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विदेश भेजने के नाम पर ठगी के मामले में दोषी को मिली सजा, 10 साल बाद मिला न्याय

मंडी में विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी और ठगी के मामले में आरोप सिद्ध होने पर दोषी को मिली सजा. बता दें कि यह मामला साल 2009 का है. 10 साल के बाद वीरेंदर सिंह, यशपाल, यादविंदर शर्मा को न्याय मिला है. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकद्दमे के पैरवी शवनम सहायक जिला न्यायवादी मंडी ने की.

accused Convicted in mandi
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Published : Oct 7, 2020, 10:50 PM IST

मंडीः जिला मंडी में विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी और ठगी के मामले में आरोप सिद्ध होने पर माननीय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकार मंडी अमर दीप सिंह ने बुधवार को आरोपी को सजा सुनाई है. दोषी सुरेंदर कुमार उर्फ चीता पुत्र बृज लाल निवासी चातियारा नलसर को भारतीय दंड सहिंता की धारा 120बी, 406 और 420 में सजा हुई है.

जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने बताया कि दोषी ने नेहा ट्रेवल्स के नाम पर एक दफ्तर न्यू मार्केट डडोर में खोला था. दोषी ने वीरेंदर सिंह, यशपाल, यादविंदर शर्मा से एक लाख तीस हजार रुपये प्रति व्यक्ति दुबई में नौकरी देने के नाम पर लिए थे. इन युवकों ने दुबई पहुंचने पर पाया कि इन्हें विदेश में जाली दस्तावेज बनाकर, धोखाधडी करके दोषी द्वारा भेजा गया था. इनका रिटर्न टिकेट भी जाली बना कर दिया था.

विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप सिद्ध होने पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, मंडी अमर दीप सिंह ने भारतीय दंड सहिंता की धारा 120बी के तहत छह माह के साधारण कारावास और रुपये 5000 बतौर जुर्माना, धारा 406 के तहत एक साल के साधारण कारावास और रुपये 5000 बतौर जुर्माना, धारा 420 के अंतर्गत तीन साल के साधारण कारावास और रुपये 10,000 बतौर जुर्माना और अत्प्रवास अधिनियम 1983 की धरा 24जी के अंतर्गत छह महीने के साधारण कारावास और रूपये 2000 बतौर जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं.

जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने बताया कि दोषी द्वारा उपरोक्त जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास दिया गया है. इस मामले के दूसरे दोषी मोहम्मद निजाम्मुद्दीन को अदालत द्वारा पहले ही उद्घोषित अपराधी घोषित किया जा चुका है.

आपकों बता दें कि यह मामला साल 2009 का है. 10 साल के बाद वीरेंदर सिंह, यशपाल, यादविंदर शर्मा को न्याय मिला है. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकद्दमे के पैरवी शवनम सहायक जिला न्यायवादी मंडी ने की.

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मंडीः जिला मंडी में विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी और ठगी के मामले में आरोप सिद्ध होने पर माननीय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकार मंडी अमर दीप सिंह ने बुधवार को आरोपी को सजा सुनाई है. दोषी सुरेंदर कुमार उर्फ चीता पुत्र बृज लाल निवासी चातियारा नलसर को भारतीय दंड सहिंता की धारा 120बी, 406 और 420 में सजा हुई है.

जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने बताया कि दोषी ने नेहा ट्रेवल्स के नाम पर एक दफ्तर न्यू मार्केट डडोर में खोला था. दोषी ने वीरेंदर सिंह, यशपाल, यादविंदर शर्मा से एक लाख तीस हजार रुपये प्रति व्यक्ति दुबई में नौकरी देने के नाम पर लिए थे. इन युवकों ने दुबई पहुंचने पर पाया कि इन्हें विदेश में जाली दस्तावेज बनाकर, धोखाधडी करके दोषी द्वारा भेजा गया था. इनका रिटर्न टिकेट भी जाली बना कर दिया था.

विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप सिद्ध होने पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, मंडी अमर दीप सिंह ने भारतीय दंड सहिंता की धारा 120बी के तहत छह माह के साधारण कारावास और रुपये 5000 बतौर जुर्माना, धारा 406 के तहत एक साल के साधारण कारावास और रुपये 5000 बतौर जुर्माना, धारा 420 के अंतर्गत तीन साल के साधारण कारावास और रुपये 10,000 बतौर जुर्माना और अत्प्रवास अधिनियम 1983 की धरा 24जी के अंतर्गत छह महीने के साधारण कारावास और रूपये 2000 बतौर जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं.

जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने बताया कि दोषी द्वारा उपरोक्त जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास दिया गया है. इस मामले के दूसरे दोषी मोहम्मद निजाम्मुद्दीन को अदालत द्वारा पहले ही उद्घोषित अपराधी घोषित किया जा चुका है.

आपकों बता दें कि यह मामला साल 2009 का है. 10 साल के बाद वीरेंदर सिंह, यशपाल, यादविंदर शर्मा को न्याय मिला है. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकद्दमे के पैरवी शवनम सहायक जिला न्यायवादी मंडी ने की.

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