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कौल सिंह के बयान पर आश्रय शर्मा ने किया पलटवार, बोले- पूर्व मंत्री ने नहीं बनने दिया था मंडी से सीएम

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Published : Oct 8, 2021, 5:07 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 5:27 PM IST

उपचुनाव की तारीख नजदीक आते ही प्रदेश में राजनीति भी तेज होने लगी है. मंडी कांग्रेस में भी आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर के बयान पर कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा ने किया पलटवार करते हुए कहा कि यदि कौल सिंह ठाकुर ने पंडित सुखराम का साथ दिया होता मंडी जिले को मुख्यमंत्री के रूप में जो मान-सम्मान मिला है वो वर्षों पहले मिल जाता.

Ashrya Attack On Kaul singh
कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा का कौल सिंह पर पलटवार

मंडी: प्रदेश की राजनीति में अपना अलग स्थान रखने वाले पंडित सुखराम के परिवार व पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर (Former Minister Kaul Singh Thakur) के बीच राजनीतिक मतभेद उपचुनावों के बीच एक बार फिर से सामने आए हैं. पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह के बयान पर तीखा पलटवार किया है. बता दें कि बीते रोज मंडी में पत्रकार वार्ता के दौरान कौल सिंह ठाकुर ने सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा को कांग्रेस में ही रहकर काम करने की सलाह दी थी.

शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव व पूर्व प्रत्याशी आश्रम शर्मा ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह को घेरते हुए कहा कि मंडी जिले को मुख्यमंत्री के रूप में जो मान-सम्मान मिला है वो वर्षों पहले मिल जाता, यदि कौल सिंह ठाकुर ने पंडित सुखराम का साथ दिया होता. सभी जानते हैं कि उस वक्त जिले की पीठ किसने धरती लगाई थी, आश्रय ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने उनका टिकट पिछले चुनावों में मिली हार के चलते काटा है और अगर पार्टी ने यह मापदंड तय किया है तो फिर आगामी विधानसभा चुनावों में कौल सिंह ठाकुर और उनकी बेटी चंपा ठाकुर को भी टिकट न दिया जाए, क्योंकि ये दोनों पिछले विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर चुके हैं.

वीडियो.
ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, छत्तीसगढ़-पंजाब के CM समेत ये बड़े नेता करेंगे प्रचारआश्रय शर्मा ने कहा कि उन्होंने कभी किसी के पैर पकड़कर टिकट नहीं मांगा. आदर सम्मान के चलते वे सभी के पांव छूते हैं और उसमें कौल सिंह ठाकुर भी शामिल हैं. 2019 के चुनावों के दौरान राहुल गांधी ने खुद उन्हें पार्टी में आने के लिए कहा था. उस वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि पंडित सुखराम के साथ उनका राजनैतिक नहीं बल्कि पारिवारिक रिश्ता है.आश्रय शर्मा ने कहा कि जी 23 का जो ग्रुप बना है, उसमें हिमाचल प्रदेश से सिर्फ कौल सिंह ठाकुर ही शामिल हैं. कौल सिंह ठाकुर ने भी उसमें अपने हस्ताक्षर किए हैं और ऐसा करने वाले कौल सिंह ठाकुर प्रदेश के इकलौते कांग्रेसी नेता हैं. कौल सिंह ठाकुर खुद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ होकर पार्टी को तोड़ने की कोशिशें कर रहे हैं. उन्हें ऐसी हरकतों से बचना चाहिए और संगठन की मजबूती के लिए काम करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: खड़ापत्थर में सुरेश भारद्वाज का विरोध, चेतन बरागटा के समर्थकों ने लगाए GO BACK के नारे

मंडी: प्रदेश की राजनीति में अपना अलग स्थान रखने वाले पंडित सुखराम के परिवार व पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर (Former Minister Kaul Singh Thakur) के बीच राजनीतिक मतभेद उपचुनावों के बीच एक बार फिर से सामने आए हैं. पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह के बयान पर तीखा पलटवार किया है. बता दें कि बीते रोज मंडी में पत्रकार वार्ता के दौरान कौल सिंह ठाकुर ने सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा को कांग्रेस में ही रहकर काम करने की सलाह दी थी.

शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव व पूर्व प्रत्याशी आश्रम शर्मा ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह को घेरते हुए कहा कि मंडी जिले को मुख्यमंत्री के रूप में जो मान-सम्मान मिला है वो वर्षों पहले मिल जाता, यदि कौल सिंह ठाकुर ने पंडित सुखराम का साथ दिया होता. सभी जानते हैं कि उस वक्त जिले की पीठ किसने धरती लगाई थी, आश्रय ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने उनका टिकट पिछले चुनावों में मिली हार के चलते काटा है और अगर पार्टी ने यह मापदंड तय किया है तो फिर आगामी विधानसभा चुनावों में कौल सिंह ठाकुर और उनकी बेटी चंपा ठाकुर को भी टिकट न दिया जाए, क्योंकि ये दोनों पिछले विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर चुके हैं.

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Last Updated : Oct 8, 2021, 5:27 PM IST
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