कुल्लू: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही वॉर (Russia-Ukraine War) फिलहाल थमती हुई नजर नहीं आ रही है, तो ऐसे में भारत से यूक्रेन एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए छात्रों का (Students doing MBBS in Ukraine) भविष्य भी अब अंधकार में डूबता नजर आ रहा है. हालांकि यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई तो करवाई जा रही है लेकिन अगर युद्ध विराम नहीं लगा तो भारत के हजारों छात्रों का भविष्य भी अंधकार में पड़ जाएगा.
वहीं, अब एमबीबीएस कर रहे छात्रों ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग रखी है कि उन्हें यहां के मेडिकल कॉलेजों में (medical colleges of Himachal) शिफ्ट किया जाए. इसी मांग को लेकर जिला मुख्यालय डीसी कार्यालय में छात्र और अभिभावक पहुंचे और उन्होंने डीसी के माध्यम से प्रदेश सरकार को भी एक ज्ञापन भेजा. एमबीबीएस छात्रा विभूति गौतम का कहना है कि यूक्रेन में जिला कुल्लू के 8 छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं और अब जल्द ही उनका 5वां साल भी शुरू होने वाला है. अभी तो मेडिकल कॉलेजों के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई उपलब्ध करवाई जा रही है लेकिन जल्द ही युद्धविराम नहीं हुआ तो वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाएंगे. जिससे उनका भविष्य अंधकार में डूब जाएगा.
वहीं, अभिभावक नीरज सैनी का कहना है कि एक संस्था भी छात्रों व उनके अभिभावकों के द्वारा बनाई गई है. जो अपने-अपने जिलों में डीसी के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेज रहे हैं. उनका कहना है कि युद्ध से पहले छात्रों की स्थिति काफी अच्छी थी और अच्छी तरह से वहां पर पढ़ाई भी कर रहे थे. अब युद्ध की स्थिति लगातार बनी हुई है. हिमाचल प्रदेश में भी सरकार छात्रों की ओर ध्यान दें और उन्हें यहां मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जाना चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य खराब ना हो सके खराब ना हो सके.
ये भी पढ़ें: विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP