किन्नौर: जिला किन्नौर में बीते 4 महीने से सूखे की स्थिति बनी हुई है. जहां एक तरफ पीने के पानी की मारामारी है वहीं, सिंचाई के पानी की किल्लत से क्षेत्र में बागवान बुरी तरह परेशान हैं, लेकिन प्रदेश सरकार कोई सुध नहीं ले रही है. यह आरोप सोमवार को रिकांगपिओ में प्रेस वार्ता के दौरान विधायक जगत सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार पर लगाए हैं.
विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि आज किन्नौर जिला भारी सूखे की मार झेल रहा है. लोगों के सेब के बगीचे व किसानों के मटर व अन्य नकदी फसलें सूख रही हैं. क्षेत्र में आर्थिकी का मुख्य स्रोत सेब के बगीचे बर्बाद होने के कगार पर हैं, लेकिन सरकार ऐसी स्थिति में भी इस स्थिति से निजात पाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है.
नेगी ने कहा कि जयराम सरकार में शायद पूरे प्रदेश में यह पहला मामला होगा कि लोग सिंचाई का पानी भी खरीदने को मजबूर हुए हैं. विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर के पूह गांव में बागवान सिंचाई के लिए बाकायदा बीघा के हिसाब से पैसे देकर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं, जोकि किसी भी सरकार के लिए शर्मनाक विषय है और यह स्थिति किसी जिले में पहली बार इसी सरकार में पैदा हुई है, क्योंकि सरकार की इस स्थिति से निपटने की कोई योजना नहीं है.
नेगी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने बेमौसमी बर्फबारी के बाद हुए नुकसान का अब तक कोई मुआवजा लोगों को नहीं दिया और आज लोगों के बगीचे पूरी तरह बर्बाद होने के कगार पर हैं, लेकिन यह सरकार आंखे मूंदे बैठी है. सरकार को चाहिए कि इस स्थिति को आपदा घोषित कर तुरंत लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रयास करे और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए युद्धतर पर कार्य करें. विधायक ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार किन्नौर में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो कांग्रेस को मजबूर होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करना पड़ेगा.
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