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स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले की न्याययिक जांच की मांग, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

माकपा की मंडी जिला कमेटी ने एडीएम मंडी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों की न्याययिक जांच की मांग उठाई है.

Communist Party of India
माकपा ने एडीएम मंडी के माध्यम से राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
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Published : Jun 9, 2020, 4:34 PM IST

मंडी: स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटालों को लेकर अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी मैदान में उतरकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. माकपा की मंडी जिला कमेटी ने एडीएम मंडी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों की न्याययिक जांच की मांग उठाई है.

माकपा जिला सचिवालय के सदस्य सुरेश सरवाल ने कहा कि राज्य सरकार विजिलेंस के माध्यम से पूरे मामले की जांच करवा रही है, जबकि यह विभाग खुद सीएम के पास है. इसलिए इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में होनी चाहिए.

उन्होंने यह भी मांग उठाई है कि कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने जनता के दान में दिए गए पैसों से जो भी खरीददारी की है उस पर श्वेत पत्र जारी करके उसे सार्वजनिक डोमेन में लाया जाए. उपकरण नियम 2007 के तहत कोविड 19 से निपटने के लिए खरीदे गए चिकित्सा उपकरणों की खरीद के अनुमोदन के लिए एथिकल कमेटी का गठन किया जाा.

वीडियो

माकपा जिला सचिवालय के सदस्य सुरेश सरवाल ने कहा कि आने वाले समय में इसकी जांच निष्पक्ष आधार पर नहीं की जाती है तो एक निर्णयत लड़ाई मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पूरे प्रदेश के अंदर लड़ेगी.

बता दें कि स्वास्थ्य निदेश का ऑडियो वायरल होने के बाद जयराम सरकार विपक्षियों के निशाने पर है. ऑडियो में स्वास्थ्य निदेशक स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद को लेकर लेन-देन की बात कर रहे थे. ऑडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस सरकार पर तबाड़तोड़ हमले कर रही है. अब माकपा ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. ऑडियो प्रकरण के बाद राजीव बिंदल ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

मंडी: स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटालों को लेकर अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी मैदान में उतरकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. माकपा की मंडी जिला कमेटी ने एडीएम मंडी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों की न्याययिक जांच की मांग उठाई है.

माकपा जिला सचिवालय के सदस्य सुरेश सरवाल ने कहा कि राज्य सरकार विजिलेंस के माध्यम से पूरे मामले की जांच करवा रही है, जबकि यह विभाग खुद सीएम के पास है. इसलिए इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में होनी चाहिए.

उन्होंने यह भी मांग उठाई है कि कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने जनता के दान में दिए गए पैसों से जो भी खरीददारी की है उस पर श्वेत पत्र जारी करके उसे सार्वजनिक डोमेन में लाया जाए. उपकरण नियम 2007 के तहत कोविड 19 से निपटने के लिए खरीदे गए चिकित्सा उपकरणों की खरीद के अनुमोदन के लिए एथिकल कमेटी का गठन किया जाा.

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माकपा जिला सचिवालय के सदस्य सुरेश सरवाल ने कहा कि आने वाले समय में इसकी जांच निष्पक्ष आधार पर नहीं की जाती है तो एक निर्णयत लड़ाई मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पूरे प्रदेश के अंदर लड़ेगी.

बता दें कि स्वास्थ्य निदेश का ऑडियो वायरल होने के बाद जयराम सरकार विपक्षियों के निशाने पर है. ऑडियो में स्वास्थ्य निदेशक स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद को लेकर लेन-देन की बात कर रहे थे. ऑडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस सरकार पर तबाड़तोड़ हमले कर रही है. अब माकपा ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. ऑडियो प्रकरण के बाद राजीव बिंदल ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

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