मंडीः जिला मंडी के सेरी मंच पर मंगलवार को सीटू और हिमाचल किसान सभ ने किसानों की ओर से दिल्ली में किए जा रहे आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शकारियों ने कृषि कानूनों को किसान और जनता विरोधी बताया और इन्हें रद्द करने की मांग की.
जिला सीटू के सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि दिल्ली में किसान तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ पिछले छह दिन से संघर्षरत हैं. इसके अलावा किसान बिजली संशोधन बिल 2020 का भी विरोध कर रहे हैं, जो बिजली में सब्सिडी खत्म कर देगा और इसमे बिजली वितरण का कार्य निजी क्षेत्र को दिया जा रहा है.
राजेश शर्मा ने कहा कि किसानों के हरियाणा और दिल्ली पुलिस की बर्बरता भी निंदनीय है जिसका मंडी सीटू इकाई विरोध करती है. उन्होंने कहा कि इस कड़कती ठंड में पानी की बौछार और लाठीचार्ज निंदनीय है. पहले ही किसान कृषि संकट के चलते आत्महत्या पर मजबूर हो जाता है.
अनाज की खरीद को बड़े कॉर्पोरेट के हवाले किया जा रहा
उन्होंने कहा कि मंडियों को खत्म करके अनाज की खरीद बड़े कॉर्पोरेट और व्यापारियों के हवाले इन कानूनों के तहत किया जाएगा जो किसानों को मान्य नहीं है. इसके अलावा ठेका खेती और एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट में जो बदलाव किए गए हैं, उससे कालाबाजारी बढ़ेगी और आम जनता पर महंगाई का बोझ पड़ेगा.
सीटू के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन तीनों कानूनों को तुरंत निरस्त किया जाए. बिजली बिल को वापस लिया जाए और किसानों के ऊपर जितने भी केस बने, उन्हें वापस लिया जाए. सीटू का कहना है कि सरकार जल्द कोई निर्णय नहीं लेती है तो राष्ट्रीय स्तर पर सीटू किसानों के समर्थन में आंदोलन को तेज करेगी.
ये भी पढ़ें- इंजन घर को कंटेनमेंट जोन बनाने पर नाराजगी, लोगों ने फैसले पर उठाए सवाल
ये भी पढ़ें- हिमाचल किसान सभा का प्रदर्शन, कृषि कानूनों को वापस लेने की उठाई मांग