ETV Bharat / city

KULLU: हर साल 9 लाख ट्राउट मछली का बीज तैयार कर रहा पतलीकूहल फिश फार्म - Patlikuhal Fish Farm

हिमाचल में पहली बार साल 1909 में कश्मीर से ट्राउट मछली (trout fish) का बीज लाकर नदी नालों में डाला गया था. उसके बाद से कुल्लू के ठंडे पानी में ट्राउट मछली का उत्पादन (Trout fish production) बेहतर हो रहा है और पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है. पतलीकूहल फिश फार्म (Patlikuhal Fish Farm) के उप निदेशक महेश कुमार (Deputy Director Mahesh Kumar) ने बताया कि ट्राउट मछली का व्यापार उत्पादन 1990 के दशक में प्रदेश में ठंडे जल वाले इलाकों में किया गया.

Trout fish production in Patlikuhal Fish Farm
पतलीकूहल फिश फार्म में ट्राउट मछली का बीज तैयार.
author img

By

Published : Nov 18, 2021, 4:16 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में ट्राउट मछली (trout fish) के उत्पादन में कुल्लू का पतलीकूहल फिश फार्म (Patlikuhal fish form of Kullu) अपनी बेहतरीन भूमिका निभा रहा है. पतलीकूहल फिश फार्म में 9 लाख से अधिक ट्राउट मछली के बीज का उत्पादन किया जा रहा है. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में मछली पालकों को भी फीड व ट्राउट मछली का बीज (trout fish seed) भी कुल्लू से ही मुहैया करवाया जा रहा है.

बता दें कि हिमाचल में पहली बार साल 1909 में कश्मीर से ट्राउट मछली का बीज लाकर नदी नालों में डाला गया था. उसके बाद से कुल्लू के ठंडे पानी में ट्राउट मछली का उत्पादन बेहतर हो रहा है और पर्यटन को बढ़ावा (tourism promotion) देने में भी ट्राउट मछली की अहम भूमिका है. पतलीकूहल फिश फार्म (Patlikuhal Fish Farm) के उप निदेशक महेश कुमार (Deputy Director Mahesh Kumar) ने बताया कि ट्राउट मछली का व्यापार उत्पादन 1990 के दशक में प्रदेश में ठंडे जल वाले इलाकों में किया गया.

वहीं, मत्स्य पालन विभाग (fisheries department) भी किसानों को तकनीकी जानकारी और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है. महेश कुमार ने बताया कि ट्राउट मछली का उत्पादन जिला कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, चंबा शिमला और किन्नौर के ऊपरी इलाकों में हो रहा है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग भी इस से अपनी कमाई कर रहे हैं. महेश कुमार ने बताया कि सन 1998 में नार्वे सरकार के सहयोग से मछली पालन से संबंधित एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. उन्होंने बताया कि जिला कुल्लू में 115 से अधिक निजी मत्स्य पालक है और 334 टैंकों में ट्राउट मछली का पालन करके लगभग 100 टन से अधिक मछली का उत्पादन किया जा रहा है.

महेश कुमार ने बताया कि जिला कुल्लू में ट्राउट मत्स्य पालन को बहुत ज्यादा बढ़ावा मिला है. वहीं, सरकार की विभिन्न स्कीमों (various schemes of the government) नीली क्रांति विकास योजना (blue revolution development plan) के तहत भी नए मछली पालन के तालाब बनाने में सामान्य वर्ग को 40 और अनुसूचित जाति व महिलाओं को 60% अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पतलीकूहल फार्म से मछली की मांग को पूरा किया जा रहा है. इसके साथ-साथ अब इसकी मांग देश के विभिन्न राज्यों में भी बढ़ती जा रही है.

ये भी पढ़ें :चंबा में सड़क हादसा, वैक्सीनेशन कैंप से लौट रहे डॉक्टर की मौत

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में ट्राउट मछली (trout fish) के उत्पादन में कुल्लू का पतलीकूहल फिश फार्म (Patlikuhal fish form of Kullu) अपनी बेहतरीन भूमिका निभा रहा है. पतलीकूहल फिश फार्म में 9 लाख से अधिक ट्राउट मछली के बीज का उत्पादन किया जा रहा है. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में मछली पालकों को भी फीड व ट्राउट मछली का बीज (trout fish seed) भी कुल्लू से ही मुहैया करवाया जा रहा है.

बता दें कि हिमाचल में पहली बार साल 1909 में कश्मीर से ट्राउट मछली का बीज लाकर नदी नालों में डाला गया था. उसके बाद से कुल्लू के ठंडे पानी में ट्राउट मछली का उत्पादन बेहतर हो रहा है और पर्यटन को बढ़ावा (tourism promotion) देने में भी ट्राउट मछली की अहम भूमिका है. पतलीकूहल फिश फार्म (Patlikuhal Fish Farm) के उप निदेशक महेश कुमार (Deputy Director Mahesh Kumar) ने बताया कि ट्राउट मछली का व्यापार उत्पादन 1990 के दशक में प्रदेश में ठंडे जल वाले इलाकों में किया गया.

वहीं, मत्स्य पालन विभाग (fisheries department) भी किसानों को तकनीकी जानकारी और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है. महेश कुमार ने बताया कि ट्राउट मछली का उत्पादन जिला कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, चंबा शिमला और किन्नौर के ऊपरी इलाकों में हो रहा है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग भी इस से अपनी कमाई कर रहे हैं. महेश कुमार ने बताया कि सन 1998 में नार्वे सरकार के सहयोग से मछली पालन से संबंधित एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. उन्होंने बताया कि जिला कुल्लू में 115 से अधिक निजी मत्स्य पालक है और 334 टैंकों में ट्राउट मछली का पालन करके लगभग 100 टन से अधिक मछली का उत्पादन किया जा रहा है.

महेश कुमार ने बताया कि जिला कुल्लू में ट्राउट मत्स्य पालन को बहुत ज्यादा बढ़ावा मिला है. वहीं, सरकार की विभिन्न स्कीमों (various schemes of the government) नीली क्रांति विकास योजना (blue revolution development plan) के तहत भी नए मछली पालन के तालाब बनाने में सामान्य वर्ग को 40 और अनुसूचित जाति व महिलाओं को 60% अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पतलीकूहल फार्म से मछली की मांग को पूरा किया जा रहा है. इसके साथ-साथ अब इसकी मांग देश के विभिन्न राज्यों में भी बढ़ती जा रही है.

ये भी पढ़ें :चंबा में सड़क हादसा, वैक्सीनेशन कैंप से लौट रहे डॉक्टर की मौत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.