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केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने लॉन्च किया माई हैंडलूम पोर्टल, उद्यमियों को मिलेगी ये सुविधा

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Published : Aug 7, 2020, 8:28 PM IST

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर माई हैंडलूम पोर्टल का शुभारंभ किया. साथ ही उन्होंने सभी राज्यों के लोगों को वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया है. बता दें कि मनाली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नग्गर के तहत आने वाले शरण गांव को हैंडलूम क्राफ्ट विलेज में शामिल किया गया है.

Union Textiles Minister Smriti Irani addressed the people
कुल्लू

कुल्लू: भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने माई हैंडलूम पोर्टल को लॉन्च किया है. साथ ही उन्होंने नई दिल्ली से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य के लोगों को संबोधित किया है. इस बीच सीएम जयराम ठाकुर ने उनके संबोधन को सुना.

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कुल्लू जिला के धरोहर गांव नग्गर के शरण गांव को देश के उन दस गांवों में शामिल किया गया है, जिन्हें हथकरघा गांव के रूप में चुना गया है. उन्होंने कहा कि इससे न केवल हथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ये गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बनेंगे. साथ ही निफ्ट केंद्रों से भी हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी.

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हथकरघा उद्योग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना चाहते हैं, क्योंकि इससे न केवल हथकरघा क्षेत्र की आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद भी उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि हैंडलूम मार्क योजना के लिए आज शुरू की गई मोबाइल ऐप से न केवल बुनकरों को सुविधा मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को हथकरघा उत्पाद भी मिलेंगे.

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि माई हैंडलूम पोर्टल से उपभोक्ताओं को हथकरघा उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगा और शरण गांव में बुनकरों के लिए सुविधा केंद्र स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी, सेकिन हम सभी को भी स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्राप्त हो सके.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला कांगड़ा के देहरा से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में लगभग 20 हजार लोग हथकरघा उद्योग से जुड़कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं. हिमाचली शाॅल और टोपी विश्व प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि कुल्लू और किन्नौरी शाॅल को भारत सरकार द्वारा हथकरघा संरक्षण अधिनियम के तहत आरक्षित किया गया है और इन दोनों उत्पादों का पेटेंट करवाया गया है.

मुख्यमंत्री ने कुल्लू में धरोहर गांव नग्गर के पास शरण गांव को हथकरघा गांव के रूप में विकसित करने को सहमति देने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इसके तहत केन्द्र सरकार ने 118.63 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं, जबकि राज्य सरकार इसमें 13.40 लाख रुपये का योगदान देगी.

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में हथकरघा विकास के लिए प्रतिबद्ध है. हथकरघा उद्यमियों को राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम के माध्यम से धागा खरीदने के लिए 10 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम के माध्यम से नौ जिलों में लगभग 450 हथकरघा बुनकरों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में 12 विक्रय केन्द्रों और दिल्ली के एक विक्रय केन्द्र के माध्यम से हथकरघा उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिलों में राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत 10 हथकरघा समूहों के लगभग 2500 बुनकरों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण कौशल योजना’ के तहत बुनकरों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है. साथ ही कहा कि जिला में 700 से अधिक बुनकर सहकारी समितियां और कुटीर उद्योग काम कर रहे हैम और इस उद्योग में लगभग छह हजार उद्यमी कार्यरत है, जिसके तहत 150 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार किया जा रहा है.

भारत सरकार के वस्त्र सचिव रवि कपूर ने कहा कि हथकघा उद्योग देश में महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और सरकार का उद्देश्य देश के हथकरघे को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करना है. वहीं, हथकरघा विकास आयुक्त संजय रस्तोगी ने केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री को हथकरघा क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी.

देश के हथकरघा समूह सहयोगी डिजाइनर सहित देश के सभी 28 डब्ल्यूएससीएस, 6 आईआईएचटीएस, एनडीसी, एचइपीसी और एनआइएफटी, कुल्लू के शिल्प हथकरघा गांव, मुंबई के वस्त्र समिति और चेन्नई की वर्चुअल प्रदर्शनी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया.

