कुल्लू: जिला कुल्लू की ग्राम पंचायत न्यूल में वार्ड को आरक्षित करने पर ग्रामीणों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. ग्रामीणों ने इस बारे में डीसी कुल्लू को ज्ञापन सौंपा है और मांग रखी है कि वार्ड आरक्षण मामले को गंभीरता से लिया जाए ताकि यहां पर रह रहे ग्रामीणों को लाभ मिल सके.
बता दें कि, जिला कुल्लू के न्यूल पंचायत के वार्ड नंबर तीन में सभी ग्रामीण सामान्य वर्ग के रहते हैं. इसके बावजूद भी वार्ड सदस्य का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया है. ग्रामीणों ने मांग की है कि इस आरक्षण को रद्द किया जाए. इस संबंध में न्यूल पंचायत के ग्रामीण उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग से मिले और उन्हें मांगपत्र सौंपा. उन्होंने उपायुक्त को बताया कि छह माह पहले हमारे वार्ड में गलत आरक्षण होने के कारण इसमें कोई भी चुनाव नहीं हुए. इस दौरान ग्रामीणों ने एसडीएम को इस संबंध में पत्र लिखकर दिया जिसका कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया. अब जब उपचुनाव हुए तो एक बाहरी व्यक्ति के द्वारा यहां पर अपनी दावेदारी जताई गई और उस दावेदारी को भी प्रशासन के द्वारा सही मान लिया गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस बारे में पहले भी ग्रामीणों ने बीडीओ व एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था. लेकिन उस दौरान भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. डीसी कार्यालय पहुंची ग्रामीण महिला भूमा देवी का कहना है कि जब वार्ड में कोई भी आरक्षित परिवार का व्यक्ति नहीं रहता है तो इस वार्ड को आरक्षित नहीं किया जाना चाहिए था. अगर इसे आरक्षित भी दिया गया था तो उसके बाद इसमें बदलाव लाना चाहिए था. उन्होंने डीसी कुल्लू से आग्रह किया कि वे इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करें ताकि यहां के ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके.
ये भी पढ़ें : कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर पर लगाए गंभीर आरोप