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करसोग के बरशोल गांव में रेन हार्वेस्टिंग टैंक में रह रहा है परिवार, कई बार मिल चुका है मदद का भरोसा

family living in rain harvesting tank, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में एक बुजुर्ग और उसका दिव्यांग बेटा रेन हार्वेस्टिंग टैंक में जीवन काटने को मजबूर है, जबकि 7 सालों से मकान की उम्मीद लगाए बैठी बुजुर्ग की पत्नी का चार दिन पहले ही देहांत हो गया. ये पीड़ा करसोग की ग्राम पंचायत बगैला के बरशोल गांव के 72 वर्षीय दत्तराम की है. जो मकान न होने से मनरेगा के तहत बने रेन हार्वेस्टिंग टैंक में दिव्यांग बेटे का साथ रह रहा है. इस परिवार के पास एक रसोई है. जो काफी जर्जर हालत में है. जिसमें बरसात में छत से पानी टपक रहा है. इस पर दुर्भाग्य ये है कि दत्तराम का नाम बीपीएल सूची में भी शामिल नहीं है.

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करसोग के बरशोल गांव में मनरेगा के टैंक में रह रहा है परिवार
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Published : Aug 17, 2022, 3:31 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 3:39 PM IST

करसोग: देवभूमि हिमाचल के तहत जिला मंडी के करसोग में गरीबों को आवास सुविधा देने के दावों की पोल खुल गई है. एक तरफ देश भर में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ (Azadi Ka Amrit Mahotsav) पर हर घर में तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया गया. वहीं, इस बीच कड़वा सच ये भी है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में एक बुजुर्ग और उसका दिव्यांग बेटा रेन हार्वेस्टिंग टैंक में जीवन काटने को मजबूर है, जबकि 7 सालों से मकान की उम्मीद लगाए बैठी बुजुर्ग की पत्नी का चार दिन पहले ही देहांत हो गया.

घर न होने के कारण शव को (family living in rain harvesting tank) जलाने से पूर्व तिरपाल के नीचे ही सभी रस्में पूरी की गई, लेकिन हैरानी की बात है कि गरीब को वेदना में देख कर भी सरकारी तंत्र की संवेदना नहीं जगी है. ये पीड़ा करसोग की ग्राम पंचायत बगैला के बरशोल गांव के 72 वर्षीय दत्तराम की है. जो मकान न होने से मनरेगा के तहत बने रेन हार्वेस्टिंग टैंक में दिव्यांग बेटे का साथ रह रहा है. इस परिवार के पास एक रसोई है. जो काफी जर्जर हालत में है. जिसमें बरसात में छत से पानी टपक रहा है.

दत्तराम के बूढ़े कंधों में अब इतनी भी ताकत नहीं है कि वह रसोई की मरम्मत करवा सके. इस पर दुर्भाग्य ये है कि दत्तराम का नाम बीपीएल सूची में भी शामिल नहीं है. जो पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल है. वहीं, गरीब परिवार की पीड़ा को महसूस कर युवा नेता व समाज सेवी उत्तम चंद चौहान ने मामला सरकार के ध्यान में लाने का भरोसा दिया है. तहसील कल्याण अधिकारी भोपाल शर्मा का कहना है कि सप्ताह के भीतर आवास देने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. बता दें कि तहसील कल्याण अधिकारी ने 2021 में भी मदद का भरोसा दिया था, लेकिन आज तक सिर्फ भरोसा ही इस परिवार को मिला है.

एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. इस बारे में संबंधित पंचायत को दत्तराम के परिवार को बीपीएल सूची में डाले जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि परिवार को सरकार की ओर से गरीबों को दी जा रही सुविधाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि आवास दिलाने मामले को उपायुक्त को भेजा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- 8 साल से नहीं बना पुल तो ग्रामीणों ने PWD के अधिकारियों को बनाया बंधक, जूते की माला भी पहनाई

करसोग: देवभूमि हिमाचल के तहत जिला मंडी के करसोग में गरीबों को आवास सुविधा देने के दावों की पोल खुल गई है. एक तरफ देश भर में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ (Azadi Ka Amrit Mahotsav) पर हर घर में तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया गया. वहीं, इस बीच कड़वा सच ये भी है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में एक बुजुर्ग और उसका दिव्यांग बेटा रेन हार्वेस्टिंग टैंक में जीवन काटने को मजबूर है, जबकि 7 सालों से मकान की उम्मीद लगाए बैठी बुजुर्ग की पत्नी का चार दिन पहले ही देहांत हो गया.

घर न होने के कारण शव को (family living in rain harvesting tank) जलाने से पूर्व तिरपाल के नीचे ही सभी रस्में पूरी की गई, लेकिन हैरानी की बात है कि गरीब को वेदना में देख कर भी सरकारी तंत्र की संवेदना नहीं जगी है. ये पीड़ा करसोग की ग्राम पंचायत बगैला के बरशोल गांव के 72 वर्षीय दत्तराम की है. जो मकान न होने से मनरेगा के तहत बने रेन हार्वेस्टिंग टैंक में दिव्यांग बेटे का साथ रह रहा है. इस परिवार के पास एक रसोई है. जो काफी जर्जर हालत में है. जिसमें बरसात में छत से पानी टपक रहा है.

दत्तराम के बूढ़े कंधों में अब इतनी भी ताकत नहीं है कि वह रसोई की मरम्मत करवा सके. इस पर दुर्भाग्य ये है कि दत्तराम का नाम बीपीएल सूची में भी शामिल नहीं है. जो पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल है. वहीं, गरीब परिवार की पीड़ा को महसूस कर युवा नेता व समाज सेवी उत्तम चंद चौहान ने मामला सरकार के ध्यान में लाने का भरोसा दिया है. तहसील कल्याण अधिकारी भोपाल शर्मा का कहना है कि सप्ताह के भीतर आवास देने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. बता दें कि तहसील कल्याण अधिकारी ने 2021 में भी मदद का भरोसा दिया था, लेकिन आज तक सिर्फ भरोसा ही इस परिवार को मिला है.

एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. इस बारे में संबंधित पंचायत को दत्तराम के परिवार को बीपीएल सूची में डाले जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि परिवार को सरकार की ओर से गरीबों को दी जा रही सुविधाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि आवास दिलाने मामले को उपायुक्त को भेजा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- 8 साल से नहीं बना पुल तो ग्रामीणों ने PWD के अधिकारियों को बनाया बंधक, जूते की माला भी पहनाई

Last Updated : Aug 17, 2022, 3:39 PM IST
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