बता दें कि भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर मनाली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नग्गर के तहत आने वाले शरण गांव को हैंडलूम क्राफ्ट विलेज में शामिल किया गया है. इस अवसर पर पतलीकुहल में एक समारोह का भी आयोजन किया गया.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस: कुल्लू जिले का शरण गांव देश के 10 हथकरघा गांवों में शामिल

कुल्लू: भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने माई हैंडलूम पोर्टल को लॉन्च किया है. साथ ही उन्होंने नई दिल्ली से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य के लोगों को संबोधित किया है. इस बीच सीएम जयराम ठाकुर ने उनके संबोधन को सुना.

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कुल्लू जिला के धरोहर गांव नग्गर के शरण गांव को देश के उन दस गांवों में शामिल किया गया है, जिन्हें हथकरघा गांव के रूप में चुना गया है. उन्होंने कहा कि इससे न केवल हथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ये गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बनेंगे. साथ ही निफ्ट केंद्रों से भी हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी.

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हथकरघा उद्योग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना चाहते हैं, क्योंकि इससे न केवल हथकरघा क्षेत्र की आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद भी उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि हैंडलूम मार्क योजना के लिए आज शुरू की गई मोबाइल ऐप से न केवल बुनकरों को सुविधा मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को हथकरघा उत्पाद भी मिलेंगे.

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि माई हैंडलूम पोर्टल से उपभोक्ताओं को हथकरघा उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगा और शरण गांव में बुनकरों के लिए सुविधा केंद्र स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी, सेकिन हम सभी को भी स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्राप्त हो सके.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला कांगड़ा के देहरा से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में लगभग 20 हजार लोग हथकरघा उद्योग से जुड़कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं. हिमाचली शाॅल और टोपी विश्व प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि कुल्लू और किन्नौरी शाॅल को भारत सरकार द्वारा हथकरघा संरक्षण अधिनियम के तहत आरक्षित किया गया है और इन दोनों उत्पादों का पेटेंट करवाया गया है.

मुख्यमंत्री ने कुल्लू में धरोहर गांव नग्गर के पास शरण गांव को हथकरघा गांव के रूप में विकसित करने को सहमति देने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इसके तहत केन्द्र सरकार ने 118.63 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं, जबकि राज्य सरकार इसमें 13.40 लाख रुपये का योगदान देगी.

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में हथकरघा विकास के लिए प्रतिबद्ध है. हथकरघा उद्यमियों को राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम के माध्यम से धागा खरीदने के लिए 10 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम के माध्यम से नौ जिलों में लगभग 450 हथकरघा बुनकरों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में 12 विक्रय केन्द्रों और दिल्ली के एक विक्रय केन्द्र के माध्यम से हथकरघा उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिलों में राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत 10 हथकरघा समूहों के लगभग 2500 बुनकरों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण कौशल योजना’ के तहत बुनकरों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है. साथ ही कहा कि जिला में 700 से अधिक बुनकर सहकारी समितियां और कुटीर उद्योग काम कर रहे हैम और इस उद्योग में लगभग छह हजार उद्यमी कार्यरत है, जिसके तहत 150 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार किया जा रहा है.

भारत सरकार के वस्त्र सचिव रवि कपूर ने कहा कि हथकघा उद्योग देश में महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और सरकार का उद्देश्य देश के हथकरघे को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करना है. वहीं, हथकरघा विकास आयुक्त संजय रस्तोगी ने केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री को हथकरघा क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी.

देश के हथकरघा समूह सहयोगी डिजाइनर सहित देश के सभी 28 डब्ल्यूएससीएस, 6 आईआईएचटीएस, एनडीसी, एचइपीसी और एनआइएफटी, कुल्लू के शिल्प हथकरघा गांव, मुंबई के वस्त्र समिति और चेन्नई की वर्चुअल प्रदर्शनी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया.

बता दें कि भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर मनाली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नग्गर के तहत आने वाले शरण गांव को हैंडलूम क्राफ्ट विलेज में शामिल किया गया है. इस अवसर पर पतलीकुहल में एक समारोह का भी आयोजन किया गया.

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