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कुल्लू के राशन डिपो होल्डरों ने राशन की फटी बोरियां व गुणवत्ता पर उठाए सवाल, जिला प्रशासन से की ये मांग

केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के उत्थान के लिए चलाई जा रही मुफ्त राशन की (Ration Depot Holders of Kullu) योजना से देश व प्रदेश के बहुत से लोग लाभांवित हो रहे हैं. वहीं, इन दिनों कुल्लू में पहुंच रही राशन की बोरियों की खस्ताहाल (kullu depot holders problem) को देख डिपो होल्डर ने बोरियों की गुणवत्ता पर सवाल (Depot Holders question quality of Ration) उठाए हैं.

Ration Depot Holders of Kullu
कुल्लू के राशन डिपो होल्डरों
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Published : Dec 15, 2021, 4:50 PM IST

कुल्लू: केंद्र सरकार के द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए जो मुफ्त राशन देने की योजना चलाई गई है. उससे देश के करोड़ों लोगों को लाभ पहुंच रहा है, लेकिन कुल्लू में पहुंची राशन की बोरियों के खस्ताहाल होने के चलते डिपो होल्डर ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व एफसीआई के समक्ष शिकायत भी दर्ज करवाई है. वहीं, डिपो होल्डरों (Ration Depot Holders of Kullu) ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि राशन की गुणवत्ता को देखते हुए इन बोरियों को स्टोर में रखें ताकि उपभोक्ताओं को भी परेशानी न उठानी पड़े.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर (District Kullu Headquarters Dhalpur) में भी जब डिपो होल्डर एफसीआई के गोदाम से राशन लेने के पहुंचे तो चावल की फटी हुई बोरियों को देखकर वे हैरान हो गए. चावल की बोरी जगह-जगह से फटी हुई थी और उनसे चावल जमीन पर गिर रहा था. इस बारे में उन्होंने एफसीआई के अधिकारियों से भी बात की, लेकिन डिपो होल्डर को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया. वहीं, डिपो होल्डरों का कहना है कि अगर वह इस तरह का राशन डिपो होल्डर से ग्राहकों को वितरित करेंगे तो इससे उन्हें काफी नुकसान (Depot Holders question quality of Ration) उठाना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: Liquor and non veg ban in malana: मलाणा गांव में शराब और नॉनवेज पर प्रतिबंध, ग्रामीणों ने देवता के आदेशानुसार लिया निर्णय

हिमाचल प्रदेश डिपो होल्डर एसोसिएशन (Himachal Pradesh Depot Holders Association) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण सूद ने बताया कि ग्राहक को अगर 6 किलो चावल देने हैं तो उन्हें पूरे 6 किलो ही देने होंगे, लेकिन अगर इस तरह की फटी हुई बोरियां आती रहेंगी तो चावल की मात्रा कम होगी और इससे डिपो होल्डर को नुकसान उठाना पड़ता है. वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण सूद ने चावल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए. प्रवीण सूद का कहना है कि फटी हुई बोरियों के साथ-साथ चावल की क्वालिटी भी सही नहीं है. इससे ग्राहकों को देने में भी उन्हें काफी मुश्किल आएगी. ऐसे में उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि अगर पीछे से ही इस तरह के राशन की सप्लाई आ रही है, तो उसे गोदामों में न उतारा जाए. ताकि डिपो होल्डर के साथ-साथ राशन लेने वाले जनता को भी इसका फायदा मिल सके.

वहीं, डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग (DC Kullu Ashutosh Garg) ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है. वे फटी हुई बोरियों व राशन की गुणवत्ता के मामले को लेकर एफसीआई के अधिकारियों के साथ बात करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डिपो होल्डरों की समस्या का भी (kullu depot holders problem) समाधान किया जाएगा.

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कुल्लू: केंद्र सरकार के द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए जो मुफ्त राशन देने की योजना चलाई गई है. उससे देश के करोड़ों लोगों को लाभ पहुंच रहा है, लेकिन कुल्लू में पहुंची राशन की बोरियों के खस्ताहाल होने के चलते डिपो होल्डर ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व एफसीआई के समक्ष शिकायत भी दर्ज करवाई है. वहीं, डिपो होल्डरों (Ration Depot Holders of Kullu) ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि राशन की गुणवत्ता को देखते हुए इन बोरियों को स्टोर में रखें ताकि उपभोक्ताओं को भी परेशानी न उठानी पड़े.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर (District Kullu Headquarters Dhalpur) में भी जब डिपो होल्डर एफसीआई के गोदाम से राशन लेने के पहुंचे तो चावल की फटी हुई बोरियों को देखकर वे हैरान हो गए. चावल की बोरी जगह-जगह से फटी हुई थी और उनसे चावल जमीन पर गिर रहा था. इस बारे में उन्होंने एफसीआई के अधिकारियों से भी बात की, लेकिन डिपो होल्डर को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया. वहीं, डिपो होल्डरों का कहना है कि अगर वह इस तरह का राशन डिपो होल्डर से ग्राहकों को वितरित करेंगे तो इससे उन्हें काफी नुकसान (Depot Holders question quality of Ration) उठाना पड़ेगा.

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हिमाचल प्रदेश डिपो होल्डर एसोसिएशन (Himachal Pradesh Depot Holders Association) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण सूद ने बताया कि ग्राहक को अगर 6 किलो चावल देने हैं तो उन्हें पूरे 6 किलो ही देने होंगे, लेकिन अगर इस तरह की फटी हुई बोरियां आती रहेंगी तो चावल की मात्रा कम होगी और इससे डिपो होल्डर को नुकसान उठाना पड़ता है. वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण सूद ने चावल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए. प्रवीण सूद का कहना है कि फटी हुई बोरियों के साथ-साथ चावल की क्वालिटी भी सही नहीं है. इससे ग्राहकों को देने में भी उन्हें काफी मुश्किल आएगी. ऐसे में उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि अगर पीछे से ही इस तरह के राशन की सप्लाई आ रही है, तो उसे गोदामों में न उतारा जाए. ताकि डिपो होल्डर के साथ-साथ राशन लेने वाले जनता को भी इसका फायदा मिल सके.

वहीं, डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग (DC Kullu Ashutosh Garg) ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है. वे फटी हुई बोरियों व राशन की गुणवत्ता के मामले को लेकर एफसीआई के अधिकारियों के साथ बात करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डिपो होल्डरों की समस्या का भी (kullu depot holders problem) समाधान किया जाएगा.

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