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SNOW FESTIVAL KULLU: त्रिलोकनाथ मंदिर में धार्मिक पूजा अर्चना के साथ शुरू होगा स्नो फेस्टिवल

स्नो फेस्टिवल के आयोजन की रूपरेखा (SNOW FESTIVAL KULLU) तय करने को लेकर केलांग उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक (Keylong DC Office Auditorium Meeting) की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त लाहौल स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा 13 जनवरी को त्रिलोकनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के साथ स्नो फेस्टिवल का शुभारंभ करेंगे.

SNOW FESTIVAL KULLU
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Published : Dec 30, 2021, 5:38 PM IST

कुल्लू: लाहौल घाटी में आगामी 13 जनवरी को प्रसिद्ध त्रिलोकनाथ मंदिर में धार्मिक पूजा अर्चना के साथ स्नो फेस्टिवल का आगाज होगा. स्नो फेस्टिवल के आयोजन की रूपरेखा तय करने को लेकर केलांग उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा 13 जनवरी को त्रिलोकनाथ मंदिर (Triloknath temple in kullu) में पूजा अर्चना के साथ स्नो फेस्टिवल (SNOW FESTIVAL KULLU) का शुभारंभ करेंगे.

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्नो फेस्टिवल को धार्मिक आस्थाओं व पारंपरिक रीति-रिवाजों की मान्यताओं के अनुरूप ही मनाया जाएगा. घाटी के लामाओं द्वारा विभिन्न आयोजनों को लेकर तय किए गए कैलेंडर के मुताबिक फेस्टिवल आयोजित होगा. उपायुक्त ने यह भी कहा कि इस फेस्टिवल को धार्मिक आयोजन और तीज- त्योहारों के दो पहलुओं पर आधारित रखा जाएगा. लाहौल की मुख्य गाहर, पट्टन और तिनन घाटियों में आयोजित होने वाले उदना, गोची, हालड़ा, फागली और योर तीज-त्योहारों को भी फेस्टिवल के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि पर्यटकों को इस समृद्ध परंपरा से रूबरू करवाया जा सके. उपायुक्त ने कहा कि क्राफ्ट मेला और जनजातीय डांस मेला भी इस आयोजन के आकर्षण रहेंगे.

लाहौल के धार्मिक और सामाजिक जनजीवन (Snow Festival Himachal Pradesh) से जुड़ी पुरातन कलाकृतियों की प्रदर्शनी, स्नो क्राफ्ट और फूड फेस्टिवल भी इस आयोजन हिस्सा रहेंगे. स्थानीय पारंपरिक खेल प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएंगी जिनमें महिलाओं और बच्चों के लिए भी इवेंट रखे जाएंगे. महिलाओं के लिए जहां बुनाई प्रतियोगिता रहेगी, वहीं स्नो क्वीन (हिम सुंदरी) का चयन भी स्नो फेस्टिवल के दौरान किया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि फोटोग्राफी प्रतियोगिता को भी इस आयोजन में शामिल किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य घाटी की धार्मिक मान्यताओं और स्थानीय रीति-रिवाजों के साथ सामंजस्य बिठाकर पर्यटकों तक इस पुरातन व समृद्ध विरासत को पहुंचाना है. स्नो फेस्टिवल के माध्यम से देश-विदेश के पर्यटकों को लाहौल के आकर्षक व अछूते पर्यटक स्थलों तक पहुंचाया जाएगा ताकि पर्यटक लाहौल के तमाम मनोरम स्थलों की खूबियों से रूबरू हो सकें.

ये भी पढ़ें- NEW YEAR CELEBRATION IN HIMACHAL: हिमाचल की खूबसूरत वादियों में न्यू ईयर का जश्न मनाने आए हैं तो इन लजीज व्यंजनों का जरूर चखें स्वाद

कुल्लू: लाहौल घाटी में आगामी 13 जनवरी को प्रसिद्ध त्रिलोकनाथ मंदिर में धार्मिक पूजा अर्चना के साथ स्नो फेस्टिवल का आगाज होगा. स्नो फेस्टिवल के आयोजन की रूपरेखा तय करने को लेकर केलांग उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा 13 जनवरी को त्रिलोकनाथ मंदिर (Triloknath temple in kullu) में पूजा अर्चना के साथ स्नो फेस्टिवल (SNOW FESTIVAL KULLU) का शुभारंभ करेंगे.

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्नो फेस्टिवल को धार्मिक आस्थाओं व पारंपरिक रीति-रिवाजों की मान्यताओं के अनुरूप ही मनाया जाएगा. घाटी के लामाओं द्वारा विभिन्न आयोजनों को लेकर तय किए गए कैलेंडर के मुताबिक फेस्टिवल आयोजित होगा. उपायुक्त ने यह भी कहा कि इस फेस्टिवल को धार्मिक आयोजन और तीज- त्योहारों के दो पहलुओं पर आधारित रखा जाएगा. लाहौल की मुख्य गाहर, पट्टन और तिनन घाटियों में आयोजित होने वाले उदना, गोची, हालड़ा, फागली और योर तीज-त्योहारों को भी फेस्टिवल के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि पर्यटकों को इस समृद्ध परंपरा से रूबरू करवाया जा सके. उपायुक्त ने कहा कि क्राफ्ट मेला और जनजातीय डांस मेला भी इस आयोजन के आकर्षण रहेंगे.

लाहौल के धार्मिक और सामाजिक जनजीवन (Snow Festival Himachal Pradesh) से जुड़ी पुरातन कलाकृतियों की प्रदर्शनी, स्नो क्राफ्ट और फूड फेस्टिवल भी इस आयोजन हिस्सा रहेंगे. स्थानीय पारंपरिक खेल प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएंगी जिनमें महिलाओं और बच्चों के लिए भी इवेंट रखे जाएंगे. महिलाओं के लिए जहां बुनाई प्रतियोगिता रहेगी, वहीं स्नो क्वीन (हिम सुंदरी) का चयन भी स्नो फेस्टिवल के दौरान किया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि फोटोग्राफी प्रतियोगिता को भी इस आयोजन में शामिल किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य घाटी की धार्मिक मान्यताओं और स्थानीय रीति-रिवाजों के साथ सामंजस्य बिठाकर पर्यटकों तक इस पुरातन व समृद्ध विरासत को पहुंचाना है. स्नो फेस्टिवल के माध्यम से देश-विदेश के पर्यटकों को लाहौल के आकर्षक व अछूते पर्यटक स्थलों तक पहुंचाया जाएगा ताकि पर्यटक लाहौल के तमाम मनोरम स्थलों की खूबियों से रूबरू हो सकें.

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