कुल्लू: देशभर में जहां सिंथेटिक ड्रग्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं तो वहीं, हिमाचल प्रदेश भी अब इससे अछूता नहीं है. दिल्ली में बैठे अफ्रीकन देशों के तस्कर जहां हिमाचल में हेरोइन तस्करी से जुड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर अब सीमा पार पाकिस्तान से भी (synthetic drugs Supply from Pakistan to Himachal) नशा तस्करी के तार जुड़ने लगे हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में राज्य नशा निवारण बोर्ड के माध्यम से भी इस पर लगाम लगाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के (Himachal Pradesh Drug Prevention Board) संयोजक ओपी शर्मा ने कहा कि देश में नशा तस्करी के मामलों में अधिकतर मुख्य सरगना दिल्ली में बैठे हुए अफ्रीकन देशों के नागरिक है. लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना व मंडी जिले तक सीमा पार से सिंथेटिक ड्रग्स की खेप आ रही है. ऐसे में अब हिमाचल सरकार अन्य सरकारों के प्रयास से पंचकूला में ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर (Joint Interrogation Center in Panchkula) बनाने में भी प्रयासरत है. इस ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर के बनने से हिमाचल प्रदेश पुलिस को कानूनी सहायता लेने में काफी मदद मिलेगी और प्रदेश में नशा तस्करी से जुड़े हुए बाहरी राज्यों में बैठे हुए तस्करों पर रोक लगाने में काफी आसानी होगी.
संयोजक ओपी शर्मा का कहना है कि पंजाब के साथ लगते सीमावर्ती क्षेत्रों से भी सिंथेटिक ड्रग्स देश (synthetic drugs Supply from Pakistan to Himachal) के विभिन्न राज्यों में पहुंचाई जा रही है और हिमाचल भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में नशा तस्करी देशभर में एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है. नशा तस्करी व सेवन से युवाओं को बचाने के लिए सामाजिक संस्थाओं और शिक्षकों को भी आगे आना होगा, क्योंकि सबसे ज्यादा समय छात्र अपने शिक्षक के साथ ही गुजारता है और शिक्षक को छात्र की हर गतिविधि के बारे में जानकारी होती है. ओपी शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार सिंथेटिक ड्रग्स के मामलों को अन्य राज्यों के सरकारों के समक्ष भी रखेगी और डीजीपी स्तर की बैठक जल्द आयोजित की जाएगी ताकि देश भर में फैल रहे सिंथेटिक ड्रग्स के जाल को खत्म किया जा सके.
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