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पंचायत प्रतिनिधियों ने ADM के माध्यम से सीएम को भेजा ज्ञापन, SMC शिक्षकों को बहाल करने की मांग

स्पीति घाटी की 13 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने की मांग की है. पंचायत प्रतिनिधियों ने एडीएम काजा के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा है.

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Published : Sep 5, 2020, 6:47 PM IST

SMC teachers in Lahaul Spiti
स्पीति में एसएमसी शिक्षक

लाहौल स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के स्पीति घाटी की 13 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने की मांग की है. 13 पंचायत प्रधानों, उप प्रधानों, बीडीसी सदस्यों व जिला परिषद सदस्यों ने एडीएम काजा के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा है.

पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों को निकाले जाने के निणर्य से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्र स्पीति के सरकारी पाठशाला में गंभीर व विकट समस्याएं पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि इस ज्ञापन के माध्यम से वह मुख्यमंत्री को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाना चाहते है.

पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि 17 जुलाई 2012 को जनजातीय और अति दुर्गम क्षेत्र में लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों को भरने के लिए व बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखने को एसएमसी शिक्षकों की भर्ती की थी. उनका कहना है कि बाहरी क्षेत्र से सर्दियों में माइनस 30 डिग्री के बीच तापमान रहने वाले स्पीति घाटी में कोई भी कर्मचारी सेवाएं देना काला पानी को सजा के सामान समझते है. इन विकट परिस्थितियों में इन एसएमसी शिक्षकों ने ही सेवाएं दी है.

जिला परिषद सदस्यों का कहना है कि स्पीति में सालों से एमएमसी शिक्षक ही स्कूल संभाले हुए हैं. उनका कहना है अधिकतर स्कूल इन शिक्षकों पर ही निर्भर है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे इन शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखे ताकि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो.

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के उप अध्यक्ष पूर्व विधायक लाहौल स्पीति के रवि ठाकुर ने बताया कि सरकार ने एसएमसी के द्वारा हिमाचल प्रदेश व जनजातिय क्षेत्र में लोगों के हित के अनुसार रिक्त पद भरे थे. मौजूदा सरकार ने जनता के हित की अनदेखी करते हुए इनको रद्द कर दिया जिसके एवज में तमाम पंचायती राज जनता के आवाज सरकार तक आवेदन के रूप में पहुंचाया.

पूरे लाहौल स्पीति में बच्चों की शिक्षा के अनदेखी को लेकर भारी रोष है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि तुरंत इनके आवदेन को स्वीकार करते हुए पदों को भरा जाए. उधर, एडीएम काजा ज्ञान सागर नेगी ने बताया कि घाटी की समस्त पंचायत प्रतिनिधियों ने उनके माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा है.

कहां कितने एसएमसी शिक्षक दे रहे सेवाएं

लोसर पांच, हंसा सात, किबर चार, रांगरिक चार, काजा नौ, मने नौ, ताबो दो, गुलिंग दो, शगनम सात, ढंखर तीन, लालूग दो, हल एक, हुर्लिंग एक, पोह एक, डेमुल पांच, मुद दो, तेलिंग एक, तंगति एक, हिक्कम तीन, कीह एक टशी गंग एक, क्योटो दो, क्योमों दो, चिचम दो व लंगचा एक अध्यापक एमएमसी के माध्यम से कुल 76 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे थे.

ये भी पढ़ें: पीटीए शिक्षक ने CM सहित महेन्द्र सिंह ठाकुर का जताया आभार, बोले: टीचर्स हमेशा याद रखेंगे ये उपकार

लाहौल स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के स्पीति घाटी की 13 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने की मांग की है. 13 पंचायत प्रधानों, उप प्रधानों, बीडीसी सदस्यों व जिला परिषद सदस्यों ने एडीएम काजा के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा है.

पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों को निकाले जाने के निणर्य से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्र स्पीति के सरकारी पाठशाला में गंभीर व विकट समस्याएं पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि इस ज्ञापन के माध्यम से वह मुख्यमंत्री को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाना चाहते है.

पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि 17 जुलाई 2012 को जनजातीय और अति दुर्गम क्षेत्र में लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों को भरने के लिए व बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखने को एसएमसी शिक्षकों की भर्ती की थी. उनका कहना है कि बाहरी क्षेत्र से सर्दियों में माइनस 30 डिग्री के बीच तापमान रहने वाले स्पीति घाटी में कोई भी कर्मचारी सेवाएं देना काला पानी को सजा के सामान समझते है. इन विकट परिस्थितियों में इन एसएमसी शिक्षकों ने ही सेवाएं दी है.

जिला परिषद सदस्यों का कहना है कि स्पीति में सालों से एमएमसी शिक्षक ही स्कूल संभाले हुए हैं. उनका कहना है अधिकतर स्कूल इन शिक्षकों पर ही निर्भर है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे इन शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखे ताकि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो.

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के उप अध्यक्ष पूर्व विधायक लाहौल स्पीति के रवि ठाकुर ने बताया कि सरकार ने एसएमसी के द्वारा हिमाचल प्रदेश व जनजातिय क्षेत्र में लोगों के हित के अनुसार रिक्त पद भरे थे. मौजूदा सरकार ने जनता के हित की अनदेखी करते हुए इनको रद्द कर दिया जिसके एवज में तमाम पंचायती राज जनता के आवाज सरकार तक आवेदन के रूप में पहुंचाया.

पूरे लाहौल स्पीति में बच्चों की शिक्षा के अनदेखी को लेकर भारी रोष है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि तुरंत इनके आवदेन को स्वीकार करते हुए पदों को भरा जाए. उधर, एडीएम काजा ज्ञान सागर नेगी ने बताया कि घाटी की समस्त पंचायत प्रतिनिधियों ने उनके माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा है.

कहां कितने एसएमसी शिक्षक दे रहे सेवाएं

लोसर पांच, हंसा सात, किबर चार, रांगरिक चार, काजा नौ, मने नौ, ताबो दो, गुलिंग दो, शगनम सात, ढंखर तीन, लालूग दो, हल एक, हुर्लिंग एक, पोह एक, डेमुल पांच, मुद दो, तेलिंग एक, तंगति एक, हिक्कम तीन, कीह एक टशी गंग एक, क्योटो दो, क्योमों दो, चिचम दो व लंगचा एक अध्यापक एमएमसी के माध्यम से कुल 76 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे थे.

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