कुल्लू: जिला के ऊपरी इलाकों में हुई ताजा बर्फबारी को देखने के लिए सैलानी कुल्लू-मनाली का रुख कर रहे हैं. वहीं, ब्यास नदी की ठंडी धाराओं में भी पर्यटक राफ्टिंग का मजा ले रहे हैं. जिससे अब राफ्टिंग के ठंडे पड़ गए कारोबार में भी गर्माहट आई है. वहीं, पर्यटकों के आने से कुल्लू के पर्यटन कारोबार को भी अब गति मिलनी शुरू हो गई है.
जिला कुल्लू की ऊपरी पहाड़ियों पर हुई बर्फबारी के चलते ब्यास का पानी भी माइनस डिग्री में चला गया है, लेकिन सैलानी यहां राफ्टिंग कर खूब मस्ती कर रहे हैं. जिला कुल्लू के मुख्यालय के साथ लगते बाशिंग, रामशिला, बबेली सहित पिरड़ी में राफ्टिंग का कारोबार होता है. इन दिनों सैलानियों के आने से राफ्टिंग काउंटर में भीड़ जुट गई है. इस कारोबार से जुड़े युवा जो लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे थे उन्होंने भी राहत की सांस ली है.
इन दिनों बर्फबारी को देखने के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से सैलानी यहां पहुंच रहे हैं. वहीं, ब्यास की धाराओं में राफ्टिंग का रोमांच भी उन्हें हैरत कर रहा है. राफ्टिंग का मजा लेने पहुंचे सैलानियों का कहना है कि कुल्लू मनाली में उन्हें बर्फ देखने को मिल रही है. वहीं, राफ्टिंग जैसे साहसिक खेल भी उन्हें काफी आकर्षित कर रहे हैं. ऐसे में साहसिक खेलों का रोमांच उनके लिए एक नया अनुभव है जो उन्हें हमेशा याद रहेगा.
बता दें कि कुल्लू में रायसन, बबेली व पिरड़ी रिवर राफ्टिंग के मुख्य प्वाइंट हैं और इन स्थलों में करीब 200 राफ्टों का संचालन होता है. ब्यास नदी में राफ्टिंग करने के लिए तीन साइटें चयनित की गई हैं. इनमें रायसन, बबेली, पीरड़ी में राफ्टिंग करवाई जाती है. इसमें सबसे लंबे रूट वाली साइट 14 किलोमीटर की है. यह रोमांचकारी रूट पीरड़ी से झीड़ी तक का है. पीरड़ी-भुंतर सात किलोमीटर रूट भी रोमांचकारी है. वहीं, तीसरी रायसन-एलपीएस साइट है जिसमें दो किलोमीटर के एरिया में राफ्टिंग होती है.
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