कुल्लूः उपमंडल बंजार की सैंज घाटी में स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग को लेकर सैंज सयुंक्त संघर्ष समिति ने प्रदेश सरकार को नायब तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन भेजा. इस ज्ञापन में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ के खाली पदों जल्द भरने की सरकार से मांग की है.
समिति का कहना है कि सैंज घाटी में 15 पंचायत आती हैं और यहां की कुल आबादी लगभग 25000 के आसपास है. यहां कई गांव ऐसे हैं, जहां लोगों को 15 से 20 किलोमीटर पैदल सड़क तक आना पड़ता है. इसके बावजूद भी घाटी के हॉस्पिटल में रात में कोई भी सुविधा नहीं मिल पाती है.
संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि स्थानीय विधायक ने पहले भी समिति को आश्वासन दिया था की हॉस्पिटल में दिन रात सेवाएं मिलेगी और इस हॉस्पिटल के ग्रेड को भी बढ़ाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं, कोरोना के इस कठिन समय में एक डॉक्टर की ट्रांसफर करवा दी गई है. जिसके कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण चौहान ने कहा कि लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार और प्रशासन इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है. नारायण चौहान का कहना है कि संघर्ष समिति की मांगों को जल्दी न माना गया तो एक बहुत बड़ा जन आंदोलन होगा. इसमें स्थानीय विधायक का भी घेराव हो सकता है. क्योंकि यह जनहित मुद्दा है.
इस मौके पर सैंज संघर्ष समिति के प्रवक्ता मोतीराम कटवाल, मोहर सिंह, अर्जुन सिंह, व्यापारी विकास समिति के प्रधान सुरेश कुमार, पूर्व प्रधान धाउगी धनी राम सहित लोग उपस्तिथ रहे.
ये भी पढ़ेंः बरसात के बाद हिमाचल में मनाया जाता है अखरोट का त्योहार, ये है मान्यता