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सेब की फसल के लिए वरदान बनकर आई बर्फबारी, बागवानों और किसानों के खिले चेहरे

कुल्लू में बर्फबारी होने से सेब के पौधों की विभिन्न बीमारियों पर अंकुश लगता है. वहीं सेब की पैदावार भी अच्छी होती है.

Snow is good for apple orchards
कुल्लू में बर्फबारी सेब की अच्छी फसल
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Published : Dec 17, 2019, 1:42 PM IST

कुल्लूः पिछले कुछ सालों से सर्दियों में मौसम की बेरुखी झेल रहे कुल्लू के बागवानों के लिए इस साल हुई बर्फबारी अच्छी फसल की उम्मीदें लेकर आई है. कुछ दिन पहले मनाली, मणिकर्ण, लगघाटी सहित कई अन्य सेब क्षेत्रों में 2 फीट के आसपास बर्फ गिर चुकी है जो कि सेब के लिए अच्छी मानी जा रही है.

बागवानों का मानना है कि बर्फबारी होने से सेब के पौधों की विभिन्न बीमारियों पर अंकुश लगता है. वहीं सेब की पैदावार भी अच्छी होती है. सेब के पौधों को बर्फबारी से अच्छी व रिसावदार नमी मिलती है, जो जड़ों तक जाती है. इस साल जिस प्रकार से बर्फबारी हुई है, वह सेब के लिए आदर्श मौसम माना जा रहा है. यही वजह है कि बर्फबारी से बागवान खुश हैं.बागवान अब मौसम खुलने व बर्फ पिघलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि सेब के बागीचों में खाद डालने, तौलिए बनाने व नए पौधे रोपने का कार्य शुरू कर सकें.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि बर्फ का लाभ केवल सेब बागवानों को ही नहीं बल्कि इससे सब्जियों वाले क्षेत्रों को भी लाभ मिलता है. जानकारी के अनुसार ठियोग व आसपास के बेमौसमी सब्जी उत्पादकों को भी इसका लाभ होगा. साथ ही गर्मियों में अपने आसपास के प्राकृतिक जल स्रोतों में पर्याप्त पानी सिंचाई के लिए भी मिलेगा.

ये भी पढ़ेःऊना में जहरीला पदार्थ निगलने से युवक की मौत, जांच में जुटी पुलिस

कुल्लूः पिछले कुछ सालों से सर्दियों में मौसम की बेरुखी झेल रहे कुल्लू के बागवानों के लिए इस साल हुई बर्फबारी अच्छी फसल की उम्मीदें लेकर आई है. कुछ दिन पहले मनाली, मणिकर्ण, लगघाटी सहित कई अन्य सेब क्षेत्रों में 2 फीट के आसपास बर्फ गिर चुकी है जो कि सेब के लिए अच्छी मानी जा रही है.

बागवानों का मानना है कि बर्फबारी होने से सेब के पौधों की विभिन्न बीमारियों पर अंकुश लगता है. वहीं सेब की पैदावार भी अच्छी होती है. सेब के पौधों को बर्फबारी से अच्छी व रिसावदार नमी मिलती है, जो जड़ों तक जाती है. इस साल जिस प्रकार से बर्फबारी हुई है, वह सेब के लिए आदर्श मौसम माना जा रहा है. यही वजह है कि बर्फबारी से बागवान खुश हैं.बागवान अब मौसम खुलने व बर्फ पिघलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि सेब के बागीचों में खाद डालने, तौलिए बनाने व नए पौधे रोपने का कार्य शुरू कर सकें.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि बर्फ का लाभ केवल सेब बागवानों को ही नहीं बल्कि इससे सब्जियों वाले क्षेत्रों को भी लाभ मिलता है. जानकारी के अनुसार ठियोग व आसपास के बेमौसमी सब्जी उत्पादकों को भी इसका लाभ होगा. साथ ही गर्मियों में अपने आसपास के प्राकृतिक जल स्रोतों में पर्याप्त पानी सिंचाई के लिए भी मिलेगा.

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सेब की फसल के लिए वरदान बनकर आई बर्फबारी
सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्ज के लिए होगी फायदेमंदBody:





पिछले कुछ सालों से सर्दियों में मौसम की बेरुखी झेल रहे कुल्लू के के सेब बागवानों के लिए इस साल के अंतिम दौर में हो चुकी बर्फबारी अच्छी फसल की उम्मीदें लेकर आई है। पिछले सप्ताह में मनाली,मणिकर्ण, लगघाटी सहित अन्य सेब क्षेत्रों में 2 फुट के आसपास बर्फ गिर चुकी है जो सेब के पौधों के लिए काफी अच्छी बताई जा रही है। आजकल सेब के पौधे सुप्तावस्था में रहते हैं। माना जाता है कि इस अवस्था में अधिकतर वेराइटी के सेब के पौधों के लिए 500 से 1000 घंटे और अर्ली वेराइटी के पौधों लिए 600 सौ घंटों तक चिलिंग ऑवरर्ज की जरूरत होती है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 1000 से अधिक घंटे चिलिंग आवर्ज अच्छे माने जाते हैं। जबकि इससे जहां सेब के पौधों की विभिन्न बीमारियों पर अंकुश लगता है वहीं सेब की पैदावार भी अच्छी होती है। सेब के पौधों को बर्फबारी से अच्छी व रिसावदार नमी मिलती है जो जड़ों तक जाती है। इस साल जिस प्रकार से जनवरी व फरवरी में बर्फबारी हुई है वह सेब के लिए आदर्श मौसम माना जा रहा है। मौसम की इस साल हुई मेहरबानी से जिला कुल्लू के सेब बागवान खुश हैं। बागवान अब मौसम खुलने व बर्फ पिघलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि सेब के बागीचों में खाद डालने, तौलिए बनाने व नए पौधे रोपने का कार्य शुरू कर सकें। बर्फ का लाभ केवल सेब बागवानों को ही नहीं होना है इससे ठियोग व आसपास के बेमौसमी सब्जी उत्पादकों के लिए भी आने वाली गर्मियों में अपने आसपास के प्राकृतिक जल स्रोतों में पर्याप्त पानी सिंचाई के लिए मिलेगा।

सेब बागीचों में लंबे समय तक बर्फ टिकने से अच्छी फसल की उम्मीद
मनाली व आसपास के इलाकों में बागवानी व सब्जी उत्पादन बर्फ व बरसात के मौसम पर निर्भर है। ये दोनों मौसम यदि अच्छे जाते हैं तो किसानों बागवानों का साल अच्छा रहता है और उनके खेत बागीचों में फसलें अच्छी होती हैं। इस साल बरसात का मौसम ठीक रहा था और इस साल सर्दियों में भी अच्छी बर्फ गिरने से लोग भविष्य की फसलों के लिए काफी आशान्वित हैं। Conclusion:

इसके साथ ही बारिश के बाद सेब बागवानों के लिए बगीचों की उचित रख रखाव करने के रुके हुए कार्यों को पूरा करने का मौका मिल जाएगा। सीजन के बाद बारिश के नहीं होने से सेब बागवान तौलिए बनाने से लेकर अन्य कई काम नहीं कर पा रहे थे। बारिश होने के बाद जमीन में पर्याप्त नमी हो जाने से अब बागवान इन रुके हुए कामों को पूरा कर सकेंगे। बारिश होने से क्षेत्रीय जंगलों में आग लगने की संभावनाएं भी काफी कम हो गई है। बारिश व बर्फबारी से बागवान सेब के बगीचों के लिए लाभदायक मान रहे हैं।

बाइट भाग चंद राणा

बाइट राहुल शर्मा

बाइट संजय
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