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वैक्सीनेशन शुरू करने में प्रशासन को लेनी पड़ी थी देवता की अनुमति, PM ने की स्वास्थ्य विभाग की सराहना

जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी की मलाणा पंचायत जो विश्वभर में अपनी अनूठी बोली के लिए प्रसिद्ध है तो वहीं यहां का अपना ही एक लोकतंत्र भी पंचायत क्षेत्र में चलता है. कुल्लू में स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस की पहली डोज का लक्ष्य हासिल करने के लिए आशा वर्करों के साथ मिलकर काम करना शुरू किया, लेकिन मलाणा पंचायत पहुंचते ही उनका यह अभियान रुक सा गया. मलाणा गांव में आज भी कोई भी कार्यक्रम करने से पहले यहां देवता की अनुमति लेना काफी जरूरी है और बिना देव आदेशों के यहां पर ग्रामीण कोरोना की वैक्सीन लगाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे.

PM Modi conversation with Asha worker Nirma Devi
फोटो.
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Published : Sep 6, 2021, 3:18 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 3:28 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में जहां कोरोना वैक्सीन की पहली डोज का लक्ष्य सरकार के द्वारा हासिल कर लिया गया है तो वहीं, इस वैक्सीनेशन कार्यक्रम में जागरूकता लाने के लिए भी सरकार को ग्रामीण स्तर पर कई प्रयास करने पड़े. इतना ही नहीं यहां एक गांव में वैक्सीनेशन कार्यक्रम को शुरू करने के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को देवता की भी अनुमति लेनी पड़ी. देवता की अनुमति मिलने के बाद ही यहां वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू हो पाया.

जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी की मलाणा पंचायत जो विश्वभर में अपनी अनूठी बोली के लिए प्रसिद्ध है. तो वहीं यहां का अपना ही एक लोकतंत्र भी पंचायत क्षेत्र में चलता है. जिला कुल्लू में स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस की पहली डोज का लक्ष्य हासिल करने के लिए आशा वर्करों के साथ मिलकर काम करना शुरू किया, लेकिन मलाणा पंचायत पहुंचते ही उनका यह अभियान रुक सा गया.

मलाणा गांव में आज भी कोई भी कार्यक्रम करने से पहले यहां देवता की अनुमति लेना काफी जरूरी है और बिना देव आदेशों के यहां पर ग्रामीण कोरोना की वैक्सीन लगाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे. जिला प्रशासन को भी जब इस बारे सूचना मिली तो वे भी हैरान रह गए. ऐसे में ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने के लिए डीसी कुल्लू को अपनी टीम के साथ मलाणा गांव पहुंचना पड़ा.

मलाणा गांव में उन्होंने देवता के कारदार व अन्य प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की. उसके बाद स्थानीय ग्रामीणों व देव प्रतिनिधियों के द्वारा देवता जमदग्नि से इस बारे अनुमति मांगी गई और देवता ने भी कोरोना वैक्सीन लगाने के बारे में अपनी अनुमति दी.

वीडियो.

उसके बाद ग्रामीणों कोरोना का वैक्सीन लगाने के लिए तैयार हुए और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगातार तीन दिनों तक गांव में डटी रही. जिसका परिणाम यह निकला कि आज मलाणा में 200 से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज प्रदान की गई और जिला प्रशासन का यह अभियान भी पूरा हो सका.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में भी पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता की. तो वहीं उन्होंने मलाणा पंचायत में काम कर रही आशा वर्कर निरमा देवी के साथ भी संवाद किया. निरमा देवी ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि मलाणा का अपना लोकतंत्र है और यहां का शासन और प्रशासन स्थानीय देवता की अनुमति से चलता है जिसमें बाहरी हस्तक्षेप न के बराबर है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मलाणा कुल्लू जिला का दूरदराज का एक ऐतिहासिक गांव है और वह स्वयं भी इस गांव में जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि मलाणा ने लोकतंत्र मार्गदर्शन की दिशा में में अलग भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि मलाणा में वैक्सीन पहुंचाना कठिन काम था.

स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता निरमा देवी ने बताया कि पंचायत में लोगों कोरोना की वैक्सीन लेने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे. ऐसे में डीसी कुल्लू ने स्वयं देवता के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की. देवता के प्रतिनिधियों ने भी इस बारे देवता से आदेश मांगा और आदेश मिलने के बाद गांव में कोरोना की वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम शुरू किया गया. आज पूरे पंचायत में सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन दे दी गई है और आगामी दिनों में भी ग्रामीणों को दूसरी डोज उपलब्ध करवाई जाएगी.

डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना है कि इस वर्चुअली कार्यक्रम का जिला भर में एलईडी के माध्यम से भी प्रसारण किया गया और सभी लोगों ने पीएम मोदी के संवाद को भी सुना. वहीं, अब आगामी दूसरी डोज का भी लक्ष्य पूरा करने का कार्यक्रम भी प्रशासन के द्वारा रखा गया है और जल्द से जल्द इसे भी पूरा किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- भौगोलिक दिक्कतों के बावजूद भी हिमाचल ने सबसे तेजी से किया वैक्सीनेशन- पीएम मोदी

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में जहां कोरोना वैक्सीन की पहली डोज का लक्ष्य सरकार के द्वारा हासिल कर लिया गया है तो वहीं, इस वैक्सीनेशन कार्यक्रम में जागरूकता लाने के लिए भी सरकार को ग्रामीण स्तर पर कई प्रयास करने पड़े. इतना ही नहीं यहां एक गांव में वैक्सीनेशन कार्यक्रम को शुरू करने के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को देवता की भी अनुमति लेनी पड़ी. देवता की अनुमति मिलने के बाद ही यहां वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू हो पाया.

जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी की मलाणा पंचायत जो विश्वभर में अपनी अनूठी बोली के लिए प्रसिद्ध है. तो वहीं यहां का अपना ही एक लोकतंत्र भी पंचायत क्षेत्र में चलता है. जिला कुल्लू में स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस की पहली डोज का लक्ष्य हासिल करने के लिए आशा वर्करों के साथ मिलकर काम करना शुरू किया, लेकिन मलाणा पंचायत पहुंचते ही उनका यह अभियान रुक सा गया.

मलाणा गांव में आज भी कोई भी कार्यक्रम करने से पहले यहां देवता की अनुमति लेना काफी जरूरी है और बिना देव आदेशों के यहां पर ग्रामीण कोरोना की वैक्सीन लगाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे. जिला प्रशासन को भी जब इस बारे सूचना मिली तो वे भी हैरान रह गए. ऐसे में ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने के लिए डीसी कुल्लू को अपनी टीम के साथ मलाणा गांव पहुंचना पड़ा.

मलाणा गांव में उन्होंने देवता के कारदार व अन्य प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की. उसके बाद स्थानीय ग्रामीणों व देव प्रतिनिधियों के द्वारा देवता जमदग्नि से इस बारे अनुमति मांगी गई और देवता ने भी कोरोना वैक्सीन लगाने के बारे में अपनी अनुमति दी.

वीडियो.

उसके बाद ग्रामीणों कोरोना का वैक्सीन लगाने के लिए तैयार हुए और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगातार तीन दिनों तक गांव में डटी रही. जिसका परिणाम यह निकला कि आज मलाणा में 200 से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज प्रदान की गई और जिला प्रशासन का यह अभियान भी पूरा हो सका.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में भी पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता की. तो वहीं उन्होंने मलाणा पंचायत में काम कर रही आशा वर्कर निरमा देवी के साथ भी संवाद किया. निरमा देवी ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि मलाणा का अपना लोकतंत्र है और यहां का शासन और प्रशासन स्थानीय देवता की अनुमति से चलता है जिसमें बाहरी हस्तक्षेप न के बराबर है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मलाणा कुल्लू जिला का दूरदराज का एक ऐतिहासिक गांव है और वह स्वयं भी इस गांव में जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि मलाणा ने लोकतंत्र मार्गदर्शन की दिशा में में अलग भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि मलाणा में वैक्सीन पहुंचाना कठिन काम था.

स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता निरमा देवी ने बताया कि पंचायत में लोगों कोरोना की वैक्सीन लेने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे. ऐसे में डीसी कुल्लू ने स्वयं देवता के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की. देवता के प्रतिनिधियों ने भी इस बारे देवता से आदेश मांगा और आदेश मिलने के बाद गांव में कोरोना की वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम शुरू किया गया. आज पूरे पंचायत में सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन दे दी गई है और आगामी दिनों में भी ग्रामीणों को दूसरी डोज उपलब्ध करवाई जाएगी.

डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना है कि इस वर्चुअली कार्यक्रम का जिला भर में एलईडी के माध्यम से भी प्रसारण किया गया और सभी लोगों ने पीएम मोदी के संवाद को भी सुना. वहीं, अब आगामी दूसरी डोज का भी लक्ष्य पूरा करने का कार्यक्रम भी प्रशासन के द्वारा रखा गया है और जल्द से जल्द इसे भी पूरा किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- भौगोलिक दिक्कतों के बावजूद भी हिमाचल ने सबसे तेजी से किया वैक्सीनेशन- पीएम मोदी

Last Updated : Sep 6, 2021, 3:28 PM IST
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