कुल्लू: साफ-सफाई सभी को पसंद है, अपने घर को हर कोई व्यक्ति साफ-सुथरा रखना पसंद करता है. परंतु जब बात गली, मोहल्ले व सड़कों की होती है, तो गंदगी देखकर हर कोई नाक-मुंह सिकुड़ता नजर आता है, जबकि इस गंदगी को फैलाने में कहीं ना कहीं हम सभी शामिल रहते हैं, लेकिन दिल्ली की रहने वाली खुशबू ऐसा नहीं सोचती हैं.
खुशबू अपने आसपास के हर क्षेत्र को साफ-सुथरा देखना चाहती हैं. गली-मोहल्ला, शहर हो या कोई राज्य, खुशबू जहां जाती हैं, वहीं लोगों को साफ-सफाई रखने का संदेश तो देती ही हैं, साथ ही उस क्षेत्र में फैली गंदगी को भी साफ करने में पीछे नहीं हटती हैं. ऐसा ही कुछ उन्होंने मनाली में किया है.
बीते दिनों खुशबू अपने परिजन मनीष झा के संग छुट्टियां बिताने के लिए मनाली आईं थी. मनाली के फेमस जोगनी झरने के पास फैली गंदगी को देखकर वह बहुत निराश हुईं और उन्होंने बिना देरी किए वहां की साफ-सफाई शुरू कर दी. आसपास के लोगों ने जब यह देखा तो, उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सके.
स्थानीय लोगों ने बताया कि आमतौर पर जब भी यहां पर्यटक आते हैं, तो साथ में कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलें, चिप्स के रैपर, फलों के टुकड़े ऐसे ही फेंक देते हैं. जिससे पर्यटक स्थल गंदा दिखता है. परंतु खुशबू ने ऐसा नहीं होने दिया. उन्होंने पर्यटकों को भी इस प्रकार की गंदगी फैलाने वाली गतिविधियों को ना करने के लिए आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक खूबसूरत राज्य है, यहां पर प्रकृति का चित्रण इतना प्यारा है कि मन मोह लेता है.
हमें अपनी प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए. नेचर को गंदगी व प्रदूषण से दूर रखना चाहिए. यह हमारा सौभाग्य है कि हिमाचल प्रदेश जैसा हरा-भरा खूबसूरत राज्य हमारे देश में है. जहां पर हम लोग शांत प्रकृति से मुलाकात करने के लिए आते हैं. ऐसे में यह हमारा फर्ज होता है कि हम पर्यटक इन स्थलों का ख्याल रखें. गंदगी और प्रदूषण से दूर रखें.
बता दें कि खुशबू दिल्ली की रहने वाली है, जो कि अपने परिजन मनीष झा के साथ मनाली भ्रमण पर आईं हुई थी. खुशबू एक इनफ्लुएंसर हैं, जो कि अपनी यूट्यूब वीडियो के माध्यम से प्रकृति व गार्डनिंग को लेकर साफ-सफाई के लिए प्रेरित करती रहती हैं.
खुशबू गौर झा एक प्रकृति प्रेमी भी हैं. खुशबू के छोटे से बगीचे में 200 से अधिक प्रजातियों के पौधे हैं. वह बागवानी और प्रकृति के साथ एक मजबूत बंधन विकसित करने पर लाइव सत्र देकर लोगों को प्रोत्साहित करती हैं. उन्होंने वर्ष 2016 में प्रकृति और दुनिया की बेहतरी की दिशा में काम करना शुरू किया.
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