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मंडी के 15 अस्पतालों का हुआ 'कायाकल्प', सरकार की ओर से मिला सम्मान

स्वास्थ्य विभाग के तय मानकों पर खरा उतरने वाले मंडी के 15 अस्पतालों को सम्मानित किया गया है. कायाकल्प कार्यक्रम के तहत बेहतर साफ-सफाई और संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रभावी प्रयासों के चलते इन अस्पतालों को यह सम्मान मिला है.

15 hospitals in Mandi district awarded under kayakalp program
अधिकारियों के साथ बैठक करते डीसी ऋग्वेद ठाकुर.
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Published : Sep 18, 2020, 7:29 PM IST

मंडी: साल 2019-20 में स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर खरा उतरने पर मंडी जिले के 15 स्वास्थ्य संस्थानों को सम्मानित किया गया है. इन स्वास्थ्य संस्थानों को अपने यहां बेहतर साफ-सफाई व संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रभावी प्रयासों के चलते नकद पुरस्कार से नवाजा गया है. यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने शुक्रवार को जिला क्वालिटी एश्योरेंस समिति के तहत चलाए जा रहे ‘कायाकल्प’ कार्यक्रम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.

डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान को उत्कृष्टता के मानकों की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य संस्थानों को स्वच्छ रखने में मदद मिल रही है.

स्वास्थ्य संस्थानों में पूर्ण स्वच्छता का उद्देश्य संस्थानों का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा करना, गुणवत्तापूर्ण सेवा मुहैया कराना और टीम वर्क को उत्साहित करना है.

जिले के इन अस्पतालों को मिला सम्मान

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत साल 2019-20 में सिविल अस्पताल सुन्दरनगर, करसोग, सरकाघाट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटौला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्रमण, पण्डोल, चौंतड़ा, गोपालपुर, भद्रवाड़, झुंगी, पाली, चुक्कू, थुनाग, नसलोह और कमांद को सम्मानित किय गया है. प्रदेश सरकार की ओर से इन संस्थानों को अलग-अलग कैटेगरी में 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रुपये के नकद पुरस्कार मिले हैं.

बायो मेडिकल कचरे के निष्पादन की उचित व्यवस्था

स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल वेस्ट के पूर्ण निष्पादन के लिए गठित जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक की डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले के समस्त सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल कचरे के पूर्ण निष्पादन की उचित व्यवस्था की गई है.

अस्पतालों में 6 माह में तैयार होंगे सॉलिड ट्रीटमेंट प्लांट

इसके अलावा निर्माणाधीन नए स्वास्थ्य संस्थानों में भी बायो मेडिकल कचरे की उचित व्यवस्था का प्रावधान रखा गया है. 10 बेड से ज्यादा वाले अस्पतालों में 6 माह के दौरान सॉलिड ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित कर लिए जाएंगे. तरल कचरे के ट्रीटमेंट के लिए सभी जरूरी व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है ताकि जिला में स्वास्थ्य संस्थानों के वेस्ट मटेरियल के निष्पापदन में कोई परेशानी न आए.

मंडी: साल 2019-20 में स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर खरा उतरने पर मंडी जिले के 15 स्वास्थ्य संस्थानों को सम्मानित किया गया है. इन स्वास्थ्य संस्थानों को अपने यहां बेहतर साफ-सफाई व संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रभावी प्रयासों के चलते नकद पुरस्कार से नवाजा गया है. यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने शुक्रवार को जिला क्वालिटी एश्योरेंस समिति के तहत चलाए जा रहे ‘कायाकल्प’ कार्यक्रम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.

डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान को उत्कृष्टता के मानकों की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य संस्थानों को स्वच्छ रखने में मदद मिल रही है.

स्वास्थ्य संस्थानों में पूर्ण स्वच्छता का उद्देश्य संस्थानों का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा करना, गुणवत्तापूर्ण सेवा मुहैया कराना और टीम वर्क को उत्साहित करना है.

जिले के इन अस्पतालों को मिला सम्मान

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत साल 2019-20 में सिविल अस्पताल सुन्दरनगर, करसोग, सरकाघाट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटौला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्रमण, पण्डोल, चौंतड़ा, गोपालपुर, भद्रवाड़, झुंगी, पाली, चुक्कू, थुनाग, नसलोह और कमांद को सम्मानित किय गया है. प्रदेश सरकार की ओर से इन संस्थानों को अलग-अलग कैटेगरी में 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रुपये के नकद पुरस्कार मिले हैं.

बायो मेडिकल कचरे के निष्पादन की उचित व्यवस्था

स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल वेस्ट के पूर्ण निष्पादन के लिए गठित जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक की डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले के समस्त सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल कचरे के पूर्ण निष्पादन की उचित व्यवस्था की गई है.

अस्पतालों में 6 माह में तैयार होंगे सॉलिड ट्रीटमेंट प्लांट

इसके अलावा निर्माणाधीन नए स्वास्थ्य संस्थानों में भी बायो मेडिकल कचरे की उचित व्यवस्था का प्रावधान रखा गया है. 10 बेड से ज्यादा वाले अस्पतालों में 6 माह के दौरान सॉलिड ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित कर लिए जाएंगे. तरल कचरे के ट्रीटमेंट के लिए सभी जरूरी व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है ताकि जिला में स्वास्थ्य संस्थानों के वेस्ट मटेरियल के निष्पापदन में कोई परेशानी न आए.

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