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कारोबारियों को झटका! होमस्टे के तहत पंजीकृत नहीं होंगे ट्री हाउस

कुल्लू के उपमंडल बंजार में जहां ट्री हाउस ( tree house) देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं तो वहीं, ट्री हाउस के चलते बंजार घाटी का पर्यटन कारोबार भी बढ़ा है, लेकिन ट्री हाउस को होमस्टे के तहत पंजीकरण नहीं मिल रहा है. कारोबारियों को ट्री हाउस को होटल या फिर रेस्ट हाउस में पंजीकरण (Registration in Rest House) करना होगा.

Kullu tree house
ट्री हाउस
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Published : Nov 16, 2021, 1:50 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 6:26 AM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार में जहां ट्री हाउस ( tree house) देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं तो वहीं, ट्री हाउस के चलते बंजार घाटी का पर्यटन कारोबार भी बढ़ा है, लेकिन ट्री हाउस को होमस्टे के तहत पंजीकरण नहीं मिल रहा है. जिला कुल्लू पर्यटन विभाग के द्वारा इस बारे सभी ट्री हाउस के संचालकों को भी सूचित कर दिया गया है. ऐसे में ट्री हाउस को होमस्टे का पंजीकरण न मिलने के कारण पर्यटन कारोबारियों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

बंजार के जीभी इलाके में ट्री हाउस खासकर देवदार, कायल और चील के पेड़ों पर तैयार किया जाता है. पर्यटक इसे काफी पसंद करते हैं और सैलानियों की रुचि बढ़ता देख कारोबारियों ने भी ट्री-हाउसों पर अधिक फोकस करना शुरू कर दिया है, लेकिन अब पर्यटन विभाग ने इन झटका दिया और अब ट्री हाउस होमस्टे (Tree House Homestay) में पंजीकृत नहीं होंगे.

कारोबारियों को ट्री हाउस को होटल या फिर रेस्ट हाउस में पंजीकरण (Registration in Rest House) करना होगा. जिला पर्यटन अधिकारी कुल्लू राजेश भंडारी ने कहा कि नियमों में ट्री हाउस का होमस्टे में पंजीकरण नहीं होगा. इसका पंजीकरण होटल और रेस्ट हाउस में ही होगा.

कुल्लू में करीब एक हजार के करीब होमस्टे हैं. इसी तर्ज पर ट्री हाउस को एक पेड़ पर लकड़ी से बनाया जाता है. इसमें बालकनी के साथ कमरा होता है. जिसमें पर्यटकों को सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं. वहीं, ट्री हाउस में प्रतिदिन का 1500 से 2500 रुपये किराया रहता है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश: IPS अधिकारी का कीमती पेन गुम, तलाश में भेजे पुलिस जवानों ने खंगाल डाला पूरा बाजार

कुल्लू: जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार में जहां ट्री हाउस ( tree house) देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं तो वहीं, ट्री हाउस के चलते बंजार घाटी का पर्यटन कारोबार भी बढ़ा है, लेकिन ट्री हाउस को होमस्टे के तहत पंजीकरण नहीं मिल रहा है. जिला कुल्लू पर्यटन विभाग के द्वारा इस बारे सभी ट्री हाउस के संचालकों को भी सूचित कर दिया गया है. ऐसे में ट्री हाउस को होमस्टे का पंजीकरण न मिलने के कारण पर्यटन कारोबारियों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

बंजार के जीभी इलाके में ट्री हाउस खासकर देवदार, कायल और चील के पेड़ों पर तैयार किया जाता है. पर्यटक इसे काफी पसंद करते हैं और सैलानियों की रुचि बढ़ता देख कारोबारियों ने भी ट्री-हाउसों पर अधिक फोकस करना शुरू कर दिया है, लेकिन अब पर्यटन विभाग ने इन झटका दिया और अब ट्री हाउस होमस्टे (Tree House Homestay) में पंजीकृत नहीं होंगे.

कारोबारियों को ट्री हाउस को होटल या फिर रेस्ट हाउस में पंजीकरण (Registration in Rest House) करना होगा. जिला पर्यटन अधिकारी कुल्लू राजेश भंडारी ने कहा कि नियमों में ट्री हाउस का होमस्टे में पंजीकरण नहीं होगा. इसका पंजीकरण होटल और रेस्ट हाउस में ही होगा.

कुल्लू में करीब एक हजार के करीब होमस्टे हैं. इसी तर्ज पर ट्री हाउस को एक पेड़ पर लकड़ी से बनाया जाता है. इसमें बालकनी के साथ कमरा होता है. जिसमें पर्यटकों को सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं. वहीं, ट्री हाउस में प्रतिदिन का 1500 से 2500 रुपये किराया रहता है.

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Last Updated : Nov 17, 2021, 6:26 AM IST
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