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बदहाली के आंसू बहा रही भंडारनु सड़क, खुद ही सड़क की हालत सुधारने में जुटे स्थानीय लोग - करसोग में सड़क का खस्ता हालत

करसोग उपमंडल में नेहरा वाया भंडारनु सड़क का निर्माण पांच साल पहले किया गया था. सड़क की मरम्मत नहीं होने की वजह से स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. सड़क पर जगह-जगह गड्ढे ही नजर आ रहे है, जिसकी वजह से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब स्थानीय लोग खुद ही अपने-अपने घरों के सामने सड़क पर पड़े गड्ढों को पत्थर और मिट्टी से भर रहे हैं.

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Published : Jul 3, 2021, 3:38 PM IST

करसोग/मंडी: उपमंडल में सबसे प्रभावशाली मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की पीडब्ल्यूडी (PWD) को लगाई गई लताड़ के बाद भी सड़कों के हालत नहीं सुधर रही है. करसोग में सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन यहां सड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. ऐसे में अब स्थानीय लोग खुद ही गड्ढे में तब्दील हो चुकी सड़क की स्थिति सुधारने में लगे हैं.

तहसील मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर नेहरा वाया भंडारनु सड़क को पांच साल पहले पक्का किया गया था, पांच साल बीत जाने के बाद किसी ने भी इस सड़क की सुध नहीं ली. बरसात के मौसम में सड़क की हालत ऐसी हो गयी है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.

स्थानीय लोग खुद ही कर रहे सड़क की मरम्मत

स्थानीय लोग सड़क की स्थिति को सुधारने के लिए कई बार पीडब्ल्यूडी (PWD) से गुहार लगाई थी, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अब स्थानीय लोग अब थक हार कर खुद ही घरों के आगे सड़क पर पड़े गड्डों को पत्थर और मिट्टी से भर रहे हैं ताकि सड़क पर चलना आसान हो सके.

बदहाली के आंसू बहा रही सड़क

पीडब्ल्यूडी की इस तरह की लापरवाही से लोगों के बीच में सरकार की छवि भी खराब हो रही है. करसोग में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दवाब को कम करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने लाखों रुपये खर्च कर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत नेहरा वाया भंडारनु सड़क का निर्माण किया था. इसके लिए स्थानीय लोगों ने स्वेच्छा से लाखों रुपये की कीमत की कृषि योग्य भूमि विभाग के नाम की थी, ताकि क्षेत्र की जनता को सड़क सुविधा का लाभ मिल सके, लेकिन विभाग की लापरवाही से नेहरा वाया भण्डारनु सड़क बदहाली के आंसू बहा रही है.

ये भी पढ़ें: शहीद स्मारक की हालत खस्ता, नहीं किया जा रहा रखरखाव

सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल

नेहरा की स्थानीय निवासी सोनिया चौधरी का कहना है कि नेहरा वाया भण्डारनु सड़क की हालत इतनी खराब है कि इसमें गाड़ी चलाना तो दूर पैदल चलने में भी मुश्किल हो रही है. घर के बाहर सड़क पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिन्हें हम खुद भरने का प्रयास कर रहे हैं. इस बारे में कई बार प्रशासन को बताया जा चुका है, लेकिन इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो, विभाग को इससे पहले सड़क के बारे में ध्यान देना चाहिए.

सड़क की मरम्मत के लिए ठेकेदार को दिए गए निर्देश

हैरानी की बात ये है कि कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पीडब्ल्यूडी (PWD) को ये बदहाल सड़क नजर ही नहीं आ रही है. वहीं, जब लोक निर्माण विभाग करसोग डिवीजन के अधिशाषी अभियंता अरविंद भारद्वाज से बात की गई तो उनका कहना है कि सड़क की मरम्मत का कार्य तुरंत प्रभाव से शुरू किया जा रहा है. इस बारे में ठेकेदार को निर्देश जारी किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: ये है सीएम के गृह जिले मंडी का हाल, चारपाई व बांस के डंडों पर बांध मरीजों को पहुंचाया जा रहा अस्पताल

करसोग/मंडी: उपमंडल में सबसे प्रभावशाली मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की पीडब्ल्यूडी (PWD) को लगाई गई लताड़ के बाद भी सड़कों के हालत नहीं सुधर रही है. करसोग में सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन यहां सड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. ऐसे में अब स्थानीय लोग खुद ही गड्ढे में तब्दील हो चुकी सड़क की स्थिति सुधारने में लगे हैं.

तहसील मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर नेहरा वाया भंडारनु सड़क को पांच साल पहले पक्का किया गया था, पांच साल बीत जाने के बाद किसी ने भी इस सड़क की सुध नहीं ली. बरसात के मौसम में सड़क की हालत ऐसी हो गयी है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.

स्थानीय लोग खुद ही कर रहे सड़क की मरम्मत

स्थानीय लोग सड़क की स्थिति को सुधारने के लिए कई बार पीडब्ल्यूडी (PWD) से गुहार लगाई थी, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अब स्थानीय लोग अब थक हार कर खुद ही घरों के आगे सड़क पर पड़े गड्डों को पत्थर और मिट्टी से भर रहे हैं ताकि सड़क पर चलना आसान हो सके.

बदहाली के आंसू बहा रही सड़क

पीडब्ल्यूडी की इस तरह की लापरवाही से लोगों के बीच में सरकार की छवि भी खराब हो रही है. करसोग में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दवाब को कम करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने लाखों रुपये खर्च कर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत नेहरा वाया भंडारनु सड़क का निर्माण किया था. इसके लिए स्थानीय लोगों ने स्वेच्छा से लाखों रुपये की कीमत की कृषि योग्य भूमि विभाग के नाम की थी, ताकि क्षेत्र की जनता को सड़क सुविधा का लाभ मिल सके, लेकिन विभाग की लापरवाही से नेहरा वाया भण्डारनु सड़क बदहाली के आंसू बहा रही है.

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सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल

नेहरा की स्थानीय निवासी सोनिया चौधरी का कहना है कि नेहरा वाया भण्डारनु सड़क की हालत इतनी खराब है कि इसमें गाड़ी चलाना तो दूर पैदल चलने में भी मुश्किल हो रही है. घर के बाहर सड़क पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिन्हें हम खुद भरने का प्रयास कर रहे हैं. इस बारे में कई बार प्रशासन को बताया जा चुका है, लेकिन इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो, विभाग को इससे पहले सड़क के बारे में ध्यान देना चाहिए.

सड़क की मरम्मत के लिए ठेकेदार को दिए गए निर्देश

हैरानी की बात ये है कि कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पीडब्ल्यूडी (PWD) को ये बदहाल सड़क नजर ही नहीं आ रही है. वहीं, जब लोक निर्माण विभाग करसोग डिवीजन के अधिशाषी अभियंता अरविंद भारद्वाज से बात की गई तो उनका कहना है कि सड़क की मरम्मत का कार्य तुरंत प्रभाव से शुरू किया जा रहा है. इस बारे में ठेकेदार को निर्देश जारी किए गए हैं.

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