कुल्लू: शहर और आसपास के क्षेत्रों में बहुमंजिला भवनों को तैयार किया जाना चाहिए, ताकि कृषि योग्य भूमि का संरक्षण भी सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा मास्टर प्लान साल 2041 तक कुल्लू शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों के भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर आधुनिक निर्माण तकनीक के आधार पर बनाया जा रहा है. यह बात टीसीपी की बैठक (TCP meeting held in Dhalpur) की अध्यक्षता करते हुए बुधवार को कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर (Kullu MLA Sunder Singh Thakur) ने कही.
बैठक को संबोधित करते हुए विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि कुल्लू वैली मास्टर प्लान में व्यास नदी के तटीकरण की अहम भूमिका है और इसके कार्य को सुनियोजित तरीके से किया जाना चाहिए, ताकि आने वाले समय में लोगों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े. बैठक में उपस्थित नगर योजनाकार रसिक शर्मा ने बताया कि यह कार्यशाला कुल्लू घाटी योजना क्षेत्र की प्रारूप विकास योजना आउटसोर्स आधार पर निजी कंपनी एवं ग्राम योजना विभाग हिमाचल प्रदेश के मार्गदर्शन में तैयार की जा रही है.
इस डेवलपमेंट प्लान (Kullu Development Plan) में सभी पंचायत प्रतिनिधियों की भी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिए, ताकि वह अपने सुझाव तथा प्रतिक्रियाएं विभाग के समक्ष रख सके और एक अच्छा मास्टर प्लान भी इसके लिए बनाया जा सके. उन्होंने इस विकास योजना से संबंधित सभी लोगों को अपने सुझाव 20 दिन के भीतर देने के लिए कहा. रसिक शर्मा ने कहा कि कुल्लू तथा इसके आसपास के क्षेत्र के लोग एसडीएम कार्यालय कुल्लू तथा टीसीपी कार्यालय में अपने सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं.
वहीं, बैठक में उपस्थित पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी अपना सुझाव देते हुए कहा कि कुल्लू शहर के लिए कोई भी विकासात्मक योजना तैयार करने से पहले धरातल की वास्तविकता को अच्छी तरह से समझा जाए और उसके बाद ही कोई मास्टर प्लान तैयार किया जाए.
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