ही तरह के हालात फ्लावरिंग के वक्त सही नहीं है. मौसम खराब रहने से बागवानों की चिंता बढ़ गई है. मौसम विभाग की माने तो अगले दो दिनों में मौसम साफ रहेगा. इसके बाद 10 मार्च से फिर से मौसम करवट बदलेगा. ऐसे में प्रदेश के कई स्थानों पर फिर से बारिश की संभावना जताई गई है.

बागवान जगतराम का कहना है कि तीन दिन से बारिश के कारण ठंड भी पड़ रही है. इससे प्लम, आड़ू और बादाम में हो रही फ्लावरिंग को नुकसान हुआ है. उनका कहना है कि बारिश के कारण पेड़ों से फूल भी झड़ गए हैं.

ये भी पढ़ेः शिमला में बर्फबारी से खिले पर्यटकों के चेहरे, रिज पर लगा सैलानियों का तांता

करसोग: करसोग में लोगों की आर्थिकी के एक मजबूत साधन स्टोन फ्रूट की अच्छी पैदावार पर मौसम ने पानी फेर दिया है. तीन दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश से तापमान में चल रहे उतार और चढ़ाव से बादाम, प्लम, आड़ू व खुरमानी में हुई फ्लावरिंग को नुकसान हुआ है.

यही नहीं बारिश के कारण पेड़ों से फूल झड़ गए हैं. शनिवार को तो सुबह से ही बारिश हो रही है. इससे तापमान काफी गिर गया है. ऐसे में इसका असर आने वाले समय में स्टोन फ्रूट के उत्पादन पर पड़ सकता है. बागवानी विभाग की माने तो स्टोन फ्रूट में प्लवरिंग के समय तापमान में एकदम से होने वाला उतार चढ़ाव सही नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

इस वक्त न तो अधिक ठंड और न ही अधिक गर्मी पड़नी चाहिए. ये दोनों ही तरह की स्थिति फ्लावरिंग को नुकसान पहुंचा सकती है. स्टोन फ्रूट में फ्लावरिंग से समय तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहना चाहिए. तभी स्टोन फ्रूट में अच्छी सेटिंग हो सकती है.

इस बार सर्दियों के मौसम में समय समय पर हुई बर्फबारी और बारिश से स्टोन फ्रूट का उत्पादन अच्छा रहने का अनुमान लगाया जा रहा था. सर्दियों का मौसम अनुकूल रहने से स्टोन फ्रूट में फ्लावरिंग भी जबरदस्त हुई थी, लेकिन तीन दिन से खराब चल रहे मौसम ने सारा खेल ही बिगाड़ दिया है.

फ्लावरिंग में साफ रहना चाहिए मौसम

करसोग में इन दिनों स्टोन फ्रूट में फ्लावरिंग हो रही है. ऐसे में अच्छी पैदावार के लिए मौसम साफ रहना जरूरी है, लेकिन करसोग में 4 मार्च से मौसम खराब चल रहा है. अधिकतर क्षेत्रों में रुक रुक कर बारिश हो रही है. जिससे ठंड में अधिक बढ़ गई है.

ये दोनों ही तरह के हालात फ्लावरिंग के वक्त सही नहीं है. मौसम खराब रहने से बागवानों की चिंता बढ़ गई है. मौसम विभाग की माने तो अगले दो दिनों में मौसम साफ रहेगा. इसके बाद 10 मार्च से फिर से मौसम करवट बदलेगा. ऐसे में प्रदेश के कई स्थानों पर फिर से बारिश की संभावना जताई गई है.

बागवान जगतराम का कहना है कि तीन दिन से बारिश के कारण ठंड भी पड़ रही है. इससे प्लम, आड़ू और बादाम में हो रही फ्लावरिंग को नुकसान हुआ है. उनका कहना है कि बारिश के कारण पेड़ों से फूल भी झड़ गए हैं.

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