किन्नौर: महिला बाल विकास विभाग किन्नौर (Women and Child Development Department Kinnaur) द्वारा उपायुक्त कार्यालय सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के विषय पर (Workshop on Sexual Harassment in Kinnaur) गहनता से जानकारी दी गई. विभाग ऐसे शिविरों के आयोजन से महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण तैयार करने व महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है.
कार्यशाला में पुलिस विभाग की महिला आरक्षी अनुपमा नेगी (constable Anupama Negi) ने जानकारी देते हुए बताया कि ये अधिनियम 9 दिसंबर 2013 को प्रभाव में आया. यह कानून जहां कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करता है वहीं, उनके साथ यदि कार्यस्थल पर कोई लैंगिक उत्पीड़न का मामला सामने आता है तो उसके निवारण में भी मदद करता है. अनुपमा नेगी ने बताया कि इस अधिनियम में विशाखा मामले में उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए सभी दिशा निर्देश व बहुत से नए प्रावधान भी सम्मिलित हैं.
वहीं, अधिवक्ता दीपक ने अधिनियम के संबंध में बताया कि जिन संस्थाओं में दस से अधिक लोग काम करते हैं वहां एक आंतरिक शिकायत समिति (internal complaints committee) व जहां संख्या दस से कम हो वहां स्थानीय शिकायत समिति (local complaints committee) का गठन किया जाना अनिवार्य है. समिति के गठन में महिला सदस्यों का शामिल किया जाना भी आवश्यक है. अधिवक्ता दीपक ने यह भी बताया कि महिला उत्पीड़न के मामले (women harassment cases in himachal) में पीड़िता को 90 दिन के भीतर अपनी शिकायत समिति को करना अनिवार्य है. उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से भी अधिनियम के संदर्भ में अपने दायित्वों के प्रति जागरूक रहने के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
कार्यशाला का संचालन सांख्यकीय सहायक अंजू नेगी ने किया. इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी किन्नौर डॉ. सोनम नेगी (CMO Kinnaur Dr Sonam Negi), डॉ. कविराज, खंड विकास अधिकारी कल्पा ज्ञान प्यारी, क्षेत्रीय प्रबंधक हिमाचल पथ परिवहन अजेंद्र चौधरी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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