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Mandi Court Decision : नाबालिग का पीछा और मारपीट करने पर आरोपी को 3 साल की सजा - Mandi Court decision

विशेष न्यायाधीश ( पॉक्सो), जिला मंडी की अदालत ने नाबालिग का पीछा करने और मारपीट के दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास के साथ जुर्माने की सजा (Mandi court sentenced to three years)सुनाई है

मंडी अदालत ने सुनाई सजा
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Published : Jun 1, 2022, 7:20 AM IST

मंडी: विशेष न्यायाधीश ( पॉक्सो), जिला मंडी की अदालत ने नाबालिग का पीछा करने और मारपीट के दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास के साथ जुर्माने की सजा (Mandi court sentenced to three years)सुनाई है .जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम (Kulbhushan Gautam)ने बताया कि दिनांक 23 दिसंबर 2021 को पीड़िता (16 वर्ष) ने पुलिस थाना बल्ह में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह एक स्कूली छात्रा है और घर से स्कूल के लिए पैदल जाती है.

नाबालिग को देखकर लगता था आवाज: दिनांक 22 दिसंबर 2021 को जब पीड़िता स्कूल पहुची तो स्कूल खुलने से पहले विशाल, गांव डुंगराई ने पीड़िता को एक अन्य लड़की के साथ संदेश देकर स्कूल के बाहर बुलाया पर पीड़िता स्कूल से बाहर नहीं गई. उसके बाद 23 दिसंबर 2021 जब पीड़िता सुबह 8:40 पर स्कूल पहुंची तो विशाल ने पीड़िता को फिर उसी लड़की के माध्यम से स्कूल के बाहर बुलाया. उसके कहने पर पीड़िता अपनी सहेली के साथ स्कूल के गेट के पास गई. जहां पर दोषी पहले से ही खड़ा था, जिसने कि पीड़िता को गले से पकड़ कर थप्पड़ मारा. तभी पीड़िता की सहेली ने स्कूल के अंदर से किसी अध्यापक को बुलाया. अध्यापक को आता देख दोषी ने पीड़िता को दो- तीन और थप्पड़ मारे और वहां से भाग गया. पीड़िता ने यह भी बताया कि उक्त दोषी उसको इससे पहले भी तंग करता था और अकेली देखकर पीछे से ऊंचे स्वर में आवाजें लगता था. पीड़िता के उक्त बयान के आधार पर पुलिस थाना बल्ह में दोषी के खिलाफ अभियोग 421/21 दर्ज किया.

12 गवाहों ने दिया बयान: इस मामले की छानबीन सहायक उप निरीक्षक लाल चंद ने अमल में लाई गई. छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी बल्ह ने मामले के चालान को अदालत में दायर किया. उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 12 गवाहों के ब्यान कलम बंद करवाए . उक्त मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी तत्कालीन विशेष लोक अभियोजक विनोद चौधरी और लोक अभियोजक नवीन राही ने की.

तीन साल का कारावास : अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी विशाल को भारतीय दंड सहिंता की धारा 354D के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 5 हजार के जुर्माने की सजा, भारतीय दंड सहिंता की धारा 294 के तहत 3 महीने के साधारण कारावास की सजा के साथ 500 रुपए के जुर्माने की सजा, भारतीय दंड सहिंता की धारा 355 के तहत 2 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 5 हजार के जुर्माने की सजा, भारतीय दंड सहिंता की धारा 506के तहत 6 महीने के साधारण कारावास की सजा के साथ 500 रुपए के जुर्माने की सजा, और पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 5 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई .जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 15 दिन 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई है. सुनाई गयी सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी.

ये भी पढ़ें : District Court Mandi: नाबालिग बेटी के साथ दुराचार के आरोपी पिता को 20 साल की सजा और जुर्माना

मंडी: विशेष न्यायाधीश ( पॉक्सो), जिला मंडी की अदालत ने नाबालिग का पीछा करने और मारपीट के दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास के साथ जुर्माने की सजा (Mandi court sentenced to three years)सुनाई है .जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम (Kulbhushan Gautam)ने बताया कि दिनांक 23 दिसंबर 2021 को पीड़िता (16 वर्ष) ने पुलिस थाना बल्ह में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह एक स्कूली छात्रा है और घर से स्कूल के लिए पैदल जाती है.

नाबालिग को देखकर लगता था आवाज: दिनांक 22 दिसंबर 2021 को जब पीड़िता स्कूल पहुची तो स्कूल खुलने से पहले विशाल, गांव डुंगराई ने पीड़िता को एक अन्य लड़की के साथ संदेश देकर स्कूल के बाहर बुलाया पर पीड़िता स्कूल से बाहर नहीं गई. उसके बाद 23 दिसंबर 2021 जब पीड़िता सुबह 8:40 पर स्कूल पहुंची तो विशाल ने पीड़िता को फिर उसी लड़की के माध्यम से स्कूल के बाहर बुलाया. उसके कहने पर पीड़िता अपनी सहेली के साथ स्कूल के गेट के पास गई. जहां पर दोषी पहले से ही खड़ा था, जिसने कि पीड़िता को गले से पकड़ कर थप्पड़ मारा. तभी पीड़िता की सहेली ने स्कूल के अंदर से किसी अध्यापक को बुलाया. अध्यापक को आता देख दोषी ने पीड़िता को दो- तीन और थप्पड़ मारे और वहां से भाग गया. पीड़िता ने यह भी बताया कि उक्त दोषी उसको इससे पहले भी तंग करता था और अकेली देखकर पीछे से ऊंचे स्वर में आवाजें लगता था. पीड़िता के उक्त बयान के आधार पर पुलिस थाना बल्ह में दोषी के खिलाफ अभियोग 421/21 दर्ज किया.

12 गवाहों ने दिया बयान: इस मामले की छानबीन सहायक उप निरीक्षक लाल चंद ने अमल में लाई गई. छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी बल्ह ने मामले के चालान को अदालत में दायर किया. उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 12 गवाहों के ब्यान कलम बंद करवाए . उक्त मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी तत्कालीन विशेष लोक अभियोजक विनोद चौधरी और लोक अभियोजक नवीन राही ने की.

तीन साल का कारावास : अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी विशाल को भारतीय दंड सहिंता की धारा 354D के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 5 हजार के जुर्माने की सजा, भारतीय दंड सहिंता की धारा 294 के तहत 3 महीने के साधारण कारावास की सजा के साथ 500 रुपए के जुर्माने की सजा, भारतीय दंड सहिंता की धारा 355 के तहत 2 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 5 हजार के जुर्माने की सजा, भारतीय दंड सहिंता की धारा 506के तहत 6 महीने के साधारण कारावास की सजा के साथ 500 रुपए के जुर्माने की सजा, और पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 5 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई .जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 15 दिन 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई है. सुनाई गयी सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी.

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